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क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, सबसे अहम ‘टीम वर्क’

निकेश जैन, इन्दौर मध्य प्रदेश

एक समय क्रिकेट ही मेरा जीवन था। हम लोग अपने दौर में शहर की सबसे अच्छी टीम के सदस्य हुआ करते थे। हमने उस दौरान कई टूर्नामेन्ट खेले और जीते भी। उस दौर की सबसे ख़ास बात यह रही कि टीम के सभी सदस्यों के साथ बिताए समय में मुझे सीखने के लिए बहुत कुछ मिला। 

जीवन में काम आने वाले कई कौशल मैंने क्रिकेट से ही सीखे हैं। उदाहरण के लिए – ख़ूब मेहनत करना, नेतृत्त्व करना, आगे बढ़कर निर्णय-लेना, कोई विवाद होने पर उसे निपटाना, आदि। इसमें भी सबसे ख़ास गुण जो सीखा, वह था ‘टीम वर्क’। यानि पूरी टीम को साथ लेकर चलना और हर सदस्य के साथ समन्वय बनाकर आगे बढ़ना। 

उस समय की टीम के सदस्यों से मेरे सम्बन्ध भी ऐसे बने कि आज तीन दशकों बाद भी वे पहले जैसे क़ायम हैं। बल्कि समय के साथ और मज़बूत ही हुए हैं। इस बात का ताज़ातरीन प्रमाण है, वह तस्वीर जो इस लेख के साथ दी है। ये सब मेरी उसी क्रिकेट टीम के दोस्त हैं। इनके साथ इन्दौर में एक यादग़ार शाम मैंने हाल ही में गुज़ारी है। 

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निकेश का मूल लेख

Cricket was my life once upon a time!

A Sunday well spent with my cricket friends in Indore. One of the best cricket teams of that time in the town.

Won many tournaments and most importantly learnt a lot while playing with these guys!

Not just cricket but life skills; hard work, leadership, decision making, conflict management and most importantly – team work!!

A relationship that has seen more than 3 decades and still holding strong! 

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(निकेश जैन, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी- एड्यूरिगो टेक्नोलॉजी के सह-संस्थापक हैं। उनकी अनुमति से उनका यह लेख अपेक्षित संशोधनों और भाषायी बदलावों के साथ #अपनीडिजिटलडायरी पर लिया गया है। मूल रूप से अंग्रेजी में उन्होंने इसे लिंक्डइन पर लिखा है।)

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35 – इकोसिस्टम तब बनता है, जब एक सफल इकाई दूसरी को सफल बनाने में लग जाए!
34 – ये कहना झूठ है कि जहाँ लड़ाई हो रही है, काम वहीं हो रहा है!
33 – कर्मचारियों से काम लेते हुए थोड़ा लचीलापन तो हर कम्पनी को रखना चाहिए, बशर्ते…
32 – …तब तक ओलिम्पिक में भारत को पदक न मिलें तो शिकायत मत कीजिए!
31 – देखिए, कैसे अंग्रेजी ने मेरी तरक़्क़ी की रफ्तार धीमी कर दी !
30 – हिंडेनबर्ग रिपोर्ट क्यों भारत के विरुद्ध अन्तर्राष्ट्रीय साज़िश का हिस्सा हो सकती है?
29 – ‘देसी’ जियोसिनेमा क्या नेटफ्लिक्स, अमेजॉन, यूट्यूब, जैसे ‘विदेशी’ खिलाड़ियों पर भारी है?
28 – ओलिम्पिक में भारत को अमेरिका जितने पदक क्यों नहीं मिलते? ज़वाब ये रहा, पढ़िए!
27 – माइक्रोसॉफ्ट संकट में रूस-चीन ने दिखाया- पाबन्दी आत्मनिर्भरता की ओर ले जाती है 

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