माइकल एडवर्ड्स की पुस्तक ‘ब्रिटिश भारत’ से, 30/10/2021
हिंदु राष्ट्रवाद का बीज भी बंगाल में ही पहली बार पड़ा था। वहाँ बंकिम चंद्र चटर्जी जैसे नेताओं और उनके कार्यों ने इसे खूब उत्प्रेरित किया। बंकिम चंद्र 1858 नए-नए स्थापित कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले शुरुआती दो छात्रों में से एक थे। फिर 1891 तक नागरिक (सिविल) सेवा में रहे। लेकिन चूँकि भारतीयों के लिए अब तक सरकारी सेवा में विकल्प सीमित थे, इसलिए उन्हें उप-कलेक्टर (डिप्टी कलेक्टर-मजिस्ट्रेट) ही नियुक्त किया गया। उनकी पदोन्नति नहीं हुई। इस पद से वे सेवानिवृत्त हुए।
बंकिम चंद्र ने अंग्रेजी साहित्यिक विधाओं का उपयोग करते हुए बंगाली भाषा में लिखा। उन्होंने अपनी रचनाओं में हिंदु धार्मिक भावनाओं और हिंदुओं के इतिहास की ख़ूब प्रशंसा की। उनकी रचना ‘बन्देमातरम्’ तो देश के बच्चे-बच्चे की ज़ुबान पर चढ़ गई। आज़ादी के आंदोलन के दौरान ही यह राष्ट्रगान बन गई। हालाँकि इसे हिंदु राष्ट्रवाद के उद्घोष के रूप में भी परिभाषित किया गया। कारण कि इसमें भगवान के साथ-साथ मातृभूमि के लिए जुड़ाव को भी सबसे ऊपर रखा गया। उसका बखान किया गया।
यही नहीं, बंकिम चंद्र ने उपन्यास ‘आनंदमठ’ (एब्बे ऑफ ब्लिस) में दावा किया कि ब्रिटिश शासन हिंदु धर्म के पुनरुद्धार के लिए महत्त्वपूर्ण प्रस्तावना की तरह रहा। इस तरह देखा जाए तो वे एक अर्थ में, सांस्कृतिक और मज़बूत राष्ट्रवाद के पक्षधर थे। उसके चिंतक थे। उनकी रचनाओं ने उन युवा बंगालियों को गहराई से प्रभावित किया, जो अपने राष्ट्रवाद को व्यक्त करने के लिए हिंसा का रास्ता अपनाने को भी तैयार थे।
उधर, एक मराठा बाल गंगाधर तिलक (1856-1920) भी इसी तरह धार्मिक भावनाओं को राजनीतिक गतिविधि के लिए उकसा रहे थे। उन्हें एकजुट कर रहे थे। वह 19वीं सदी की शुरुआत में ब्रिटिश विस्तार को उसी तरह रोकने की कोशिश में थे, जैसे मराठाओं ने 17वीं शताब्दी में मुग़लों को रोका था। बाल गंगाधर ने पूना के ‘डेक्कन कॉलेज’ से पश्चिमी शैली की शिक्षा प्राप्त की थी। उनकी शिक्षा व्यापक थी। उन्होंने हिंदु साहित्य के साथ-साथ हेगेल, मिल, बेंथम, वोल्तेयर और रूसो की रचनाओं को भी पढ़ा था।
बाल गंगाधर ने बहुत जल्द ही तय कर लिया था कि उन्हें राजनीति में उतरना है। वे ऐसे विद्यालयों की स्थापना के पक्षधर थे, जहाँ देशभक्ति और बलिदान सिखाया जाए। उन्हें पाश्चात्य विज्ञान से आपत्ति नहीं थी, लेकिन वे मानते थे कि इसे हिंदुत्त्व से जुड़ी परिभाषाओं की कसौटी पर कसा जाना चाहिए। पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कुछ समय के लिए बॉम्बे में नरमपंथी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का साथ भी दिया। लेकिन जल्द ही उन्हें अनुभव हो गया कि इस वर्ग के पास कोई जन-समर्थन नहीं है। इसलिए वे ख़ुद अपने लिए जन-समर्थन जुटाने के काम में लग गए। उन्होंने एक अखबार ‘केसरी’ का अधिग्रहण किया। इसके माध्यम से हिंदुओं के दो वार्षिक आयोजनों को बढ़ावा दिया। एक- गणेशोत्सव और दूसरा- मराठा नायक शिवाजी की जयंती। इस तरह तिलक की गतिविधियों और गौ-रक्षा सोसायटी की बढ़ती संख्या ने मुसलिमों में ख़ास तौर पर बेचैनी पैदा की थी।
तभी 1897 में बॉम्बे में प्लेग की बीमारी फैल गई। लगभग 20 हजार लोग मारे गए। इसका संक्रमण धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों में होते हुए पूना तक पहुँच गया। वहाँ प्लेग-आयुक्तों ने संक्रमण की रोकथाम के लिए सख्त तौर-तरीके अपनाए, जो ज़रूरी भी थे। लेकिन उन्होंने इनके बारे में आम जनता को भरोसे में नहीं लिया। पूना में मुख्य प्लेग अधिकारी थे श्री रैंड। वे शहर के सहायक कलेक्टर भी थे। उन्होंने प्लेग के संक्रमण से दूषित तमाम चीजों को ब्रिटिश सैनिकों से नष्ट करवाया। संक्रमित क्षेत्रों के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को विशेष शिविरों में अलग रखने की व्यवस्था की। यही नहीं, संक्रमित लोगों की खोज के दौरान अंग्रेज सैनिकों ने कभी धर्मस्थलों को नुकसान पहुँचाया, तो कहीं संपत्ति लूट लिया।
