टीम डायरी, 20/11/2020
धर्म, जाति, भाषा के नाम पर एक-दूसरे के ख़िलाफ़ खड़े होने की सूचना-सामग्री अथाह है। समाचार माध्यमों और कथित सामाजिक माध्यमों (Social Media) पर ऐसा कुछ एक ढूँढ़ने जाएँ, तो सैकड़ों की तादाद हाथ में आती है। पर उसी अँधेरी खोह में कोई टिमटिमाती सी एकाध रोशनी भी कभी मिल जाती है। जैसे यह वीडियाे। इसे किसने बनाया? इसमें दिख रहे कलाकार कौन हैं, कहाँ से हैं? #अपनीडिजिटलडायरी इन सवालों के ज़वाब नहीं ढूँढ़ सकी। बस ये अंदाज़ा होता है, यह दक्षिण भारत के कुछ जागरूक और भाषायी सरोकार रखने वालों की सर्वोत्तम कृति है। चूँकि #अपनीडिजिटलडायरी भी भाषा के प्रति ‘सरोकार’ रखती है, इसलिए यह यहाँ है। यू-ट्यूब पर थोड़ा-बहुत खँगालने पर एक अनुमान और लगता है कि यह वीडियो लगभग 2 साल पुराना है। अलबत्ता इसकी प्रासंगिकता न तो तब कम थी, न आज पुरानी है और न ही भविष्य में क्षीण होने वाली है। इसलिए भी यह यहाँ है। गीत के बोल नीचे हैं। इतने सरल कि कोई भी स-अर्थ समझ सकता है। जिन्हें दिक्कत हो, वे थोड़ा प्रयास कर, अपने बड़ों की मदद लेकर समझ सकते हैं। अच्छा लगे तो इस भाव को, इस कृति को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में मदद भी कर सकते हैं। अपनी भाषा, उसके गौरव के लिए हम इतना तो कर ही सकते हैं न?
सरल भाषा संस्कृतं सरस भाषा संस्कृतम् ।
सरस सरल मनोज्ञमङ्गल देवभाषा संस्कृतम् ॥
मधुरभाषा संस्कृतं मृदुलभाषा संस्कृतम् ।
मधुर मृदुल मनोहरामृत तुल्यभाषा संस्कृतम् ॥
देवभाषा संस्कृतं वेदभाषा संस्कृतम् ।
भेदभावविनाशकं खलु दिव्यभाषा संस्कृतम् ॥
अमृत भाषा संस्कृतं अतुल भाषा संस्कृतम् ।
सुकृतिजनहृदि परिलसति शुभवरदभाषा संस्कृतम् ॥
भुवन भाषा संस्कृतं भवन भाषा संस्कृतम् ।
भरतभुवि परिलसितकाव्य मनोज्ञभाषा संस्कृतम् ॥
.शस्त्र भाषा संस्कृतं शास्त्र भाषा संस्कृतम् ।
शस्त्र, शास्त्र, भृदार्ष भारत राष्ट्रभाषा संस्कृतम् ॥
.धर्म भाषा संस्कृतं कर्म भाषा संस्कृतम् ।
धर्म कर्म प्रचोदकं खलु विश्व भाषा संस्कृतम् ॥
(नोट : इस सामग्री को लेने के पीछे #अपनीडिजिटलडायरी का मकसद किसी के कॉपीराइट का उल्लंघन करना नहीं है। बल्कि भाषायी सरोकार से किए गए प्रयासों को आगे बढ़ाने में अपना भी छोटा सा योगदान देना एकमात्र उद्देश्य है।)