विकास, दिल्ली से
एक विज़ुअल है, दृश्य। सुबह का समय है।
एक बच्चा अपने पापा की उँगली पकड़े जा रहा है। सोसायटी से बाहर की ओर। पापा के हाथ में ऑफिस बैग है। बच्चे की पीठ पर स्कूल का बैग है।
एक और बच्चा है। पापा की उँगली पकड़े आ रहा है। सोसायटी में। पापा के हाथ में पानी की बाल्टी है। एक ब्रश है। बच्चे के हाथ में मैला कपड़ा है।
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अंग्रेजी में ‘पंच’ (Punch) का मतलब होता है, ‘मुक्का मारना’। ऐसा, जो शरीर को झकझोर कर रख दे। और इसी ‘पंच’ का एक दूसरा मतलब होता है, ‘छेद करना’। यूँ, कि गहरे तक धँस जाए। ऊपर ये जो पाँच लाइनें हैं न, ये ऐसी ही हैं। ‘पंच’ की तरह झकझोर देने वालीं। गहरे तक धँस जाने वालीं। इन पाँच लाइनों में खींचे गए दृश्य के दो अलग-अलग सिरों को छूने की कोशिश कीजिएगा। पाँच लाइनों का ‘पंच’ ख़ुद महसूस होगा।
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(विकास, एक निजी कम्पनी में नौकरी करते हैं। #अपनीडिजिटलडायरी के साथ उसकी शुरुआत से जुड़े हुए हैं।)
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