विजयादशमी, 24 राग…एक विजया-स्तुति!

टीम डायरी, 15/10/2021

विजया दशमी पर शक्ति की आराधना का इससे बेहतर तरीका शायद ही कोई दूसरा हो सकता है। इस वीडियो में दिख रहीं गायिका सावनी शेंडे हैं। वरिष्ठ और आला दर्ज़े की दक्ष भारतीय शास्त्रीय गायिका। उन्होंने माँ दुर्गा की आराधना का ये नायाब नमूना अपने यू-ट्यूब चैनल पर पेश किया है। #अपनीडिजिटलडायरी ने संगीत, साहित्य, कला, संस्कृति के प्रति अपने ‘सरोकार’ की वजह से साभार इसे अपने पन्नों पर दर्ज़ किया है।

उन्होंने माँ शक्ति की यह स्तुति रागमाला की शक्ल में पेश की है। रागमाला, जैसा नाम वैसा ही स्वरूप। यानि एक ही कवित्त (कविता या बन्दिश) में चरणबद्ध तरीके से शब्दों, बोलों के भाव के अनुरूप अलग-अलग रागों की छाया दिखाते हुए उसे गाने की कोशिश करना। एक साथ 24 रागों का स्वरूप दिखाते हुए सावनी ने करीब पौने सात मिनट की इस प्रस्तुति में यही किया है। वह भी बेहद सहज, सुरुचिपूर्ण और सुरीले ढंग से।

शुरुआत वे राग ‘दुर्गा’ से करती हैं। फिर ‘जयजयवंती’, ‘देस’, ‘सारंग’, ‘तिलक कामोद’, ‘सोहनी’, ‘ललित’, ‘सरस्वती’, ‘वागेश्वरी’, ‘रागेश्वरी’, ‘कलावती’, ‘हंसध्वनि’, ‘कल्याण’, ‘भूपाली’, ‘पूरिया’, ‘श्री’, ‘शिवरंजनी’, ‘अंबिका’, ‘शंकरा’, ‘नंद’, ‘देव गांधार’, ‘भैरव’, ‘दरबारी’ से होते हुए ‘भैरवी’ पर विराम। ग़ौर करने लायक कि रचना अर्थात् सृष्टि-चक्र की शुरुआत दुर्गा से और उसका लय यानि समापन भैरवी पर, जो महाकाल की वामांगी हैं।

है, न अद्भुत? किसी भी कलाकार के लिए यह रागमाला ऐसी सहजता से साध लेना आसान नहीं है। वर्षों की साधना, तपस्या से यह शक्ति, सामर्थ्य आती है। ज़ाहिर तौर पर माँ भगवती, माता सरस्वती की अनुकम्पा से भी। सावनी की प्रस्तुति में इन दोनों चीजों की झलक दिखती है। इसीलिए यह सुनने वालों के मन की गहराई को भी उतनी ही शिद्दत से छूती है। कवित्त के लिखे हुए शब्दों, उसके भावों से एकाकार होते चलें तो कुछ अधिक ही।
———–
(नोट : इस रचना का कॉपीराइट पूरी तरह सावनी शेंडे और उनकी निर्माण टीम के पास है। डायरी इस अच्छी रचना को सिर्फ़ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के उद्देश्य में अपना छोटा सा योगदान देने के लिए इसका इस्तेमाल कर रही है।)

सोशल मीडिया पर शेयर करें
Apni Digital Diary

Share
Published by
Apni Digital Diary
Tags: हुनर

Recent Posts

‘मायावी अम्बा और शैतान’ : वह रो रहा था क्योंकि उसे पता था कि वह पाप कर रहा है!

बाहर बारिश हो रही थी। पानी के साथ ओले भी गिर रहे थे। सूरज अस्त… Read More

12 hours ago

नमो-भारत : स्पेन से आई ट्रेन हिन्दुस्तान में ‘गुम हो गई, या उसने यहाँ सूरत बदल’ ली?

एक ट्रेन के हिन्दुस्तान में ‘ग़ुम हो जाने की कहानी’ सुनाते हैं। वह साल 2016… Read More

1 day ago

मतदान से पहले सावधान, ‘मुफ़्तख़ोर सियासत’ हिमाचल, पंजाब को संकट में डाल चुकी है!

देश के दो राज्यों- जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में इस वक़्त विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया चल… Read More

2 days ago

तो जी के क्या करेंगे… इसीलिए हम आत्महत्या रोकने वाली ‘टूलकिट’ बना रहे हैं!

तनाव के उन क्षणों में वे लोग भी आत्महत्या कर लेते हैं, जिनके पास शान,… Read More

4 days ago

हिन्दी दिवस :  छोटी सी बच्ची, छोटा सा वीडियो, छोटी सी कविता, बड़ा सा सन्देश…, सुनिए!

छोटी सी बच्ची, छोटा सा वीडियो, छोटी सी कविता, लेकिन बड़ा सा सन्देश... हम सब… Read More

5 days ago

ओलिम्पिक बनाम पैरालिम्पिक : सर्वांग, विकलांग, दिव्यांग और रील, राजनीति का ‘खेल’!

शीर्षक को विचित्र मत समझिए। इसे चित्र की तरह देखिए। पूरी कहानी परत-दर-परत समझ में… Read More

5 days ago