मेरे प्यारे बाशिन्दे, मैं तुम्हें यह पत्र लिखते हुए थोड़ा सा भी खुश नहीं हो पा रहा हूँ कि इस बार मेरी अमराई (आम का…
View More गाँव की दूसरी चिठ्ठी : रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ…!!Tag: अपना पन्ना
ट्रम्प की दोस्ती का अनुभव क्या मोदीजी को नई सोच की ओर प्रेरित करेगा?
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चलाए गए भारत के ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ का नाटकीय ढंग से पटाक्षेप हो गया। इसके साथ ही यह घटनाक्रम उभरते भारत के लिए…
View More ट्रम्प की दोस्ती का अनुभव क्या मोदीजी को नई सोच की ओर प्रेरित करेगा?ईमानदारी से व्यापार नहीं किया जा सकता, इस बात में कितनी सच्चाई है?
अगर आप ईमानदार हैं, तो आप कुछ बेच नहीं सकते। क़रीब 20 साल पहले जब मैं अमेरिका में था, तब मेरे एक दोस्त ने मुझसे यह…
View More ईमानदारी से व्यापार नहीं किया जा सकता, इस बात में कितनी सच्चाई है?जो हम हैं, वही बने रहें, उसे ही पसन्द करने लगें… दुनिया के फ़रेब से ख़ुद बाहर आ जाएँगे!
कल रात मोबाइल स्क्रॉल करते हुए मुझे Garden Spells का एक वाक्यांश मिला, you are who you are, whether you like it or not, so…
View More जो हम हैं, वही बने रहें, उसे ही पसन्द करने लगें… दुनिया के फ़रेब से ख़ुद बाहर आ जाएँगे!‘एशेज़ क्रिकेट श्रृंखला’ और ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की कहानियाँ बड़े दिलचस्प तौर से जुड़ी हैं!
यह 1970 के दशक की बात है। इंग्लैण्ड और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई समझी जाने वाली ‘एशेज़ क्रिकेट’ श्रृंखला चल रही थी। पाँच…
View More ‘एशेज़ क्रिकेट श्रृंखला’ और ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की कहानियाँ बड़े दिलचस्प तौर से जुड़ी हैं!‘ग़ैरमुस्लिमों के लिए अन्यायपूर्ण वक़्फ़’ में कानूनी संशोधन कितना सुधार लाएगा?
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव उतार पर है। इसके बाद आशंका है कि वक़्फ़ संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ फिर देश के भीतर धीरे-धीरे विरोध के सुर…
View More ‘ग़ैरमुस्लिमों के लिए अन्यायपूर्ण वक़्फ़’ में कानूनी संशोधन कितना सुधार लाएगा?‘मदर्स डे’ माँ घर की कच्ची रसोई में अक्सर, सिर्फ भोजन नहीं प्रेम पकाती है!
माँ घर की कच्ची रसोई में अक्सरसिर्फ भोजन नहीं प्रेम पकाती है। स्नेह की धीमी आँच पर बड़े लाड़के साथ वह पकवान बनाती है। उसके…
View More ‘मदर्स डे’ माँ घर की कच्ची रसोई में अक्सर, सिर्फ भोजन नहीं प्रेम पकाती है!कितना अच्छा होता कि…, दुनिया में कोई जंग ना होती
कितना अच्छा होता कि कोई उम्मीद अधूरी न होती किसी के बदल जाने से तक़लीफ़ न होती दुनिया में कोई जंग न होती न ये…
View More कितना अच्छा होता कि…, दुनिया में कोई जंग ना होती‘मदर्स डे’ : ये जो मैं थोड़ा सा इंसान हो सका हूँ, सब अम्मा का ही करम है!
अम्मा नहीं जानतीं, ‘मदर्स डे’ क्या बला है! उन्हें तो बस चूल्हा-चौकी और गृहस्थी के खबार से ही फुर्सत नहीं है। उन्होंने पढ़ने की उम्र…
View More ‘मदर्स डे’ : ये जो मैं थोड़ा सा इंसान हो सका हूँ, सब अम्मा का ही करम है!बेटी के नाम नौवीं पाती : मुझमें और अधिक मनुष्यता भरने के लिए शुक्रिया मेरी गिलहरी
प्रिय मुनिया मेरी लाडो! मैं तुम्हें यह पत्र तब लिख रहा हूँ, जब लगभग माहभर के लिए स्कूल जाने के बाद तुम्हारी छुट्टियाँ शुरू हो…
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