कलकत्ता कला विद्यालय के प्राचार्य ईबी हैवेल ने इस क्षेत्र में कौन से अहम बदलाव किए?

माइकल एडवर्ड्स की पुस्तक ‘ब्रिटिश भारत’ से, 28/10/2021

साल 1890 तक ब्रिटिश संरक्षकों के लिए भारतीय चित्रकला भी बेमानी हो चुकी थी। उसे भारतीयों का भी विशेष संरक्षण नहीं मिल रहा था। संरक्षण के अभाव में पारंपरिक भारतीय चित्रकला केवल कुछ मूल प्रांतों में ही बची थी। हालाँकि इस दौर में भी कम से कम एक भारतीय कलाकार (राजा रवि वर्मा) ने तैलीय-चित्रकारी की कूची थाम रखी थी। उन्होंने पश्चिमी शैली में चित्रकारी करना शुरू की। बड़ी संख्या में राजकुमारों और अफ़सरों के चित्र बनाए। इनमें बॉम्बे के राज्यपाल (1879) का भी एक चित्र था। यद्यपि अंग्रेजों को अब भारतीय चित्रकला में कम रुचि थी, लेकिन उनमें फिर भी कई पारंपरिक कलाओं के प्रशंसक थे। इसी के मद्देजर सरकार ने कला विद्यालय प्रायोजित करने शुरू किए। यहाँ पहले-पहल भारतीय कलाकारों को यूरोपीय शैली में कलाकारी के लिए प्रशिक्षित किया जाता था। 

हालाँकि 1896 में बदलाव आया, जब ईबी हैवेल कलकत्ता कला विद्यालय के प्राचार्य बनाए गए। उन्होंने भारतीयों को उनकी कलात्मक परंपराओं की ओर मोड़ा। उनके प्रभाव से युवा भारतीय कलाकारों ने मुग़ल चित्रकारी पर आधारित शैली में प्रयोग करने शुरू किए। ऐसे युवाओं में उल्लेखनीय नाम अबनींद्रनाथ टैगोर का था। मग़र उनके काम को बहुतों ने नापसंद भी किया। उनके चित्रों के मद्धम रंगों में बिना ‘भारतीयता’ के पश्चिमी प्रभावों को देखा गया, जो आलोचकों को पसंद नहीं आया। उनके चित्रों में मनोभाव की कमी भी दिखी।

उस समय यूरोप का कला-आंदोलन अपने उत्कर्ष पर था। उसे देखते हुए कई भारतीय कलाकार विदेश यात्राओं के माध्यम से अपनी-अपनी विधाओं में जागरूकता हासिल कर रहे थे। इसी दौरान 1923 से 1928 के बीच अबनींद्रनाथ के भाई गोगोनेंद्रनाथ ने अपनी चित्रकला में क्यूबाई शिल्प से जुड़े कुछ प्रयोग किए। लेकिन चूँकि इनमें भारतीय-शिल्प की कोई भी विशिष्टता नहीं थी, इसलिए इन्हें भी बहुत ख़ास नहीं समझा गया।

भारतीय कला-क्षेत्र में रबींद्रनाथ टैगोर का नाम विशेष उल्लेखनीय है। उनकी कला पर स्विस-जर्मन कलाकार पॉल क्ली का विशेष प्रभाव था। अन्य यूरोपीय कलाकारों का प्रतिबिंब भी दिखता था। शायद इसीलिए डब्ल्यूजी आर्चर जैसे पश्चिमी आलोचक उनके चित्रों के प्रति बहुत उत्साही रहे। उनकी कला में आधुनिक और भारतीय दोनों विशिष्टताएँ थीं। कोई संदेह नहीं कि अपने समय में उनका काम भारतीय कला के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण रहा।

