क्या डोनाल्ड ट्रम्प अब चीन के लिए नई मुसीबत बन सकते हैं?

टीम डायरी, 5/10/2020

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी मेलानिया कोरोना संक्रमित हैं। इस सिलसिले में व्हाइट हाउस (अमेरिकी राष्ट्रपति भवन) के मुख्य अधिकारी मार्क मीडोज़ के हवाले से आई सूचना की मानें तो ट्रम्प की हालत बिगड़ रही है। उन्हें बुखार है और उनके खून में ऑक्सीजन का स्तर पर भी काफी कम हो गया है। इसी आधार पर अब आशंका जताई जा रही है कि ठीक होने के बाद ट्रम्प चीन के लिए नई मुसीबत बन सकते हैं?

हालाँकि इस हालत में भी डोनाल्ड ट्रम्प आगामी राष्ट्रपति चुनाव के ्प्रचार पर पूरा ध्यान रखे हुए हैं। इसी के मद्देनज़र वे अपनी ख़राब तबीयत के बावज़ूद रविवार (अमेरिकी समयानुसार) को चिकित्सकों और सुरक्षाकर्मियों के मना करने पर भी कुछ देर के लिए अस्पताल से बाहर निकले। उन्होंने बाहर मौज़ूद अपने समर्थकों का दूर से अभिवादन भी किया। वे वॉशिंगटन के पास ही सेना के अस्पताल (Walter Reed Military Medical Center) में भर्ती हैं। ध्यान रखने की बात यह भी है कि अमेरिका में नवम्बर में अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान होना है। इसमें ट्रम्प का मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन से है। बाइडेन उनके लिए मुश्किल प्रतिद्वंद्वी साबित हो रहे हैं। इन्हीं कारणों (ख़ुद के संक्रमित होने और राष्ट्रपति चुनाव) से यह माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रम्प अब चीन और कोरोना को आक्रामक ढंग से चुनावी मुद्दा बना सकते हैं। चीन के ख़िलाफ़ सख़्त आर्थिक, सामरिक और राजनयिक कदम भी उठा सकते हैं। 

राष्ट्रपति चुनाव के लिए बाइडेन के साथ हुई पहली बहस के दौरान भी ट्रम्प ने कोरोना के मामले में चीन पर टिप्पणी की थी। उन्होंने इसे ‘चीन की गलती’ बताया था। साथ ही कहा था, “यह कभी नहीं होना चाहिए था”। वे इससे पहले भी कोरोना संक्रमण को लेकर चीन पर कई बार सीधे ज़ुबानी हमले कर चुके हैं। उनका यह रवैया तथा प्रतिक्रिया इन तथ्यों के मद्देनज़र भी अहम है कि अमेरिका में कोरोना संक्रमण से अब तक दो लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 73 लाख लोग इस विषाणु से संक्रमित हो चुके हैं। इन स्थितियों के मद्देनज़र ही अमेरिका के बड़े मीडिया घराने सीएनएन ने आशंका जताई है कि अब “ट्रम्प से चिन्तित होने के लिए चीन के नेतृत्व के पास पर्याप्त कारण हैं।” ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी की सांसद कैली लोफलर ने भी इसके स्पष्ट संकेत दिए। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “चीन ने इस विषाणु (कोरोना) के बारे में पूरी दुनिया से झूठ बोला। अपना किया-धरा ढँकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को अपराध में सहभागी बनाया। अब इस विषाणु ने हमारे राष्ट्रपति और प्रथम-महिला (मेलानिया) को भी अपने प्रभाव में ले लिया है। लिहाज़ा हमें चीन को इसके लिए उत्तरदायी ठहराना होगा। उसने हमारे राष्ट्रपति सहित करोड़ों लोगों को ज़िन्दगियों को ख़तरे में डाला है।”

इसीलिए अब देखना ‘रोचक’ होगा कि ठीक हाेने के बाद ट्रम्प चीन से किस तरह निपटते हैं, जो भारत के लिए भी गम्भीर चुनौती बना हुआ है।

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