अद्भुत क़िस्म के लोग होते हैं ‘राज करने वाले’ भी। ये दवा देने का दिखावा करते हैं और दर्द दिया करते हैं। उदाहरण के लिए…
View More मध्य प्रदेश पर ‘राज करने वालों’ ने राजधानी भोपाल के राजा का तालाब चुरा लिया!Category: चहेते पन्ने
क्या ज़मीन का एक टुकड़ा औलाद को माँ-बाप की जान लेने तक नीचे गिरा सकता है?
भारत अपनी संस्कृति, मिलनसारता और अपनत्त्व के लिए जाना जाता है। इसलिए क्योंकि शायद बचपन से ही भारतीयों को रिश्ते निभाना सिखाया जाता है। वे…
View More क्या ज़मीन का एक टुकड़ा औलाद को माँ-बाप की जान लेने तक नीचे गिरा सकता है?खुशी दूसरों की मदद करने से मिलती है, तो क्या हम भारतीय किसी की मदद नहीं करते?
अभी शुक्रवार, 21 मार्च को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक कार्यक्रम हुआ। उसका नाम था, ‘हैप्पीनेस सेमिनार’। इसमें कुछ नामी चिकित्सक भी आए।…
View More खुशी दूसरों की मदद करने से मिलती है, तो क्या हम भारतीय किसी की मदद नहीं करते?देखिए, भावनाएँ पक्षियों और जानवरों में भी होती हैं और वे व्यक्त भी करते हैं!
अक्सर हम जानवरों, पक्षियों, आदि को बेज़ुबान कह देते हैं। यह मान लेते हैं कि उनमें बुद्धि नहीं होती। समझ नहीं होती। भावनाएँ और संवेदनाएँ…
View More देखिए, भावनाएँ पक्षियों और जानवरों में भी होती हैं और वे व्यक्त भी करते हैं!आधुनिक विज्ञान तात्कालिक फायदों के साथ विकृतियाँ भी देता है, पढ़िए कैसे!
पूर्व के दो भागों में हमें सृष्टि-विकास और स्वास्थ्य की दृष्टि से जीवों के सूक्ष्मजैविक तंत्र के स्तर पर पारस्परिक विनिमय के महत्त्व का अवलोकन…
View More आधुनिक विज्ञान तात्कालिक फायदों के साथ विकृतियाँ भी देता है, पढ़िए कैसे!मेरी इतिहास की किताबों में ‘छावा’ (सम्भाजी महाराज) से जुड़ी कोई जानकारी क्यों नहीं थी?
हमारी शिक्षा कितनी खोखली और तथ्यात्मक रूप से तोड़ी-मरोड़ी हुई है, इसका एहसास मुझे एक बार फिर बीती शाम को तब हुआ जब मैंने ‘छावा’…
View More मेरी इतिहास की किताबों में ‘छावा’ (सम्भाजी महाराज) से जुड़ी कोई जानकारी क्यों नहीं थी?होली की शुभकामना का एक सन्देश यह भी- रंग प्रेम है, तो संग राधा और जीवन कृष्ण!
होली पर #अपनीडिजिटलडायरी को मिले शुभकामना सन्देशों में एक बेहद ख़ास रहा है। #अपनीडिजिटलडायरी के साथ निरन्तरता से जुड़े सतना मध्य प्रदेश के दीपक गौतम…
View More होली की शुभकामना का एक सन्देश यह भी- रंग प्रेम है, तो संग राधा और जीवन कृष्ण!कुछ और सोचिए नेताजी, भाषा-क्षेत्र-जाति की सियासत 21वीं सदी में चलेगी नहीं!
देश की राजनीति में इन दिनों काफ़ी-कुछ दिलचस्प चल रहा है। जागरूक नागरिकों के लिए ये सभी घटनाक्रम ‘रोचक-सोचक’ हैं और ‘सरोकार’ से जुड़े हुए…
View More कुछ और सोचिए नेताजी, भाषा-क्षेत्र-जाति की सियासत 21वीं सदी में चलेगी नहीं!महिला दिवस : ये ‘दिवस’ मनाने की परम्परा क्यों अविकसित मानसिकता की परिचायक है?
अपनी जड़ों से कटा समाज असंगत और अविकसित होता है। भारतीय समाज इसी तरह का उदाहरण है। उसके पास अपना इतिहास है, लेकिन उससे सीखने…
View More महिला दिवस : ये ‘दिवस’ मनाने की परम्परा क्यों अविकसित मानसिकता की परिचायक है?ध्यान दीजिए और समझिए.., कर्नाटक में कलाकारों के नट-बोल्ट कसेगी सरकार अब!
कला, साहित्य, संगीत, आदि के क्षेत्र में सक्रिय लोगों को समाज में सम्मान की निग़ाह से देखा जाता है। क्यों? क्योंकि वे बरसों-बरस की साधना…
View More ध्यान दीजिए और समझिए.., कर्नाटक में कलाकारों के नट-बोल्ट कसेगी सरकार अब!