डर गुस्से की तरह नहीं होता। यह अलग-अलग चरणों में आता है, जिन्हें गिना नहीं जा सकता। डर को सन्दूक में बन्द नहीं कर सकते।…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’: डर गुस्से की तरह नहीं होता, यह अलग-अलग चरणों में आता है!Tag: सरोकार
वैदिक यज्ञ परम्परा में पशु यज्ञ का वास्तविक स्वरूप कैसा है?
श्रृंखला की पिछली कड़ी और कड़ियों में हमने देखा कि सनातन वैदिक धर्म में श्रौत परम्परा अपरिहार्य क्यो (पिछली कड़ियों के शीर्षक उनकी लिंक्स के…
View More वैदिक यज्ञ परम्परा में पशु यज्ञ का वास्तविक स्वरूप कैसा है?‘मायावी अम्बा और शैतान’: आखिरी अंजाम तक, क्या मतलब है तुम्हारा?
सामने से हो रही गोलीबारी का जवाब देने के लिए जैसे ही अंबा ने अपनी बंदूक का घोड़ा दबाया उसके कंधे में जोर का झटका…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’: आखिरी अंजाम तक, क्या मतलब है तुम्हारा?भारत सिर्फ़ अंग्रेजी ही नहीं बोलता!
भारत सिर्फ़ अंग्रेजी ही नहीं बोलता! किसी के भी पास सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में संवाद और संचार की एक ही भाषा होती है- अंग्रेजी।…
View More भारत सिर्फ़ अंग्रेजी ही नहीं बोलता!चन्द पैसों के अपनों का खून… क्या ये शर्म से डूब मरने की बात नहीं है?
ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के लिए यक़ीनन पैसा ज़रूरी है, लेकिन सिर्फ़ और सिर्फ़ पैसा ही ज़रूरी नहीं है। इंसान को जीने के लिए समाज,…
View More चन्द पैसों के अपनों का खून… क्या ये शर्म से डूब मरने की बात नहीं है?सनातन वैदिक धर्म में श्रौत परम्परा अपरिहार्य क्यों है?
प्राय: आस्तिक लोग वेदों की सर्वोच्चता को स्वीकार करते हैं, लेकिन इस स्वीकृति के क्या मायने होते हैं, यह जानने-समझने का उपाय किसी के पास…
View More सनातन वैदिक धर्म में श्रौत परम्परा अपरिहार्य क्यों है?व्यासपीठ से भी कथावाचक पूरे आत्मविश्वास के साथ ग़लतियाँ कैसे कर लेते हैं? ज़वाब सुनिए…
अभी क़रीब एक महीने पहले की बात है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बड़े लोकप्रिय कथावाचक श्रीमद्भागवतजी की कथा करने आए हुए थे।…
View More व्यासपीठ से भी कथावाचक पूरे आत्मविश्वास के साथ ग़लतियाँ कैसे कर लेते हैं? ज़वाब सुनिए…‘मायावी अम्बा और शैतान’: जंगल में महज किसी की मौत से कहानी खत्म नहीं होती!
अंबा ने ध्यान से देखा तो नकुल को करीब 20 मीटर दूर उसकी बंदूक पर सिर झुकाकर चुपचाप बैठे हुए पाया। तभी बम का कोई…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’: जंगल में महज किसी की मौत से कहानी खत्म नहीं होती!Dream of Digital India : A cashless India is the first step towards
“In a world that’s rapidly evolving, India is taking giant strides towards a future that’s cashless, contactless, and convenient. Today, I’ll delve into the transformative…
View More Dream of Digital India : A cashless India is the first step towardsसनातन धर्म क्या है?
(लेखक विषय की गम्भीरता और अपने ज्ञानाभास की सीमा से अनभिज्ञ नहीं है। वह न तो वैदिक या शास्त्रीय परम्परा का अभ्यासी है और न…
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