टीम डायरी
ये बदलते भारत की कुछ और जीवन्त तस्वीरें हैं। लेकिन जैसा कि अमूमन होता है, इनमें कोई मसाला नहीं है इसलिए ये सुर्ख़ियाँ भी तुलनात्मक रूप से कम बटोरती हैं। अलबत्ता, #अपनीडिजिटलडायरी के पन्नों पर ऐसी चीज़ों को दर्ज़ करने की हर मुमकिन कोशिश रहती है। तो उसी कोशिश के तहत यह भी।
भारतीय वायुसेना के आधिकारिक यूट्यूब चैनल से यह वीडियो लिया गया है। इसे देखिएगा कि किस तरह आसमान से एक पूरा का पूरा ‘अस्पताल’ ज़मीन पर गिराया जा रहा है, पैराशूट की मदद से। इस ‘अस्पताल’ में लोगों के इलाज़ में काम आने वाली 72 तरह की चीज़ें हैं। दवाएँ, इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेंडर, आदि। ये सब कुछ आसानी से एक से दूरी जगह ले जाया जा सकता है। इनसे 200 लोगों का इलाज़ हो सकता है।
इसके बाद अब भारतीय वायुसेना के ही आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर जारी तस्वीरों को देखिए। उत्तर प्रदेश के आगरा में ज़मीन पर गिराया गया पूरा ‘अस्पताल’ और उसमें रखे चिकित्सा उपकरण, आदि सब एकदम सुरक्षित हैं। उनमें कोई टूट-फूट नहीं हुई है। वायुसेना के अनुसार, एयर मार्शल राजेश वैद्य (महानिदेशक, चिकित्सा सेवा वायु) और आरोग्य मैत्री कार्यबल के प्रमुख ने मिलकर मौक़ा मुआयना किया। इसमें परीक्षण सफल बताया।
An IAF C-130 aircraft did a trial paradrop of Arogya Maitri Disaster Brick . An innovation aiding swift disaster relief by being para dropped, these 'bricks' contain essential survival material for disaster stuck locations unreachable by other means.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 15, 2024
The trial was undertaken in… pic.twitter.com/khXIfVXNXz
अन्त में इससे जुड़ी ख़बरों पर ग़ौर कर लेते हैं। दरअस्ल, यह परीक्षण भारत सरकार की ‘भीष्म’ नामक पहल के तहत हुआ है। ‘भीष्म’ यानि ‘भारत हैल्थ इनीशिएटिव फॉर सहयोग, हित एंड मैत्री’। यह पहल देश-दुनिया में होने वाली विभिन्न आपदाओं के दौरान प्रभावित लोगों तक तुरन्त प्रभावी चिकित्सकीय मदद पहुँचाने के लिए है। इसमें ऐसा बन्दोबस्त है कि विमान से पूरा अस्थायी ‘अस्पताल’ चिकित्सकों और अन्य चिकित्सा पेशेवरों के साथ प्रभावित स्थल पर पहुँचा दिया जाए। कुछ ही मिनटों में उसे जमाकर खड़ा कर दिया जाए और वह काम करने लगे।
बताया जा रहा है कि अभी ‘भीष्म’ के परीक्षण का यह शुरुआती चरण है। आगे इसका और विवरण जल्द सामने आएगा। हालाँकि, आग़ाज़ देखकर तो यही कह सकते हैं कि अंज़ाम अच्छा ही होना है।