भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने एटीएम से नगद पैसा निकालने की सुविधा को महँगा कर दिया है। जानकारी के मुताबिक आरबीआई ने राष्ट्रीय भुगतान निगम…
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पक्ष में खड़े होंगे तो विपक्ष के हमले भी झेलने ही पड़ेंगे, फिर चाहे कुणाल हों या शंकर!
क्रिया-प्रतिक्रिया के सहज सिद्धान्त के आगे कई बार सभी चीजे़ बेमानी हो जाती हैं। देश में लगता है, इन दिनों यही हो रहा है। पहले…
View More पक्ष में खड़े होंगे तो विपक्ष के हमले भी झेलने ही पड़ेंगे, फिर चाहे कुणाल हों या शंकर!‘तमिल सरकार’ बताए- हिन्दी से रुपए कमाने में दिक्कत नहीं तो हिन्दी में ‘₹’ लिखने में क्यों है?
तमिलनाडु की ‘तमिल सरकार’ अज़ीब सियासी खेल में उलझ गई है। हाँ, ‘तमिल सरकार’, क्योंकि तमिलनाडु की मौज़ूदा सरकार पूरे प्रदेश का प्रतिनिधित्त्व नहीं करती।…
View More ‘तमिल सरकार’ बताए- हिन्दी से रुपए कमाने में दिक्कत नहीं तो हिन्दी में ‘₹’ लिखने में क्यों है?स्वस्थ जीवन को लेकर विज्ञान की दृष्टि अपूर्ण, इसमें सुधार जरूरी
नैसर्गिक और स्वस्थ जीवन सरल और सुलभ है। बिना किसी प्रयास के यह सहज उपलब्ध है। पशु, पक्षी, कीट-पतंगे, जलचर, वृक्ष-वनस्पति सभी जीवन को सहज…
View More स्वस्थ जीवन को लेकर विज्ञान की दृष्टि अपूर्ण, इसमें सुधार जरूरीसरल नैसर्गिक जीवन मतलब अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी!
मानव एक समग्र घटक है। विकास क्रम में हम आज जिस पायदान पर हैं, उसमें अन्य प्राकृतिक सहयोगियों की भूमिका जितनी अहम है, उसको हम…
View More सरल नैसर्गिक जीवन मतलब अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी!सवाल है कि 21वीं सदी में भारत को भारतीय मूल्यों के साथ कौन लेकर जाएगा?
विश्व-व्यवस्था एक अमूर्त संकल्पना है और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले घटनाक्रम ठोस जमीनी वास्तविकता होेते हैं। विश्व-व्यवस्था में हो रहे परिवर्तनों को लेकर जो…
View More सवाल है कि 21वीं सदी में भारत को भारतीय मूल्यों के साथ कौन लेकर जाएगा?रिमोट, मोबाइल, सब हमारे हाथ में…, ख़राब कन्टेन्ट पर ख़ुद प्रतिबन्ध क्यों नहीं लगाते?
अभी गुरुवार, 6 मार्च को जाने-माने अभिनेता पंकज कपूर भोपाल आए। यहाँ शुक्रवार, 7 मार्च को रवीन्द्र भवन में हुए नाटक ‘दोपहरी’ में उन्होंने मुख्य…
View More रिमोट, मोबाइल, सब हमारे हाथ में…, ख़राब कन्टेन्ट पर ख़ुद प्रतिबन्ध क्यों नहीं लगाते?यू्क्रेन-रूस युद्ध का पटाक्षेप कैसे विश्व इतिहास का अप्रत्याशित मोड़ बनने वाला है?
अभी हम जिस सन्धिकाल से गुजर रहे हैं, वह कुछ इतना अलग है कि उसको समझने के लिए हमारे पास उचित शब्द, युक्तियाँ और वैचारिक…
View More यू्क्रेन-रूस युद्ध का पटाक्षेप कैसे विश्व इतिहास का अप्रत्याशित मोड़ बनने वाला है?गाने वाली घड़ी कहानी ‘प्रहर’ का अगला पड़ाव अब रंग-ओ-अदब की महफ़िल पटना में
‘गाने वाली घड़ी की कहानी-प्रहर’ का सफ़र जारी है। ‘भोपाल साहित्य उत्सव’ के दौरान भारत भवन से हुई शुरुआत के बाद बेंगलुरू में 16 फरवरी…
View More गाने वाली घड़ी कहानी ‘प्रहर’ का अगला पड़ाव अब रंग-ओ-अदब की महफ़िल पटना में‘बढ़िया छत्तीसगढ़िया’ कहानी : मैं तुलसी यूट्यूब के आँगन की, सब कुछ हूँ मैं तेरे साजन की!
साल 1978 में एक फिल्म आई थी, ‘मैं तुलसी तेरे आँगन की’। उसमें इन्हीं शब्दों के साथ एक गीत था, “मैं तुलसी तेरे आँगन की।…
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