ऐसा हम नहीं, बड़े-बुज़ुर्ग कह गए हैं…

टीम डायरी, 8/7/2021

बड़ों की बातें हैं। इसी तरह की होती हैं। सालों पहले कही जाती हैं। सालों बाद तक सुनी जाती हैं। उनकी कीमत कहे जाते वक्त जितनी होती है, सुने जाते समय उससे और अधिक बढ़ जाती है। फिर अगर कहीं गुन ली जाए, तो क्या ही कहने, तब वे बातें किसी भी कीमत की हद पार कर लिया करती हैं।

मिसाल इस वीडियो से। भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान ने नवंबर-1993 में लंदन के क्वीन एलिज़ाबेथ सभागार में ये बातें कहीं थीं। ऐसी कि एक-एक लफ्ज़ काबिल-ए-गौर। बताते हैं, यहाँ समा आर्ट्स और नवरस रिकॉर्ड्स की ओर से बिस्मिल्लाह खान साहब का कार्यक्रम आयोजित था। सुनने वालों में सामने जाने-माने सितारवादक उस्ताद विलायत खान साहब भी थे। वहीं कार्यक्रम के अन्त में बिस्मिल्लाह खान साहब को दो शब्द बोलने के लिए कहा गया। और यकीन करना होगा, वे दो शब्द में ही सागर उड़ेल गए।

इसी सात अप्रैल को नवरस रिकॉर्ड्स के यू-ट्यूब चैनल पर इस वीडियो को प्रकाशित किया गया। तब से अब तक तमाम सामाजिक मंचों (Social Media) पर इसे बार-बार, हजारों बार देखा जा चुका है। ‘बड़े उस्ताद की बड़ी बातें’ हैं ही ऐसी। सरलता से कही गईं, गम्भीर मायनों से भरी हुईं। इसीलिए #अपनीडिजिटलडायरी ने भी नवरस रिकॉर्ड्स के यू-ट्यूब चैनल से ही इसे साभार अपने पाठकों के लिए डायरी के पन्नों पर दर्ज किया है।

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