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भगवान कृष्ण की ओर से अदालत में मुकदमा, जन्मभूमि पर मालिकाना हक माँगा, सात सूचनाएँ

टीम डायरी, 26/9/2020

मथुरा की अदालत में भगवान कृष्ण की ओर से मुकदमा दायर किया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, वकील हरिशंकर जैन और विष्णु जैन के जरिए रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य भक्तों ने याचिका लगाई है। इस याचिका में ‘नाबालिग’ श्रीकृष्ण विराजमान को ‘वादी’ बनाया गया है। जबकि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ़ बोर्ड और कृष्ण जन्मभूमि से लगी शाही मस्जिद ईदगाह की प्रबन्ध समिति काे ‘प्रतिवादी’ बनाया गया है। याचिका में भगवान कृष्ण की ओर से माँग की गई है कि मथुरा में उनकी जन्मभूमि से सम्बन्धित पूरी 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक उन्हें दिया जाए। इस स्थान से मस्जिद को हटाया जाए। याद दिला दें कि यह मुकदमा ठीक उसी तरह का है, जैसा 1989 में अयोध्या में श्रीरामलला विराजमान की ओर से दायर किया गया था। मामला आगे चलकर उच्चतम न्यायालय तक पहुँचा, जिस पर 2019 में श्रीरामलला विराजमान के पक्ष में फैसला आया था। 

शिरोमणि अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन से नाता तोड़ा 

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबबन्धन (एनडीए) से शिरोमणि अकाली दल ने नाता तोड़ लिया है। पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार, 26 सितम्बर को देर शाम इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि कृषि सुधार कानूनों पर केन्द्र सरकार के अड़ियल रवैये को देखते हुए पार्टी की शीर्ष इकाई ने एनडीए से अलग होने का निर्णय लिया है। यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है। एनडीए के पुराने सहयोगियों में शामिल अकाली दल इन कानूनों का खुलकर विरोध कर रहा है। बीते दिनों पार्टी नेता और केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने इसी मुद्दे पर सरकार से इस्तीफ़ा दे दिया था। शिवसेना से बाद अकाली दल दूसरा बड़ा और सबसे पुराना दल है, जो एनडीए से अलग हुआ है। 

कर्नाटक के युवा सांसद तेजस्वी भारतीय जनता युवा मोर्च के अध्यक्ष बनाए गए 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्‌डा ने शनिवार, 26 सितम्बर को अपनी नई टीम की घोषणा की। इसमें सबसे अहम नाम कर्नाटक से पार्टी सांसद तेजस्वी सूर्या का है। उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। नई टीम में छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों- रमन सिंह, वसुन्धरा राजे और रघुवर दास को उपाध्यक्ष बनाया गया है। पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता और अब भाजपाई मुकुल रॉय भी उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। जबकि राष्ट्रीय महासचिव रहे राम माधव, पी मुरलीधर राव, सरोज पांडे और अनिल जैन को जगह नहीं मिली है।

कोरोना का टीका लोगों तक पहुँचाने के लिए सरकार को एक साल में 80 हजार करोड़ रुपए चाहिए : पूनावाला

भारत में सीरम संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा है कि कोरोना महामारी से बचाव का टीका लोगों तक पहुँचाने के लिए सरकार को अगले एक साल में 80 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी। यह बड़ी चुनौती है। उन्होंने प्रश्न किया, “क्या सरकार इतनी रकम उपलब्ध करा पाएगी?” यह संस्थान ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कोरोना से बचाव का टीका विकसित कर रहा है। इस टीके का अभी इंसानों पर परीक्षण चल रहा है।  

सरकार ने इलाज में काम आने वाली ऑक्सीजन की कीमत तय की

केन्द्र सरकार ने मरीजों के इलाज में काम आने वाली ऑक्सीजन की कीमत तय कर दी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया कि इस ऑक्सीजन की कीमत अब निर्माता के स्तर पर 15.22 रुपए प्रति घन मीटर होगी। जबकि उपयोगकर्ताओं के लिए यह 25.71 रुपए प्रति घनमीटर पर उपलब्ध होगी। जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी के दौर में ऑक्सीजन की बढ़ती माँग और कीमत तय न होने से मुनाफ़ाखोरों ने अनाप-शनाप कीमतें वसूलना शुरू कर दिया था। ऑक्सीजन सिलेंडरों की जमाखोरी भी हो रही थी। इसी वजह से यह फैसला किया गया है।

पंजाब और हरियाणा से तुरन्त धान की खरीदी का आदेश

केन्द्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा से तुरन्त धान की ख़रीदी का आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद दोनों राज्यों में शनिवार, 26 सितम्बर से ही सरकारी स्तर पर धान की खरीदी शुरू कर दी गई है। वैसे खरीफ की फसलों की खरीद का सिलसिला अन्य राज्यों में अगले सप्ताह से शुरू होना है। लेकिन चूँकि पंजाब, हरियाणा में केन्द्र की ओर से लाए गए कृषि सुधार कानूनों का किसान तीखा विरोध कर रहे हैं। इसीलिए सरकार ने यह त्वरित कदम उठाया है।

चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की सहमति से कोरोना के टीके का आपातकालीन कार्यक्रम चलाया था

चीन में इस साल जुलाई में कोरोना महामारी से बचाव के टीके का आपातकालीन उपयोग कार्यक्रम चलाया गया था। जबकि उस वक्त टीके का परीक्षण शुरुआती चरण में ही था। इसके बावजूद आपातकालीन कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों को टीके की खुराक दी गई थी। इनमें वे लोग थे, जिन्हें कोरोना संक्रमण का जोखिम सबसे अधिक था। जो अति-आवश्यक सेवाओं में लगे थे। इस बाबत चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अधिकारी झेंग झोंगवे ने बताया कि उनकी ओर से इस कार्यक्रम के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन को जून में बता दिया गया था। उसकी सहमति भी मिल गई थी।

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