यह अमेरिका में कुछ खास लोगों के लिए भी बड़ी खबर थी

विजय मनोहर तिवारी की पुस्तक, ‘भोपाल गैस त्रासदी: आधी रात का सच’ से, 24/2/2022

गैस त्रासदी मामले को रीओपन करने की तैयारियों के बीच इस बार सुप्रीम कोर्ट में गैस पीड़ितों की नुमाइंदगी एडीशनल सॉलिसीटर जनरल विवेक तन्खा कर सकते हैं। तन्खा प्रदेश सरकार की ओर से गठित विधि विशेषज्ञों की समिति चेयरमैन भी हैं। यही समिति केस को रीओपन करने की रणनीति तैयार करने में लगी है। प्रदेश के विधि मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हम जरूर चाहेंगे कि इस मामले में तन्खा गैस पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करें। उन्होंने कहा सरकार का पूरा प्रयास होगा कि सत्र न्यायालय सहित एपेक्स कोर्ट में भी दिग्गज वकीलों का पैनल खड़ा हो। 

इंदौर में हुई विधि विशेषज्ञों की समिति की बैठक में अन्य सदस्यों का भी यह मत और आग्रह रहा कि मामले में तन्खा पीड़ितों की आवाज बनें। बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि वरिष्ठ वकीलों का एक पैनल इस केस का प्रतिनिधित्व करे, ताकि पूरी मजबूती से पीड़ितों का पक्ष रखा जा सके। गौर करें कि इस मामले में आरंभ से यूनियन कार्बाइड ने सर्वश्रेष्ठ वकीलों की मदद ली है। हादसे के तत्काल बाद कार्बाइड ने केस लड़ने के लिए सोली सोराबजी से भी संपर्क किया था। हालांकि उन्होंने केस लड़ने से इनकार कर दिया था। सोराबजी बाद में भारत के एटार्नी जनरल भी बने। बाद में कार्बाइड ने अन्य दिग्गज वकीलों ननी पालखीवाला, फलीएस नरीमन और अनिल दीवान की मदद ली। भोपाल के सीजेएम कोर्ट में भी कार्बाइड का प्रतिनिधित्व देश के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र सिंह ने किया था। सिंह चारा घोटाले में आरोपी राजद नेता लालू प्रसाद यादव के वकील थे। 

…मंत्री-समूह ने सीबीआई निदेशक अश्विनी कुमार को बुलाकर गैस त्रासदी मामले की नए सिरे से जांच की संभावना पर बात की। सूत्रों के अनुसार शनिवार की बैठक के दूसरे सत्र में कुमार को बुलाया गया था। मंत्री-समूह ने 5.72 लाख गैस पीड़ितों के बीच 3,058 करोड़ रुपए की संभावित मुआवजा राशि बांटने पर भी चर्चा की। इसका तरीका क्या हो और किस आधार पर बांटा जाए, इस पर भी विचार हुआ।… 

मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने अपनी खामोशी तोड़ दी। उन्होंने सिर्फ यह कहकर कि ‘एंडरसन मामले में बताने के लिए मेरे पास कुछ नहीं है’ गेंद फिर केंद्र के पाले में डाल दी है। हालांकि यह इशारा करके कि अपनी आत्मकथा में वे इस प्रसंग का विवरण दे सकते हैं, सिंह ने नए इंतजार की जमीन तैयार कर दी है।…कांग्रेस सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि अगर एंडरसन को भगाने के मामले में अर्जुनसिंह का लेना-देना नहीं था तो उन्हें देश को बताना चाहिए कि फिर इस मामले में किसका लेना-देना था। अर्जुनसिंह की आत्मकथा का इंतजार बेसब्री से है। अगर उनकी यह किताब आती है और भोपाल गैस हादसे पर एक लंबा अध्याय भी दिया तो यह गैस हादसे पर मध्यप्रदेश या भोपाल के व्यक्ति द्वारा लिखी पहली किताब होगी।… 

