श्याम सुन्दर शर्मा, भोपाल मध्य प्रदेश
यह वीडियो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का है। देखिए गौर से, और सोचिए।
शहर के व्यस्ततम इलाक़े- बोर्ड ऑफिस चौराहे पर संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा पर आज की स्थिति दु:खद है। जबकि अभी दो-तीन दिन पहले, 14 अप्रैल को यहाँ चहल-पहल थी। बाबा साहेब की जयन्ती के मौक़े पर पूरे देश के साथ यहाँ भी ‘संविधान निर्माता’ के प्रति प्रेम जताते हुए लोग दीपक जला रहे थे। फूल माला चढ़ा रहे थे। तिरंगे लहरा रहे थे। डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर की जय-जयकार कर रहे थे। रैलियाँ निकाल रहे थे। उस अवसर पर विशेष ‘स्वच्छता अभियान’ भी चलाया गया। तमाम जगह साफ-सफाई की गई।
लेकिन तारीख़ बीती और बाबा साहेब के प्रति प्रेम, तिरंगे की मर्यादा, सब कुछ भुला दिया गया। हालात वीडियो में देख सकते हैं। बाबा साहेब की प्रतिमा बासी फूल मालाओं के कचरे से लदी है। प्रतिमा के आस-पास भी कचरा फैला हुआ है। तिरंगे यहाँ-वहाँ आड़े-तिरछे लटके हुए हैं। जबकि इस जगह से महज़ आधा-एक किलोमीटर की दूरी पर राज्य विधानसभा है। वहीं मंत्रालय है। प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री, अफ़सरान, सब वहीं बैठते हैं।
यही नहीं, यहाँ से लगभग दो किलोमीटर दूर भोपाल नगर निगम का दफ़्तर है। वहाँ शहर की सरकार, उसकी मुखिया- महापौर बैठती हैं। साथ ही निगम के आयुक्त वग़ैरा भी। ये सब ज़िम्मेदार लोग इस व्यस्त चौराहे से दिन में कई-कई बार गुजरते हैं। लेकिन ये लोग देखते कुछ नहीं। अचरज की बात है न? शर्म और दुख की भी।
आख़िर हम आने वाली पीढ़ियों को क्या सन्देश देना चाहते हैं? ज़िम्मेदारों में थोड़ी लिहाज़-शर्म बची हो, तो उन्हें ग़लती सुधारनी चाहिए। इतना ही नहीं, आगे भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा फिर कहीं और किसी महापुरुष के प्रतिमा स्थल या स्मृति स्थल पर न हो। क्योंकि ऐसा अक़्सर ही होता है। सो, हम सब के लिए भी मौज़ूँ सवाल बनता है कि आख़िर ऐसा होता क्यों है? हमें भी सोचना चाहिए, इस बारे में।
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(नाेट : एक बार करोड़ों के घाटे में पटक कर बन्द कर दिए गए और अब करोड़ों रुपए लगाकर फिर शुरू किए जा रहे राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी नेता हैं श्री श्याम सुन्दर शर्मा जी। उन्होंने यह वीडियो, तस्वीर और अपने लिखित विचार #अपनीडिजिटलडायरी को व्हाट्सएप सन्देश के माध्यम से भेजे है।)