EPFO

सिर्फ़ 72 घंटे में पीएफ की रकम का भुगतान, ये नया भारत है!

निकेश जैन, इंदौर मध्य प्रदेश

मैंने लगभग 20 साल तक अपने भविष्य निधि (पीएफ) ख़ाते में योगदान दिया। पैसा जमा कराया। लेकिन बीते तीन साल से पैसे जमा करने बंद कर दिए।

अभी कुछ समय पहले ही मैंने फ़ैसला किया कि इस जमा रकम का कुछ हिस्सा निकाल लेता हूँ। इस तरह की निकासी को अग्रिम निकासी (पीएफ एडवांस) कहा जाता है।

मेरा पीएफ ख़ाता अच्छी स्थिति में था। इससे सम्बन्धित आधार केवाईसी, बैंक केवाईसी वग़ैरा सभी तरह की औपचारिकताएँ भी समय-समय पर पूरी की गईं थीं।

तो मैंने एक यूट्यूब वीडियो की मदद से पहले यह जाना कि पीएफ एडवांस निकासी के लिए क्या और कैसे करते हैं। इसके बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की वेबसाइट पर जाकर वहाँ से सदस्यों के लिए निर्धारित मंच (मेंम्बर पोर्टल) में गया। वहाँ पीएफ की निक़ासी के उद्देश्य से दावा (क्लेम) दर्ज़ कराने के लिए जो जानकारियाँ भरने के लिए कहा गया, वे भरीं। अग्रिम राशि निकालने के लिए दिए गए विकल्पों में से उचित कारण चुना और मामला दर्ज़ करा दिया।

यह प्रक्रिया मैंने अभी 28 अप्रैल को सुबह पूरी की। और इसके महज 72 घंटे बाद, 30 अप्रैल को मेरे बैंक ख़ाते में निर्धारित रकम जमा हो गई!!

ईमानदारी से कहूँ, तो यह अनुभव मेरे लिए अपेक्षा से कहीं अधिक था। कारण कि मुझे लग ये रहा था कि एकाध बार तो ‘दावा ख़ारिज़’ होगा ही। फिर ‘कुछ जानकारियाँ’ वग़ैरा माँगी जाएँगी। और नहीं तो ‘देरी होना’ लगभग तय मानकर चल रहा था। इससे भी अधिक बुरा हो सकता था कि मुझसे कह दिया जाता कि ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय में सम्पर्क कीजिए। इसके लिए मुझे अहमदाबाद जाना पड़ता। मेरा भविष्य निधि ख़ाता वहीं से सम्बद्ध है इसलिए।

मतलब मुझे न के बराबर उम्मीद ही थी।

इसके जाइज़ कारण भी थे। जैसे- मेरे परिवार में ही एक सदस्य हैं, 20 साल पहले उन्हें अपनी पीएफ की रकम हासिल करने के लिए अदालत में मामला तक दायर करना पड़ गया था। मैं ‘याहू’ में रहा हूँ। वहाँ भी मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूँ, जिन्हें पीएफ की रकम निकलवाने के लिए विशेषज्ञ सलाहकार से सेवा लेनी पड़ गई थी। यह 12 पहले का मामला था।

लेकिन भारत में विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से हुए अंकरूपण (डिज़िटाइज़ेशन या डिज़िटलाइज़ेशन) वाक़ई हालात बदल दिए हैं। ख़ासकर, सरकारी सेवाओं पर तो इसने बहुत ही ज़बर्दस्त असर छोड़ा है।

‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाईसी यानि नो योर कस्टमर) प्रक्रिया, विशेष रूप से आधार और बैंक से सम्बद्ध केवाईसी, बहुत प्रभावी साबित हुई है। अब पूरा तंत्र मिनटों में यह जान-समझ लेता है कि ख़ाता किस व्यक्ति का है और कौन पैसा निकाल रहा है, कहाँ ज़मा कराया जा रहा है, आदि।

निश्चित रूप से इस बदलाव का बड़ा श्रेय सरकार को, उसके विभागों को जाता है, जिन्होंने अंकरूपण की प्रक्रिया को सहज भाव से अपनाया। प्रभावी तरीक़े से अमल में लाया, जिससे लोगों के लिए सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर हो सकी। जैसे मेरे मामले में।

ईपीएफओ वाक़ई, प्रशंसा का पात्र है।

ये नया भारत है! 

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निकेश का मूल लेख 

PF withdrawal in 72 hours!! – EPFO, you blew me away!

I have contributed to my PF for around 20 years but for past 3 years I had stopped contributing.
Recently I decided to withdraw some funds from EPFO (called PF Advance).

My EPFO account was in good shape meaning A’adhaar KYC, Bank KYC all done.

I just watched a YouTube video on how to make withdrawal, logged in to the member portal and filed an online claim for PF Advance after selecting an appropriate reason.

My claim was filed on 28th April early morning and withdrawal money deposited in my bank account on 30th morning!!

Honestly, I was blown away because my expectations were ‘rejection of claim’, ‘some query’, ‘delay’ and worst case scenario ‘a visit to the regional office’ (in my case Ahmedabad).

My expectations were quite low I guess:-)

Because I know someone in the family who had to file a court case to get his PF 20 years ago. Because I know someone in Yahoo! who had to hire a consultant to get his PF 12 years ago.
But digitalization is truly making an impact on government services.

KYC specially the Aadhaar and Bank KYC have made significant difference. System knows the person who is withdrawing is the person to whom account belongs.

And obviously a lot of credit to the government and the department to adopt digitalization for this service to make employees life easier!

Kudos EPFO!

New India!!
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(निकेश जैन, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी- एड्यूरिगो टेक्नोलॉजी के सह-संस्थापक हैं। उनकी अनुमति से उनका यह लेख #अपनीडिजिटलडायरी पर लिया गया है। मूल रूप से अंग्रेजी में उन्होंने यह लेख लिंक्डइन पर लिखा है।)
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