भोपाल के गुनहगार वारेन एंडरसन की गिरफ्तारी सात दिसंबर 1984 को सिर्फ यहीं एक अहम खबर नहीं थी। यह अमेरिका में कुछ खास लोगों के लिए भी एक बड़ी खबर थी। अमेरिका का वाणिज्य दूत उस दिन एंडरसन के साथ ही मुंबई से भोपाल आया था। सब कुछ उसके सामने हुआ। चंद घंटों में अमेरिकी दूतावास से होते हुए यह खबर व्हाइट हाऊस जा पहुंची। यूनियन कार्बाइड के अफसरों ने डेनबरी में गिरफ्तारी पर आश्चर्य जताया। इसके बाद इस एक शख्स के बचाव में दो देशों और तीन राजधानियों के कई दफ्तरों के तमाम किरदार सक्रिय हो गए। तब आज की तरह पलों में खबर पूरी दुनिया में नहीं जाती थी, क्योंकि न मोबाइल थे, न इंटरनेट। मामला अमेरिकी उद्योगपति से जुड़ा था इसलिए सूचना तंत्र ने आज जैसी तेजी दिखाई। वाशिंगटन से दिल्ली, दिल्ली से भोपाल, फिर वाशिंगटन। हजारों मील की दूरियां मिनटों में सिमट गईं।
(जारी….)
——
विशेष आग्रह : #अपनीडिजिटलडयरी से जुड़े नियमित अपडेट्स के लिए डायरी के टेलीग्राम चैनल (लिंक के लिए यहाँ क्लिक करें) से भी जुड़ सकते हैं।  
——
(नोट : विजय मनोहर तिवारी जी, मध्य प्रदेश के सूचना आयुक्त, वरिष्ठ लेखक और पत्रकार हैं। उन्हें हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने 2020 का शरद जोशी सम्मान भी दिया है। उनकी पूर्व-अनुमति और पुस्तक के प्रकाशक ‘बेंतेन बुक्स’ के सान्निध्य अग्रवाल की सहमति से #अपनीडिजिटलडायरी पर यह विशेष श्रृंखला चलाई जा रही है। इसके पीछे डायरी की अभिरुचि सिर्फ अपने सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक सरोकार तक सीमित है। इस श्रृंखला में पुस्तक की सामग्री अक्षरश: नहीं, बल्कि संपादित अंश के रूप में प्रकाशित की जा रही है। इसका कॉपीराइट पूरी तरह लेखक विजय मनोहर जी और बेंतेन बुक्स के पास सुरक्षित है। उनकी पूर्व अनुमति के बिना सामग्री का किसी भी रूप में इस्तेमाल कानूनी कार्यवाही का कारण बन सकता है।)
——
श्रृंखला की पिछली कड़ियाँ  
28. सरकारें हादसे की बदबूदार बिछात पर गंदी गोटियां ही चलती नज़र आ रही हैं!
27. केंद्र ने सीबीआई को अपने अधिकारी अमेरिका या हांगकांग भेजने की अनुमति नहीं दी
26.एंडरसन सात दिसंबर को क्या भोपाल के लोगों की मदद के लिए आया था?
25.भोपाल गैस त्रासदी के समय बड़े पदों पर रहे कुछ अफसरों के साक्षात्कार… 
24. वह तरबूज चबाते हुए कह रहे थे- सात दिसंबर और भोपाल को भूल जाइए
23. गैस हादसा भोपाल के इतिहास में अकेली त्रासदी नहीं है
22. ये जनता के धन पर पलने वाले घृणित परजीवी..
21. कुंवर साहब उस रोज बंगले से निकले, 10 जनपथ गए और फिर चुप हो रहे!
20. आप क्या सोचते हैं? क्या नाइंसाफियां सिर्फ हादसे के वक्त ही हुई?
19. सिफारिशें मानने में क्या है, मान लेते हैं…
18. उन्होंने सीबीआई के साथ गैस पीड़तों को भी बकरा बनाया
17. इन्हें ज़िन्दा रहने की ज़रूरत क्या है?
16. पहले हम जैसे थे, आज भी वैसे ही हैं… गुलाम, ढुलमुल और लापरवाह! 
15. किसी को उम्मीद नहीं थी कि अदालत का फैसला पुराना रायता ऐसा फैला देगा
14. अर्जुन सिंह ने कहा था- उनकी मंशा एंडरसन को तंग करने की नहीं थी
13. एंडरसन की रिहाई ही नहीं, गिरफ्तारी भी ‘बड़ा घोटाला’ थी
12. जो शक्तिशाली हैं, संभवतः उनका यही चरित्र है…दोहरा!
11. भोपाल गैस त्रासदी घृणित विश्वासघात की कहानी है
10. वे निशाने पर आने लगे, वे दामन बचाने लगे!
9. एंडरसन को सरकारी विमान से दिल्ली ले जाने का आदेश अर्जुन सिंह के निवास से मिला था
8.प्लांट की सुरक्षा के लिए सब लापरवाह, बस, एंडरसन के लिए दिखाई परवाह
7.केंद्र के साफ निर्देश थे कि वॉरेन एंडरसन को भारत लाने की कोशिश न की जाए!
6. कानून मंत्री भूल गए…इंसाफ दफन करने के इंतजाम उन्हीं की पार्टी ने किए थे!
5. एंडरसन को जब फैसले की जानकारी मिली होगी तो उसकी प्रतिक्रिया कैसी रही होगी?
4. हादसे के जिम्मेदारों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए थी, जो मिसाल बनती, लेकिन…
3. फैसला आते ही आरोपियों को जमानत और पिछले दरवाज़े से रिहाई
2. फैसला, जिसमें देर भी गजब की और अंधेर भी जबर्दस्त!
1. गैस त्रासदी…जिसने लोकतंत्र के तीनों स्तंभों को सरे बाजार नंगा किया! 