फिर जिन भारतीय चित्रकारों ने आधुनिक भाषा और भारतीय वास्तविकता मिश्रण अपने चित्रों में किया, उनमें जैमिनी रॉय और अमृता शेरगिल का नाम प्रमुख है। अमृता शेरगिल (1913-41) सिख पिता और हंगेरियन माँ की बेटी थीं। उन्होंने पाँच वर्षों तक पेरिस में अध्ययन किया। उन्होंने तैलीय-रंगों की चित्रकारी तकनीक को अपनाया। उन पर फ्रांसीसी कलाकार पॉल गॉगिन का विशेष प्रभाव था। अमृता के चित्रों में यूरोपीय प्रभाव की झलक मुख्य रूप से उन्हीं की वजह से थी। हालाँकि 1933 तक तक वह एक अन्य फ्रांसीसी कलाकार पॉल सीजेन से बेहद प्रभावित हुईं। इसके बाद जब वे भारत में वापस आईं तो उन्होंने चित्रकारी के अपने विषयों के लिए गाँव का रुख किया। 

इधर, 19वीं सदी की शुरुआत में जलीय-रंगों (वॉटर कलर्स) के प्रयोग ने एक विशिष्ट बाज़ार चित्रकला को प्रेरित किया था। ख़ासकर कालीघाट, कलकत्ता में। इसके विषय मुख्य रूप से देवी-देवता होते थे। शैली बेहद स्वतंत्र और अलहदा थी। इसने बंगाली चित्रकार जैमिनी रॉय (1887-1972) को विशेष रूप से प्रभावित किया। पश्चिमी शैली के अकादमिक चित्रकार के रूप में उन्होंने शुरुआत की थी। हालांकि, 1932 के बाद उन्होंने कालीघाट स्रोतों को ख़ारिज़ कर दिया और मध्ययुगीन लघु चित्रों तथा बंगाली ग्राम्य-कला की ओर मुड़ गए।   

इस तरह यद्यपि आधुनिक भारतीय चित्र-कला को अंग्रेजों ने भले प्रोत्साहित नहीं किया लेकिन नए कलाकारों का उद्भव ब्रिटिश शासन के प्रभाव की बौद्धिक प्रतिक्रिया ज़रूर कही जा सकती है। 
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विद्रोह के बाद अंग्रेजों का भारतीयों से अलगाव उनकी वास्तुकला में भी दिखा। लिहाज़ा इसके बाद उन्होंने जितनी भी इमारतें हिंदुस्तान में खड़ी कीं, वे विक्टोरियन शैली की नकल अधिक थीं। ऐसा स्वदेशी वास्तुकला की अवमानना के लिए भी किया गया। भारतीय शिल्प को अगर थोड़ी रियायत मिली भी तो इतनी कि कहीं-कहीं मुगल शैली के गुंबदों आदि मिश्रण किया गया। लेकिन मोटे तौर पर अब भारत के मुख्य भवन निर्माता यानि अंग्रेजी-सरकार को भारतीय वास्तुकला में दिलचस्पी नहीं ही थी। हालाँकि पूरी 19वीं सदी के दौरान कुछ भारतीय शिल्पकार और भवन-निर्माता धार्मिक व निजी इमारतों में पारंपरिक वास्तुकला का इस्तेमाल तथा प्रदर्शन भी करते रहे। जैसे- बनारस में बना एक महल।

