AI

भारत को एआई के मामले में पिछलग्गू नहीं रहना है, दुनिया की अगुवाई करनी है

निकेश जैन, इन्दौर मध्य प्रदेश

“भारत को बुद्धिमत्ता (कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि एआई) के आयात के लिए अपनी जानकारियों (डेटा) का निर्यात नहीं करना चाहिए। बल्कि भारत को अपना स्वयं का एआई बनाना चाहिए।” 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह बात आज से छह साल पहले जेनसेन हुआंग (एआई के क्षेत्र में काम करने वाली दुनिया की अग्रणी अमेरिकी कम्पनी एनविडिया के मालिक) से कही थी। वह भी उस वक़्त, जब कोई एआई के बारे में अधिक बात भी नहीं करता था। इसका मतलब क्या है? यही कि हमारे देश का नेतृत्त्व करने वाले नेता न सिर्फ अत्याधुनिक तकनीक के बारे में जानते-समझते हैं, बल्कि उसके बारे में अपना दृष्टिकोण भी पेश करते हैं।  

आज उनके उसी दृष्टिकोण का परिणाम है कि जियो और एनविडिया के बीच हुई साझेदारी के साथ ही भारत ने एआई के क्षेत्र में एक बड़ा क़दम बढ़ा दिया है। इस साझेदारी के तहत भारत में एआई का आधारभूत ढाँचा, सुविधाएँ, आदि एनविडिया और जियो मिलकर तैयार करेंगे। जबकि भारतीय कम्पनियाँ और अभियन्ता (इंजीनियर्स) इस आधारभूत ढाँचे व सुविधाओं का उपयोग कर अपने-अपने एआई प्रादर्श (मॉडल) बना सकेंगे। जो लोग पहले से ही बना चुके हैं, वे अपने प्रादर्शों को और बेहतर कर सकेंगे। साथ ही, भारत के विशाल जानकारी-भंडार (डेटा-स्टोरेज) का उपयोग कर अपने-अपने प्रादर्शों को तदनुरूप प्रशिक्षित भी कर सकेंगे।  

जैसा कि मैंने अपने पिछले लेखों में भी कहा था कि भारत को अब एआई सेवाओं के मामले किसी का पिछलग्गू नहीं रहना है। वक़्त आ गया है, जब भारत को एआई से जुड़े अवसर का पूरा लाभ उठाना है। आगे बढ़कर इस क्षेत्र में दुनिया की नेतृत्त्व करना है। भारत के पास विशाल जानकारी-भंडार है, क्षमताएँ हैं और अब तो देश आर्थिक रूप से भी अच्छी स्थिति में है। मतलब, पूरा साज़-ओ-सामान मौज़ूद है। बस, ज़रूरी क़दम उठाने हैं। 

क्या सोचते हैं? 

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निकेश का मूल लेख

“India should not export its data to import intelligence. India should manufacture its own AI”.

This is what PM Modi told Mr. Jensen Huang six years ago when no one was even talking AI!!

Clearly our leader understood technology and had a vision on AI as well.

Jio partnership with Nvidia is a huge step towards that vision. The infrastructure will be built by Nvidia and Jio. Indian companies and AI engineers can use this infra to create their own models; enhance the open source models and train them using the massive data that India produces.

As I said in my previous posts earlier – India must not become a back office of AI services.

This time India must not lose its AI opportunity. India has data; India has capability and this time around India has financial muscles as well – all the right ingredients to innovate using AI.

Thoughts? 

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(निकेश जैन, शिक्षण-प्रशिक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी- एड्यूरिगो टेक्नोलॉजी के सह-संस्थापक हैं। उनकी अनुमति से उनका यह लेख अपेक्षित संशोधनों और भाषायी बदलावों के साथ #अपनीडिजिटलडायरी पर लिया गया है। मूल रूप से अंग्रेजी में उन्होंने इसे लिंक्डइन पर लिखा है।)

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निकेश के पिछले 10 लेख

37 – क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, सबसे अहम ‘टीम वर्क’
36 – किसी की क्षमताओं को कम आँकना हमेशा ग़लत ही होता है!
35 – इकोसिस्टम तब बनता है, जब एक सफल इकाई दूसरी को सफल बनाने में लग जाए!
34 – ये कहना झूठ है कि जहाँ लड़ाई हो रही है, काम वहीं हो रहा है!
33 – कर्मचारियों से काम लेते हुए थोड़ा लचीलापन तो हर कम्पनी को रखना चाहिए, बशर्ते…
32 – …तब तक ओलिम्पिक में भारत को पदक न मिलें तो शिकायत मत कीजिए!
31 – देखिए, कैसे अंग्रेजी ने मेरी तरक़्क़ी की रफ्तार धीमी कर दी !
30 – हिंडेनबर्ग रिपोर्ट क्यों भारत के विरुद्ध अन्तर्राष्ट्रीय साज़िश का हिस्सा हो सकती है?
29 – ‘देसी’ जियोसिनेमा क्या नेटफ्लिक्स, अमेजॉन, यूट्यूब, जैसे ‘विदेशी’ खिलाड़ियों पर भारी है?
28 – ओलिम्पिक में भारत को अमेरिका जितने पदक क्यों नहीं मिलते? ज़वाब ये रहा, पढ़िए!

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