प्रतीकात्मक तस्वीर
निकेश जैन, इन्दौर मध्य प्रदेश
एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पेरिस में एआई एक्शन समिट (कृत्रिम बुद्धिमत्ता कार्रवाई सम्मेलन) को सम्बोधित किया। उन्होंने उसमें अपने सम्बोधन की शुरुआत एक तज़ुर्बे से की। उन्होंने कहा कि अगर एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता या मशीनी बुद्धि) से कहा जाए कि वह उल्टे हाथ से लिखने वाले की तस्वीर बनाकर दे, तो बहुत सम्भव है कि एआई हमें सीधे हाथ से लिखने वाले की तस्वीर ही बनाकर देगा।
यह सुनकर मेरे दिमाग़ में सवाल आया कि क्या ये सच हे? तो मैंने तुरन्त चैटजीपीटी खोला और उससे यही सवाल पूछ लिया कि उल्टे हाथ से लिखने वाले की तस्वीर बनाकर दी जाए। लेकिन मेरे अचरज का ठिकाना नहीं रहा, जब चैटजीपीटी ने सच में सीधे हाथ से लिखने वाले की तस्वीर बनाकर ही मुझे दी।
अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे बताया कि यह समस्या इसलिए है क्योंकि एआई को उपलब्ध कराई गई जानकारियों/तथ्यों (डेटा) और उसके प्रशिक्षण में अभी कहीं गुंज़ाइश है। उसे कुछ ख़ास तरीक़े का ही प्रशिक्ष्ण दिया गया है। विशिष्ट जानकारियाँ और तथ्य ही उसे उपलब्ध कराए गए हैं।
तो, इस एक उदाहरण मात्र से स्पष्ट समझा जा सकता है कि एआई को विनियमित (रेगुलेट) किए जाने की ज़रूरत क्यों है? हालाँकि, देखा जाए तो एआई की क्षमताएँ अद्भुत है। मानवता के लिए यह ऐसा तकनीकी वरदान है, जो चमत्कार कर सकता है। लेकिन ऊपर जो उदाहरण दिया गया, वह उसके कुछ ख़राब पहलुओं में से ही एक स्थिति है। इसीलिए उस पर नकेल कसने और नकेल बनाए रखने की ज़रूरत भी है।
उम्मीद की जानी चाहिए कि तकनीक के विशेषज्ञ, जानकार इस बात को समझेंगे। वे ऐसा ढाँचा तैयार करेंगे, जो एआई के चारों ओर सुरक्षा दायरे की तरह होगा। ऐसा दायरा, जो नवाचारों और सम्भावनाओं के भरपूर उपयोग की अनुमति देता हो। साथ ही, एआई को पक्षपाती भी न होने दे। उसे हद में रखे।
क्या ख़्याल है?
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निकेश का मूल लेख
Yesterday at Paris AI Action Summit PM Modi started his speech with an experiment – he said if you ask AI to draw a picture of someone writing with left hand, most likely AI will draw a picture of someone writing with right hand!!
I was surprised – is it true?
I immediately opened chat GPT and asked it to draw a picture of someone writing with left hand and to my surprise it drew a picture of someone writing with right hand!!!
Then PM Modi explained – it’s due to the nature of training data and biases around it.
This one example clearly demonstrated why AI needed to be regulated.
AI has so much potential and it can truly do wonders for humanity but like every technology it also has a dark side and that must be regulated.
Hopefully the world leaders and technocrats will be able to find a framework which will put a guardrail around AI without impacting innovation and its potential….
Thoughts?
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(निकेश जैन, कॉरपोरेट प्रशिक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी- एड्यूरिगो टेक्नोलॉजी के सह-संस्थापक हैं। उनकी अनुमति से उनका यह लेख अपेक्षित संशोधनों और भाषायी बदलावों के साथ #अपनीडिजिटलडायरी पर लिया गया है। मूल रूप से अंग्रेजी में उन्होंने इसे लिंक्डइन पर लिखा है।)
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