ब्रिटिश शासन के अंतिम 20 वर्षों में प्रमुख शहरों में व्यावसायिक इमारतें बड़ी संख्या बनीं। इनमें से अधिकांश को विदेशी वास्तुकारों ने समकालीन और अमेरिकी वास्तुकला की विशिष्टताओं के साथ आकार दिया। अलबत्ता शिल्प की अंतरराष्ट्रीय भाषा का विशिष्ट स्वदेशी तरीके से इस्तेमाल करते हुए गढ़ी जाने वाली आधुनिक भारतीय वास्तुकला को अपने विकास के लिए देश के आज़ाद होने तक इंतज़ार करना पड़ा।
(जारी…..)
अनुवाद : अभिनव, सम्पादन : नीलेश द्विवेदी 
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(‘ब्रिटिश भारत’ पुस्तक प्रभात प्रकाशन, दिल्ली से जल्द ही प्रकाशित हो रही है। इसके कॉपीराइट पूरी तरह प्रभात प्रकाशन के पास सुरक्षित हैं। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ श्रृंखला के अन्तर्गत प्रभात प्रकाशन की लिखित अनुमति से #अपनीडिजिटलडायरी पर इस पुस्तक के प्रसंग प्रकाशित किए जा रहे हैं। देश, समाज, साहित्य, संस्कृति, के प्रति डायरी के सरोकार की वज़ह से। बिना अनुमति इन किस्सों/प्रसंगों का किसी भी तरह से इस्तेमाल सम्बन्धित पक्ष पर कानूनी कार्यवाही का आधार बन सकता है।)
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पिछली कड़ियाँ : 
66.कौन से मुस्लिम सुधारक ख़ुद को हिन्दुओं का ‘आख़िरी अवतार’ कहते थे?
65. बाल-विवाह के विरोधी किस समाज-सुधारक ने बेटी की शादी 13 की उम्र में की थी?
64. ब्रिटिश सरकार के दौर में महिला शिक्षा की स्थिति कैसी थी?
63. देश जब आज़ाद हुआ, तब कितने प्रतिशत आबादी अशिक्षित थी?
62. लॉर्ड कर्जन को कुछ भारतीयों ने ‘उच्च शिक्षा के सर्वनाश का लेखक’ क्यों कहा?
61. आईसीएस में पहली बार कितने भारतीयों का चयन हुआ था और कब?
60. वायसराय जॉन लॉरेंस को ‘हमारा सबसे बड़ा शत्रु’ किस अंग्रेज ने कहा था?
59. कारखानों में काम करने की न्यूनतम उम्र अंग्रेजों ने पहली बार कितनी तय की थी?
58. प्लास्टिक उत्पादों से भारतीयों का परिचय बड़े पैमाने पर कब हुआ?
57. भारत में औद्योगिक विस्तार का अगुवा किस भारतीय को माना जाता है?
56. क्या हम जानते हैं, भारत में सहकारिता का प्रयोग कब से शुरू हुआ?
55. भारत में कृषि विभाग की स्थापना कब हुई?
54. अंग्रेजों ने पहली बार लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र कितनी तय की थी?
53. ब्रिटिश भारत में कानून संहिता बनाने की प्रक्रिया पहली बार कब पूरी हुई?
52. आज़ादी के बाद पाकिस्तान की पहली राजधानी कौन सी थी?
51. आजादी के आंदोलन में 1857 की क्रांति से ज्यादा निर्णायक घटना कौन सी थी?
50. चुनाव में मुस्लिमों को अलग प्रतिनिधित्व देने के पीछे अंग्रेजों का छिपा मक़सद क्या था?
49. भारत में सांकेतिक चुनाव प्रणाली की शुरुआत कब से हुई?
48. भारत ब्रिटिश हुक़ूमत की महराब में कीमती रत्न जैसा है, ये कौन मानता था?
47. ब्रिटेन के किस प्रधानमंत्री को ‘ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाने वाला’ माना गया?
46. भारत की केंद्रीय विधायी परिषद में सबसे पहले कौन से तीन भारतीय नियुक्त हुए?
45. कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल का डिज़ाइन किसने बनाया था?
44. भारतीय स्मारकों के संरक्षण को गति देने वाले वायसराय कौन थे?
43. क्या अंग्रेज भारत को तीन हिस्सों में बाँटना चाहते थे?
42. ब्रिटिश भारत में कांग्रेस की सरकारें पहली बार कितने प्रान्तों में बनीं?
