मामे खान और उनके 95% मुस्लिम संगतकार तो ‘वन्देमातरम्’ गाते हैं, सुन लीजिए!

टीम डायरी

कहते हैं, मुसलमान ‘वन्देमातरम्’ नहीं गाते। उन्हें इससे आपत्ति है। कुछ हद तक यह बात सही भी है क्योंकि ख़ुद को मुस्लिम समुदाय का पैरोकार मानने, समझने और कहने वाले तमाम नेताओं के इस बाबत बयान आते रहते हैं। ऐसी कई तस्वीरें भी आती हैं, जब इस समुदाय के लोग ‘वन्देमातरम्’ के दौरान इसे गाना तो दूर, उसके सम्मान में खड़े तक नहीं होते। लेकिन नीचे जो वीडियो दिया गया है, वह इस आम वास्तविकता से उलट है। 

इस वीडियो में राजस्थान के मशहूर लोकगायक मामे खान ‘वन्देमातरम्’ गाते दिख रहे हैं। यही नहीं, लोकवाद्ययंत्रों की उनकी ऑरकेस्ट्रा का हर साज़िन्दा उसी शिद्दत से ‘वन्देमातरम्’ की संगत करता दिख रहा है, जिस तन्मयता से मामे खान उसे गा रहे हैं। जबकि उनकी ऑरकेस्ट्रा में 95 फ़ीसद साज़िन्दे भी मुस्लिम हैं। 

इसी स्वतंत्रता दिवस पर मुम्बई के नीता-मुकेश अम्बानी सांस्कृतिक केन्द्र में एक कार्यक्रम हुआ था। उसी कार्यक्रम का यह वीडियो है। इसे मामे खान के ही यू-ट्यूब चैनल से लिया गया है। इस चैनल को थोड़ा खँगालने पर पता चलता है कि यह कोई पहली बार नहीं है, जब मामे खान ने ‘वन्देमातरम्’ गाया हो। वे पहले भी कई मौकों पर इसे गा चुके हैं। इससे पता चलता है कि उन्होंने किसी तात्कालिक स्थिति को ध्यान में रखकर ऐसा नहीं किया है।

‘वन्देमातरम्’ गाना मामे खान की रुचि का प्रतीत होता है। क्योंकि वे गाते भी पूरा हैं। फिल्मी गायकों की तरह उसके बोलों में परिवर्तन नहीं करते। उसकी आत्मा के साथ छेड़छाड़ नहीं करते। बल्कि उसके साथ पूरी आत्मीयता से जुड़ते हैं। इतना ही नहीं, उनके इस वीडियो के नीचे दिए विवरण से एक और दिलचस्प बात चलती है कि लोकवाद्ययंत्रों की उनकी यह ऑरकेस्ट्रा भी हिन्दुस्तान में ही नहीं, सम्भवत: दुनिया में पहली और अनोखी है।  

एक नज़र डालिए इस ऑरकेस्ट्रा के वाद्ययंत्रों और साज़िन्दों, संगतकारों पर…

गायकी : जमील खान, जलाल खान, लूना खान, बरकत खान, भुट्‌टा खान, रूपे खान, स्वरूप खान, जमाल खान। 

ढोलक : सवाई खान, मुस्ताक खान, सलमान खान, दायम खान। 

करतल (नारद मुनि अँगुलियों में फँसाकर बजाते हैं) : शफी खान, दिलावर खान, फिरोज खान, थाने खाने। 

कमायचा (सरोद जैसा वाद्ययंत्र) : कवरू खान, घमसे खान, बक्शे खान, रफीक खान।

सुरनाई (शहनाई जैसा वाद्ययंत्र) : अजीज खान, रजब खान।  

मुरली (पारम्परिक बाँसुरी)  : नजीर खान, दिलवर खान। 

भपंग (डमरू जैसा वाद्ययंत्र। काँख में दबाकर एक ही तरफ से बजाते हैं) : यूसुफ खान, महमूद खान, दायम खान।

नगाड़ा : शरवन राम, मुकेश 

तंबूरा (शास्त्रीय तानपूरे का देसी रूप) : भालू राम, दादा खान, केसू राम। 

ढोल : चनन खान, रसूल खान, रिझू खान, सरीफ खान। 

चिम्प (चिमटा, फकीर लोग बजाते हैं) : घमंडे खान। 

सारंगी (शस्त्रीय संगीत में भी प्रयुक्त होता है) :  सद्दाम खान, शम्सू खान, जाकिर खान, असलम खान। 

अलगोजा (एक साथ बजाई जाने वाली दो सीधी बाँसुरी) : शाकुर खान लंगा, इदू खान। 

मोरचंग (लोहे का बना देसी माउथ ऑर्गन) : कल्याण खान, मोती खान।

मटका : सादिक खान।

इस सूची को देखकर अन्दाज़ा लग सकता है कि मामे खान न सिर्फ ‘वन्देमातरम्’ जैसी प्रस्तुतियों से देश के प्रति अपनी निष्ठा प्रदर्शित कर रहे हैं, बल्कि लोकवाद्ययंत्रों, लोककलाकारों की पहचान क़ायम रखने के लिए भी कितने समर्पित हैं। उनके जैसी शख़्सियतों की जितनी प्रशंसा, जितना समर्थन किया जाए, कम है।  

सोशल मीडिया पर शेयर करें
Neelesh Dwivedi

Share
Published by
Neelesh Dwivedi

Recent Posts

मतदान से पहले सावधान, ‘मुफ़्तख़ोर सियासत’ हिमाचल, पंजाब को संकट में डाल चुकी है!

देश के दो राज्यों- जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में इस वक़्त विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया चल… Read More

18 hours ago

तो जी के क्या करेंगे… इसीलिए हम आत्महत्या रोकने वाली ‘टूलकिट’ बना रहे हैं!

तनाव के उन क्षणों में वे लोग भी आत्महत्या कर लेते हैं, जिनके पास शान,… Read More

2 days ago

हिन्दी दिवस :  छोटी सी बच्ची, छोटा सा वीडियो, छोटी सी कविता, बड़ा सा सन्देश…, सुनिए!

छोटी सी बच्ची, छोटा सा वीडियो, छोटी सी कविता, लेकिन बड़ा सा सन्देश... हम सब… Read More

3 days ago

ओलिम्पिक बनाम पैरालिम्पिक : सर्वांग, विकलांग, दिव्यांग और रील, राजनीति का ‘खेल’!

शीर्षक को विचित्र मत समझिए। इसे चित्र की तरह देखिए। पूरी कहानी परत-दर-परत समझ में… Read More

4 days ago

देखिए, समझिए और बचिए, भारत में 44% तक ऑपरेशन ग़ैरज़रूरी होते हैं!

भारत में लगभग 44% तक ऑपरेशन ग़ैरज़रूरी होते हैं। इनमें दिल के बीमारियों से लेकर… Read More

5 days ago

‘मायावी अम्बा और शैतान’ : पछतावा…, हमारे बच्चे में इसका अंश भी नहीं होना चाहिए

उसका शरीर अकड़ गया था। ऐसा लगता था जैसे उसने कोई पत्थर निगल लिया हो।… Read More

6 days ago