एक सच्चा वाक़िआ, और उतना ही सच्चे दिल से अदा किया गया शुक्रिया। यक़ीनी तौर पर शुक्राने की ये आवाज़ उन तमाम डॉक्टर्स और उनके…
View More ‘नेशनल डॉक्टर्स डे’ : दिल से निकली ये शुक्राने की आवाज़ बहुतों के दिल तक पहुँचेगी!Tag: प्रेरक
टी-20 क्रिकेट विश्वकप : ख़िताब के नायक रोहित , तो फाइनल में जीत के हार्दिक!
ये कहानी शुरू होती है 10 जून 2022 से। ऑस्ट्रेलिया में भारत और इंग्लैंड के बीच टी-20 क्रिकेट विश्वकप का सेमीफाइनल मुक़ाबला था। रोहित शर्मा…
View More टी-20 क्रिकेट विश्वकप : ख़िताब के नायक रोहित , तो फाइनल में जीत के हार्दिक!टी-20 क्रिकेट विश्वकप : ऑस्ट्रेलियाई पंखों से उड़े, अफ़ग़ान हौसलों से…जीते अफ़ग़ानी!
“मंज़िल उनको मिलती है, जिनके इरादों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।।” किसी ने ऐसा लिखा, और…
View More टी-20 क्रिकेट विश्वकप : ऑस्ट्रेलियाई पंखों से उड़े, अफ़ग़ान हौसलों से…जीते अफ़ग़ानी!शोर-शराबे के बीच पहियों पर दौड़ते पुस्तकालय : अभाव के बीच बेहतर करने का भाव!
तस्वीर में दिख रहे ये कुछ प्रतिनिधि चेहरे हैं। अलग प्रान्त, अलग देश, अलग पहचान, अलग ज़ुबान, अलग नाम। लेकिन काम एक जैसा! तस्वीर में…
View More शोर-शराबे के बीच पहियों पर दौड़ते पुस्तकालय : अभाव के बीच बेहतर करने का भाव!‘अमेरिकी भारतीय क्रिकेट टीम’ से सबक- सपने को जीना मत छोड़िए, पूरा ज़रूर होगा!
अगर क्रिकेट से किसी का ज़रा भी वास्ता है तो वह इस खेल के टी-20 विश्वकप में अमेरिकी क्रिकेट टीम के शानदार प्रदर्शन से ज़रूर…
View More ‘अमेरिकी भारतीय क्रिकेट टीम’ से सबक- सपने को जीना मत छोड़िए, पूरा ज़रूर होगा!शिक्षक और शिष्या की लिखी दो कविताएँ पढ़िएगा… एक साथ!!
इससे पहले शायद ही कभी ऐसा हुआ हो। लेकिन #अपनीडिजिटलडायरी के सकारात्मक प्रयासों के क्रम में यह सम्भव हो पाया है। #अपनीडिजिटलडायरी के संस्थापकों में…
View More शिक्षक और शिष्या की लिखी दो कविताएँ पढ़िएगा… एक साथ!!देखिए… हारते सिर्फ़ वही हैं, जो दौड़ में गिरने बाद फिर से उठकर दौड़ते नहीं!
इस तरह के वीडियो और भी बहुत से मिल जाएँगे। हालाँकि यहाँ नीचे जो वीडियो दिया गया है, वह साल 2008 का है। अमेरिका में…
View More देखिए… हारते सिर्फ़ वही हैं, जो दौड़ में गिरने बाद फिर से उठकर दौड़ते नहीं!दादी के बटुए से निकला पुस्तकों का होटल – ‘आज्जीचं पुस्तकांचं होटेल’
दादी-नानाी के बटुए से क्या-कुछ नहीं निकलता। क़िस्से-कहानियाँ निकलते हैं। घर चलाने, रिश्ते निभाने, सेहतमन्द रहने के नुस्ख़े निकलते हैं। कभी-कभी तो बहुत ज़बर्दस्त आइडिया…
View More दादी के बटुए से निकला पुस्तकों का होटल – ‘आज्जीचं पुस्तकांचं होटेल’आओ कोई ख़्वाब बुनें : ऐसे सिद्धान्तों के साथ जीवन मुश्किल है, पर हम लगे हैं कि…
मनोज कुयटे और कोमल कुयटे महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के संग्रामपुर तालुका के रहने वाले हैं। मनोज ने टाटा सामाजिक संस्थान, मुम्बई से जल नीति…
View More आओ कोई ख़्वाब बुनें : ऐसे सिद्धान्तों के साथ जीवन मुश्किल है, पर हम लगे हैं कि…पद का दुरुपयोग तो सब करते हैं, मगर उसका सदुपयोग इन जज साहब से सीखिए!
कहते हैं ‘पद के साथ मद’ यानि घमंड तो आ ही जाता है। और ‘मद’ के प्रभाव में पद के दुरुपयोग की सम्भावनाएँ भी हमेशा…
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