भारतीय निशानेबाज़ मनु भाकर ने मंगलवार, 30 जुलाई को पेरिस ओलम्पिक में एक और पदक जीत लिया। उन्होंने अपने साथी निशानेबाज़ सरबजोत सिंह के साथ…
View More एक ओलम्पिक में दो पदक जीतने वाली मनु भाकर- भारतीय संस्कृति की वाहक!Tag: रोचक-सोचक
अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस : बाघों ने इलाक़ा समेट लिया, शायद वे इंसानों से ज़्यादा समझदार हैं!
अभी 29 जुलाई को ‘अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस’ मना। मध्य प्रदेश के लिए इस दिवस के मायने बहुत हैं क्योंकि यह राज्य पूरे देश में सर्वाधिक…
View More अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस : बाघों ने इलाक़ा समेट लिया, शायद वे इंसानों से ज़्यादा समझदार हैं!मनु भाकर को ओलम्पिक पदक दिलाने में ‘मददगार’ भगवद् गीता, हमारी…!
भारत की निशानेबाज़ मनु भाकर ने रविवार को पेरिस ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा में यह…
View More मनु भाकर को ओलम्पिक पदक दिलाने में ‘मददगार’ भगवद् गीता, हमारी…!माइक्रोसॉफ्ट संकट में रूस-चीन ने दिखाया- पाबन्दी आत्मनिर्भरता की ओर ले जाती है
अभी 20 जुलाई को दुनिया जब ‘माइक्रोसॉफ्ट-संकट’ से जूझ रही थी तो चीन और रूस में जीवन सामान्य था। पाबन्दियों के अपने लाभ भी होते…
View More माइक्रोसॉफ्ट संकट में रूस-चीन ने दिखाया- पाबन्दी आत्मनिर्भरता की ओर ले जाती हैआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : आँख का अंधा, नाम नयनसुख
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग आजकल हर जगह हो रहा है। कुछ जगहों पर उपयोगकर्ता की सहमति से तो कुछ जगहों पर बिना किसी को पूछे।…
View More आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : आँख का अंधा, नाम नयनसुखतलाक़ होता तो ‘ग्रे’ ही है…शादी के 3 मिनट बाद हो, 3 बार कहने से हो या 17 साल बाद!
मीडिया और सोशल मीडिया भी अजब-ग़ज़ब है। वहाँ कोई एक मसला सुर्ख़ियों में आते ही उसे अपने-अपने फ़ायदे के लिए हर तरफ़ से भुनाने की…
View More तलाक़ होता तो ‘ग्रे’ ही है…शादी के 3 मिनट बाद हो, 3 बार कहने से हो या 17 साल बाद!सौरव गांगुली का सबक : टीम के खिलाड़ी सही रास्ते पर हैं, तो कप्तान उन्हें टोके नहीं
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली नेतृत्त्व कौशल की एक बेहद अहम विशिष्टता बता रहे हैं। नीचे उनका वीडियो दिया गया है। यह…
View More सौरव गांगुली का सबक : टीम के खिलाड़ी सही रास्ते पर हैं, तो कप्तान उन्हें टोके नहींविदेशी है तो बेहतर ही होगा, इस ‘ग़ुलाम सोच’ को जितनी जल्दी हो, बदल लीजिए!
विदेशी है तो बेहतर ही होगा! आम तौर पर हम भारतीयों की यही सोच होती है कि अगर कोई सामान विदेश में बना है तो…
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“इतने गन्दे कपड़े पहनकर रोज आता है, क्या तुझे वर्दी के पैसे नहीं मिले? भाई नई खरीद ले।” अपनी कक्षा के बच्चे से ऐसा कह…
View More हमें समझना होगा कि मात्र विद्यालय में दी जाने वाली शिक्षा ही सबकुछ नहीं है!दक्षिण भारत से सीखिए – मासिक धर्म छिपाने का नहीं उत्सव मनाने का मौका है!
हिन्दुस्तान के बड़े हिस्से में महिलाओं का मासिक धर्म आज भी दूसरों से छिपाने का विषय होता है। इससे जुड़ी तमाम तरह की भ्रान्तियाँ देश…
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