टीम डायरी
एक बड़ी ‘रोचक-सोचक’ सी जानकारी आज सामने आई। जो जानकार हैं, वे तो इस बारे में जानते ही होंगे लेकिन शायद बहुत से और लोग न जानते हों। या फिर ये भी मुमकिन है कि वे इस बारे में किसी तरह की ग़लतफ़हमी के शिकार हों। जानकारी राजमा-चावल से जुड़ी है। यानी वह व्यंजन जो दिल्ली और उससे आगे उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर की तरफ बढ़ते जाएँ तो बहुतायत भोजन की थाली में मिल ही जाता है। देश के बाकी हिस्सों में भी चाव से खाया ही जाता है।
हालाँकि इस व्यंजन के बारे में आम धारणा है कि यह भारी बहुत होता है। इसीलिए सेहत के मामले में बेहद जागरूक किस्म के बहुत से लोग इसे खाने से परहेज किया करते हैं कि कहीं उनका वजन बढ़ जाए। या फिर शरीर में किसी और तरह की दिक्कत (बदहजमी या गैस बनने जैसी) न आ जाए। इनकी जागरूकता या चिन्ताएँ वैसे, बेमानी नहीं हैं। लेकिन ‘राजमा-चावल’ से जुड़ा ये सिर्फ एक पहलू है। यानी आधा सच। जबकि दूसरा पहलू ये है कि इस व्यंजन में ऐसी बहुत सी खूबियाँ हैं कि खाने वाले इसके तह-ए-दिल से आभारी हो सकते हैं।
अभी-अभी हिन्दुस्तान के कुछ मशहूर पोषक-आहार विशेषज्ञ यानि न्यूट्रशनिस्ट ने बताया है, “राजमा-चावल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इससे वजन घटाने में काफी मदद मिलती है।” मतलब? अरे मतलब यही कि चूँकि यह भारी होता है, इसलिए इसे खाने के बाद बहुत देर तक भूख नहीं लगती। ऐसे में, दिनभर में ज्यादा खाना नहीं होता। और ज्यादा खाना नहीं होता, तो वजन नहीं बढ़ता। अलबत्ता यहीं सवाल ये हो सकता है कि क्या सिर्फ ‘राजमा-चावल’ से शरीर की बाकी पोषक जरूरतें पूरी हो सकती हैं? तो इसका जवाब है, “हाँ, हो सकती हैं।”
कई फिल्म कलाकारों को लगातार पोषण-आहार के सम्बन्ध में विशेषज्ञ मशवरा देने वाली मुम्बई की न्यूट्रशनिस्ट श्वेता शाह कहती हैं, “राजमा-चावल में बहुत से पोषक तत्त्व होते हैं। जैसे- आयरन, मैग्नीशियम, मॉलिब्डेनम, कॉपर, फॉलेट आदि। ये तत्त्व शरीर की तमाम जरूरतें पूरी कर देते हैं। गैस वगैरा ज्यादा बनने की स्थिति से बचाते हैं। मेहनत-मशक्कत की वजह से जो शरीर के भीतर टूट-फूट होती है, उसे भी दुरुस्त कर दिया करते हैं। इसके अलावा एक और खास बात। राजमा-चावल का ग्लीशमिक-इंडेक्स (जीआई) बहुत कम होता है। इसका मतलब ये है कि इसे खाने से शरीर में ब्लड-शुगर का स्तर बहुत तेजी से और ज्यादा नहीं बढ़ता।”
तो, कुल मिलाकर मसला यूँ कि ‘राजमा-चावल’ से जुड़ी चिन्ताओं में ज़्यादा वजन नहीं है। बल्कि ये व्यंजन ही अपने आप में वजनदार है। वह भी ऐसा कि अपने शरीर को पौष्टिकता देने और वजन कम करने में मददगार बन पड़े। सो, दिमाग का वजन हटाकर निश्चिन्त रहा जाए और ‘राजमा-चावल’ का बढ़िया लुत्फ़ लिया कीजिए।
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