41.भारत में धर्म आधारित प्रतिनिधित्व की शुरुआत कब से हुई?
40. भारत में 1857 की क्रान्ति सफल क्यों नहीं रही?
39. भारत का पहला राजनीतिक संगठन कब और किसने बनाया?
38. भारत में पहली बार प्रेस पर प्रतिबंध कब लगा?
37. अंग्रेजों की पसंद की चित्रकारी, कलाकारी का सिलसिला पहली बार कहाँ से शुरू हुआ?
36. राजा राममोहन रॉय के संगठन का शुरुआती नाम क्या था?
35. भारतीय शिक्षा पद्धति के बारे में मैकॉले क्या सोचते थे?
34. पटना में अंग्रेजों के किस दफ़्तर को ‘शैतानों का गिनती-घर’ कहा जाता था?
33. अंग्रेजों ने पहले धनी, कारोबारी वर्ग को अंग्रेजी शिक्षा देने का विकल्प क्यों चुना?
32. ब्रिटिश शासन के शुरुआती दौर में भारत में शिक्षा की स्थिति कैसी थी?
31. मानव अंग-विच्छेद की प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले पहले हिन्दु चिकित्सक कौन थे?
30. भारत के ठग अपने काम काे सही ठहराने के लिए कौन सा धार्मिक किस्सा सुनाते थे?
29. भारत से सती प्रथा ख़त्म करने के लिए अंग्रेजों ने क्या प्रक्रिया अपनाई?
28. भारत में बच्चियों को मारने या महिलाओं को सती बनाने के तरीके कैसे थे?
27. अंग्रेज भारत में दास प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाएँ रोक क्यों नहीं सके?
26. ब्रिटिश काल में भारतीय कारोबारियों का पहला संगठन कब बना?
25. अंग्रेजों की आर्थिक नीतियों ने भारतीय उद्योग धंधों को किस तरह प्रभावित किया?
24. अंग्रेजों ने ज़मीन और खेती से जुड़े जो नवाचार किए, उसके नुकसान क्या हुए?
23. ‘रैयतवाड़ी व्यवस्था’ किस तरह ‘स्थायी बन्दोबस्त’ से अलग थी?
22. स्थायी बंदोबस्त की व्यवस्था क्यों लागू की गई थी?
21: अंग्रेजों की विधि-संहिता में ‘फौज़दारी कानून’ किस धर्म से प्रेरित था?
20. अंग्रेज हिंदु धार्मिक कानून के बारे में क्या सोचते थे?
19. रेलवे, डाक, तार जैसी सेवाओं के लिए अखिल भारतीय विभाग किसने बनाए?
18. हिन्दुस्तान में ‘भारत सरकार’ ने काम करना कब से शुरू किया?
17. अंग्रेजों को ‘लगान का सिद्धान्त’ किसने दिया था?
16. भारतीयों को सिर्फ़ ‘सक्षम और सुलभ’ सरकार चाहिए, यह कौन मानता था?
15. सरकारी आलोचकों ने अंग्रेजी-सरकार को ‘भगवान विष्णु की आया’ क्यों कहा था?
14. भारत में कलेक्टर और डीएम बिठाने की शुरुआत किसने की थी?
13. ‘महलों का शहर’ किस महानगर को कहा जाता है?
12. भारत में रहे अंग्रेज साहित्यकारों की रचनाएँ शुरू में किस भावना से प्रेरित थीं?
11. भारतीय पुरातत्व का संस्थापक किस अंग्रेज अफ़सर को कहा जाता है?
10. हर हिन्दुस्तानी भ्रष्ट है, ये कौन मानता था?
9. किस डर ने अंग्रेजों को अफ़ग़ानिस्तान में आत्मघाती युद्ध के लिए मज़बूर किया?
8.अंग्रेजों ने टीपू सुल्तान को किसकी मदद से मारा?
7. सही मायने में हिन्दुस्तान में ब्रिटिश हुक़ूमत की नींव कब पड़ी?
6.जेलों में ख़ास यातना-गृहों को ‘काल-कोठरी’ नाम किसने दिया?
5. शिवाजी ने अंग्रेजों से समझौता क्यूँ किया था?
4. अवध का इलाका काफ़ी समय तक अंग्रेजों के कब्ज़े से बाहर क्यों रहा?
3. हिन्दुस्तान पर अंग्रेजों के आधिपत्य की शुरुआत किन हालात में हुई?
2. औरंगज़ेब को क्यों लगता था कि अकबर ने मुग़ल सल्तनत का नुकसान किया? 
1. बड़े पैमाने पर धर्मांतरण के बावज़ूद हिन्दुस्तान में मुस्लिम अलग-थलग क्यों रहे?

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