पर्यावरण को ‘पाखंड’ से बचाइए, नहीं तो ‘फरवरी में मई’ सब पर भारी पड़ेगी

ऋषि कुमार सिंह, लखनऊ, उत्तर प्रदेश से

क्या आपको भी फरवरी में पसीना आ रहा हैं? अगर हाँ तो यह आपकी नहीं, बल्कि पर्यावरण की खराब सेहत का नतीज़ा है। यह महज असमय गर्मी तक सीमित नहीं है। बल्कि बेमौसम बरसात, सूखी जगहों पर बाढ़, बाढ़ के इलाकों में सूखा, आँधी-तूफान व आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में बढ़ोतरी, सब इसी का नतीजा है।

अगर कार्बन और पर्यावरण को गर्म करने वाली दूसरी गैसें घटेंगी तो तापमान बढ़ोतरी थमेगी। मौसमी घटनाओं की बिगड़ती लय वापस लौटेगी। अनिश्चितता घटेगी। फिर मौसम की मार से फसलें कम खराब होंगी। हमारे सपनों को महँगाई की दीमक थोड़ा कम खाएगी। हालाँकि यह सब तब होगा, जब हम पर्यावरण को ‘पाखंड’ से बचाएँगे। 

अब यह ‘पाखंड’ ही तो है कि एक तरफ़ हम पर्यावरण बचाने, जंगल बढ़ाने की बातें करते हैं। दूसरी तरफ़ ‘विकास-लीला’ के नाम पर हजारों-लाखों पेड़ों की कुर्बानियाँ देने से नहीं चूकते। यह ‘पाखंड’ ही तो है कि एक ओर हम पन्नियों को, प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए ज़हर मानते हैं। और उसी प्लास्टिक, उन्हीं पन्नियों को अपने जीवन के हर क़दम का संगी-साथी मानते हैं। यह पाखंड ही तो है कि अक्सर हम हवा-पानी में ज़हर घुला होने की बातें करते हैं। लेकिन बात जब अपने पर आती है तो ख़ुद ही इस ज़हर को बढ़ाने से परहेज नहीं करते। कभी ऐसे तो कभी वैसे।

इसीलिए, मौसम के बदलते मिजाज को समझिए। पर्यावरण और समाज को ‘पाखंड’ से बचाइए। सख्त जरूरत है। नहीं तो, ‘फरवरी में मई’ सब पर भारी पड़ने वाली है।
——
(पर्यावरण जैसे मसलों पर ऋषि बेहद संज़ीदा क़िस्म के इंसान हैं। ऐसे मसलों लगातार ट्विटर जैसे मंचों पर अपनी बात रखते रहते हैं। वहीं से यह पोस्ट भी ली गई है, उनकी अनुमति से।)

सोशल मीडिया पर शेयर करें
Neelesh Dwivedi

Share
Published by
Neelesh Dwivedi

Recent Posts

‘देश’ को दुनिया में शर्मिन्दगी उठानी पड़ती है क्योंकि कानून तोड़ने में ‘शर्म हमको नहीं आती’!

अभी इसी शुक्रवार, 13 दिसम्बर की बात है। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी लोकसभा… Read More

3 days ago

क्या वेद और यज्ञ-विज्ञान का अभाव ही वर्तमान में धर्म की सोचनीय दशा का कारण है?

सनातन धर्म के नाम पर आजकल अनगनित मनमुखी विचार प्रचलित और प्रचारित हो रहे हैं।… Read More

5 days ago

हफ़्ते में भीख की कमाई 75,000! इन्हें ये पैसे देने बन्द कर दें, शहर भिखारीमुक्त हो जाएगा

मध्य प्रदेश के इन्दौर शहर को इन दिनों भिखारीमुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा… Read More

6 days ago

साधना-साधक-साधन-साध्य… आठ साल-डी गुकेश-शतरंज-विश्व चैम्पियन!

इस शीर्षक के दो हिस्सों को एक-दूसरे का पूरक समझिए। इन दोनों हिस्सों के 10-11… Read More

7 days ago

‘मायावी अम्बा और शैतान’ : मैडबुल दहाड़ा- बर्बर होरी घाटी में ‘सभ्यता’ घुसपैठ कर चुकी है

आकाश रक्तिम हो रहा था। स्तब्ध ग्रामीणों पर किसी दु:स्वप्न की तरह छाया हुआ था।… Read More

1 week ago