सोशल मीडिया पर शेयर करें
Apni Digital Diary

Share
Published by
Apni Digital Diary

Recent Posts

मेरे प्रिय अभिनेताओ, मैं जानता हूँ, कुछ चिट्ठियों के ज़वाब नहीं आते, पर ये लिखी जाती रहेंगी!

मेरे प्रिय अभिनेताओ इरफान खान और ऋषि कपूर साहब! मैं आप दोनों से कभी नहीं… Read More

15 hours ago

‘आपकी टीम में कौन’ क्रिकेटर का ‘वैभव’, या जुए से पैसा बनाने का सपना बेच रहे ‘आमिर’?

तय कर लीजिए कि ‘आपकी टीम में कौन है’? क्योंकि इस सवाल के ज़वाब के… Read More

19 hours ago

पहलगाम आतंकी हमला : मेरी माँ-बहन बच गईं, लेकिन मैं शायद आतंकियों के सामने होता!

पहलगाम में जब 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ, तब मेरी माँ और बहन वहीं… Read More

2 days ago

सुनो सखी…, मैं अब मरना चाहता हूँ, मुझे तुम्हारे प्रेम से मुक्ति चाहिए

एक ‘आवारा’ ख़त, छूट गई या छोड़ गई प्रियतमा के नाम! सुनो सखी मैं इतने… Read More

2 days ago

भारत ने फेंका पासा और पाकिस्तान का पैर कुल्हाड़ी पर, गर्दन फन्दे में! जानिए कैसे?

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला तो करा दिया, लेकिन उसे शायद ऐसी… Read More

4 days ago

चिट्ठी-पत्री आज भी पढ़ी जाती हैं, बशर्ते दिल से लिखी जाएँ…ये प्रतिक्रियाएँ पढ़िए!

महात्मा गाँधी कहा करते थे, “पत्र लिखना भी एक कला है। मुझे पत्र लिखना है,… Read More

5 days ago