Lithium

जम्मू-कश्मीर की धरती ने हिन्दुस्तान की उम्मीदों को लीथियम के पंख दिए हैं!

टीम डायरी

जम्मू-कश्मीर। हिन्दुस्तान का वह सूबा, जहाँ से कुछ वक़्त पहले तक बारूद का गर्द-ओ-गुबार उड़ा करता था, अब धीरे-धीरे अपनी नई पहचान पा रहा है। वक़्त बदला है और माहौल बदल रहा है। सुना है, जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 59 लाख टन लीथियम की खदानें मिली हैं। केंद्र सरकार के खनन मंत्रालय ने इस बाबत सार्वजनिक घोषणा की है। सुर्ख़ियों के मुताबिक, “पहली बार हिन्दुस्तान में लीथियम की खदान का पता चला है। और वह भी जम्मू-कश्मीर में। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने इसका पता लगाया है।” 

तो इस घोषणा के हिसाब से मान सकते हैं कि कश्मीर की धरती ने हिन्दुस्तान की उम्मीदों को पंख दे दिए हैं। लीथियम के पंख। क्योंकि यह लीथियम आज की तारीख़ में कोई सामान्य खनिज नहीं है। दुनियाभर में भविष्य के परिवहन के रूप में तेजी से जगह बना रहे इलेक्ट्रिक वाहनों में जो बैटरी लगती है न, उसका सबसे अहम हिस्सा यह लीथियम ही होता है। सिर्फ़ इलेक्ट्रिक वाहन ही नहीं, मोबाइल, लैपटॉप आदि की बैटरियाँ बनाने के लिए भी लीथियम ही इस्तेमाल होता है। अभी हिन्दुस्तान को इन बैटरियों के लिए ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना जैसे देशों से लीथियम आयात करना पड़ता है। इससे बैटरियों की लागत बढ़ जाती है और सम्बन्धित उत्पाद महँगा हो जाता है। 

लेकिन अब चूँकि कुछ समय बाद लीथियम की उपलब्ध्ता देश के भीतर ही होने लगेगी, तो जाहिर तौर पर बैटरियाँ भी सस्ती होंगी ओर इलेक्ट्रिक वाहनों समेत लीथियम-बैटरी से संचालित अन्य उत्पाद भी। जानकारों ने तो अन्दाज़ भी लगाना शुरू कर दिया है। वे बताते हैं कि इस खोज के बाद “भारत में साल 2030 तक ही इलेक्ट्रिक वाहनों की तादाद 30 फ़ीसद तक बढ़ने की पूरी सम्भावना है।” अब अगर इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ सस्ती हो जाएँगी तो उन्हें ख़रीदने से कोई क्यों ही परहेज करेगा? ईंधन पर बढ़ता ख़र्च तो सभी को बचाना है न? और तय मानिए कि इस ख़ोज से सिर्फ़ आपकी बचत ही नहीं होने वाली, बल्कि पर्यावरण को भी काफ़ी फ़ायदा होगा। क्योंकि गाड़ियों के धुएँ से होने वाले प्रदूषण की समस्या को इलेक्ट्रिक वाहन बहुत हद तक सँभाल लेंगे। 

इसीलिए कहा है, “कश्मीर की धरती ने हिन्दुस्तान की उम्मीदों को लीथियम के पंख दिए हैं!” ग़लत कहा क्या?

सोशल मीडिया पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *