Nikesh-Himalaya

उत्तराखंड में 10 दिन : एक सपने का सच होना और एक वास्तविकता का दर्शन!

निकेश जैन, इन्दौर, मध्य प्रदेश

एक सपना सच हो गया!!

मेरी बीते सात साल से इच्छा थी कि मैं श्री केदारनाथजी के दर्शन करूँ। लेकिन काम की अधिकता, समय की कमी और अन्य कारणों से इच्छा पूरी हो नहीं पाई। हालाँकि अभी पिछले ही सप्ताह आख़िर यह सपना सच हो गया। पहली बार श्री केदारनाथजी के मन्दिर में दर्शन के बाद मुझे जो आध्यात्मिक अनुभूति हुई, जिस तरह का अनुभव हुआ, उसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता।

यही नहीं, मैं पूरे 10 दिन उत्तराखंड में रहा। इस दौरान मैंने वहाँ के चारों धाम – केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के दर्शन किए। यह धार्मिक यात्रा वास्तव में अलौकिक रही। इस दौरान मेरी कम्पनी एड्यूरिगाे के मेरे साथियों ने भी मेरा भरपूर साथ दिया और काम बिना रुकावट जारी रखा। 

उत्तराखंड सच में, बहुत सुन्दर जगह है। मैं तो कहता हूँ, हर किसी को जीवन में कम से कम एक बार अपनी व्यस्तताओं को किनारे रखकर, थोड़ा समय निकालकर यहाँ ज़रूर आना चाहिए। यहाँ की यात्रा का अनुभव जीवन में हम कभी भूल नहीं पाएँगे।   

मेरे इस सपने के सच होने की प्रक्रिया यानि कि उत्तराखंड की इस यात्रा के दौरान मुझे एक और वास्तविकता का दर्शन भी हुए। ‘डिजिटल इंडिया’ की वास्तविकता। 

यात्रा से पहले मेरे मन में सवाल था कि क्या हिमालय की उस ऊँचाई पर बैठकर भी मैं अपना कुछ काम निपटा सकूँगा या नहीं? इसके ज़वाब के तौर पर मुझे पक्का कुछ पता नहीं था। शायद इसलिए कि मैं थोड़ी देर के लिए भूल गया था कि अब मैं ‘डिजिटल इंडिया’ में हूँ। 

सच्चाई ये रही कि अपनी इस यात्रा के दौरान पूरे समय मैं ‘हिमालय से काम’ करता रहा। घने जंगल के कुछ इलाक़ों को छोड़कर अधिकांश जगहों पर मुझे अच्छी खासी रफ़्तार के साथ इंटरनेट की सुविधा मिली। इसकी मदद से मैं न लगातार अपने ईमेल देखे, उनके ज़वाब दिए, कई बार अपनी सेल्स टीम के साथ बात की और इंजीनियरिंग तथा सपोर्ट टीम के साथ भी समन्वय बनाकर रखा।  

भारत अब सच में, डिजिटल हो चुका है।    

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निकेश के मूल लेख 

Dream came true 🙏!!

I had been wanting to visit Shri Kedarnath ji for past 7 years but either because of hectic work schedule or for some other reasons was not able to. 

Finally, last week my turn came and dream came true. Can’t explain how I felt when I saw the temple for the first time!!

Just returned back to Bangalore after finishing char dham..

Yumnotri -> Gangotri -> Kedarnath -> Badrinath

10 days of Himalyan pilgrimage was truly an experience!

My sincere gratitude to team Edurigo who covered up company’s operations during this period.

Uttrakhand is a beautiful place and must visit at least once in your lifetime!!

Give yourself a break from work and visit your favourite destination.

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Is it possible to work from Himalayas?

I wasn’t sure but then I forgot that I live in Digital India!!

For all days during the trip, I was working from Himalayas, like work from home. Here, except in the dense forest area, most of the places I had good network available.

I checked and responded to emails.

Talked to my sales team multiple times.

Co-ordinated with my engineering and support team.

Talked to my customers on WhatsApp!!

India is truly digital😊

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(निकेश जैन, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी- एड्यूरिगो टेक्नोलॉजी के सह-संस्थापक हैं। उनकी अनुमति से उनका यह लेख अपेक्षित संशोधनों और भाषायी बदलावों के साथ #अपनीडिजिटलडायरी पर लिया गया है। मूल रूप से अंग्रेजी में उन्होंने इसे लिंक्डइन पर लिखा है।)

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निकेश के पिछले 10 लेख

24 – क्या ये सही समय नहीं कि हम परम्परागत संधारणीय जीवनशैली की ओर लौटें?
23 – कॉलेज की डिग्री नौकरी दिला पाए या नहीं, नज़रिया ज़रूर दिला सकता है
22 – अपनी ‘आरामदायक स्थिति’ को न छोड़ पाना ही सबसे बड़ी बाधा है!
21 – टी-20 क्रिकेट विश्वकप : अमेरिका के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों ने पाकिस्तान को हरा दिया!
20- आपके ‘ईमान’ की क़ीमत कितनी है? क्या इतनी कि कोई उसे आसानी से ख़रीद न सके?
19 – भावनाओं के सामने कई बार पैसों की एहमियत नहीं रह जाती, रहनी भी नहीं चाहिए!
18 – सब छोड़िए, लेकिन अपना शौक़, अपना ‘राग-अनुराग’ कभी मत छोड़िए
17 – क्रिकेट से दूर रहने के इतने सालों बाद भी मैं बल्लेबाज़ी करना भूला कैसे नहीं?
16 – सिर्फ़ 72 घंटे में पीएफ की रकम का भुगतान, ये नया भारत है!
15 – भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग अब अमेरिका से भी बेहतर हैं, कैसे?

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