इस तरह पूना के लोग एक तो पहले से ही महामारी से परेशान थे, उसके बाद रैंड और उनके लोगों ने आतंक मचा रखा था। तिलक ने लोगों को अंग्रेजों के ख़िलाफ़ जागरूक करने में इस मौके का इस्तेमाल किया। उन्होंने रैंड और उसके लोगों के अत्याचार का विरोध किया। अधिकारियों को चेतावनी दी कि सरकार के खिलाफ जन-आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने अपने अख़बार ‘केसरी’ में लिखा, “धरती पर मौजूद लोग चाहे कितने भी सुस्त हों, पर क्या वे ऐसे आतंक के सामने झुकते रहेंगे?” इसी बीच जून 1897 में रैंड और उसके सहायक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसका संदेह तिलक पर गया और घटना के कुछ हफ्तों बाद ही उन्हें राजद्रोह के आरोप में ग़िरफ्तार कर लिया गया। उन्हें इस आरोप में 18 महीने कैद की सजा दी गई थी। तिलक वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने अंग्रेज-सरकार के ख़िलाफ़ भारत के लिए ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा दिया था। उनका निधन एक अगस्त 1920 को मुंबई में हुआ। लेकिन उनके विचारों ने उसके बाद भी लंबे समय तक युवाओं को ख़ासकर प्रभावित किया।
तिलक के धार्मिक राष्ट्रवाद का बहुत व्यापक प्रभाव था। इससे ब्राह्मणों को बल मिला और वे हिंदु परंपराओं को अंग्रेजों से मिल रही चुनौतियों का विरोध कर सके। इसने बेरोज़ग़ार मध्यम वर्गों को उनकी आर्थिक बदहाली से निकालने के साथ ही पारंपरिक व्यवस्था से जुड़ने का मौका दिया। उनकी शिक्षा ने अब तक उन्हें उनकी ही संस्कृति से दूर कर दिया था। किसानों को भी इस नए राष्ट्रवाद ने आत्मरक्षा के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया। वहीं, गरम खून वाले नवयुवकों को आक्रामकता से लबरेज़ किया।
(जारी…..)
अनुवाद : अभिनव, सम्पादन : नीलेश द्विवेदी
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(‘ब्रिटिश भारत’ पुस्तक प्रभात प्रकाशन, दिल्ली से जल्द ही प्रकाशित हो रही है। इसके कॉपीराइट पूरी तरह प्रभात प्रकाशन के पास सुरक्षित हैं। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ श्रृंखला के अन्तर्गत प्रभात प्रकाशन की लिखित अनुमति से #अपनीडिजिटलडायरी पर इस पुस्तक के प्रसंग प्रकाशित किए जा रहे हैं। देश, समाज, साहित्य, संस्कृति, के प्रति डायरी के सरोकार की वज़ह से। बिना अनुमति इन किस्सों/प्रसंगों का किसी भी तरह से इस्तेमाल सम्बन्धित पक्ष पर कानूनी कार्यवाही का आधार बन सकता है।)
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पिछली कड़ियाँ :
71. कांग्रेस की स्थापना को ह्यूम ‘सेफ्टी वॉल्व’ योजना क्यों कहते थे?
70. कांग्रेस की स्थापना में एओ ह्यूम की मदद किसने की थी?
69. ब्रह्म समाज के लोगों को ‘अंग्रेजों का गुप्त प्रतिनिधिˆ क्यों कहा जाता था?
68. महर्षि अरबिन्दो को अपना महाकाव्य ‘सावित्री’ लिखने में कितने साल लगे?
67. कलकत्ता कला विद्यालय के प्राचार्य ईबी हैवेल ने इस क्षेत्र में कौन से अहम बदलाव किए?
66.कौन से मुस्लिम सुधारक ख़ुद को हिन्दुओं का ‘आख़िरी अवतार’ कहते थे?
65. बाल-विवाह के विरोधी किस समाज-सुधारक ने बेटी की शादी 13 की उम्र में की थी?
64. ब्रिटिश सरकार के दौर में महिला शिक्षा की स्थिति कैसी थी?
63. देश जब आज़ाद हुआ, तब कितने प्रतिशत आबादी अशिक्षित थी?
62. लॉर्ड कर्जन को कुछ भारतीयों ने ‘उच्च शिक्षा के सर्वनाश का लेखक’ क्यों कहा?
61. आईसीएस में पहली बार कितने भारतीयों का चयन हुआ था और कब?
60. वायसराय जॉन लॉरेंस को ‘हमारा सबसे बड़ा शत्रु’ किस अंग्रेज ने कहा था?
59. कारखानों में काम करने की न्यूनतम उम्र अंग्रेजों ने पहली बार कितनी तय की थी?
58. प्लास्टिक उत्पादों से भारतीयों का परिचय बड़े पैमाने पर कब हुआ?
57. भारत में औद्योगिक विस्तार का अगुवा किस भारतीय को माना जाता है?
56. क्या हम जानते हैं, भारत में सहकारिता का प्रयोग कब से शुरू हुआ?
55. भारत में कृषि विभाग की स्थापना कब हुई?
54. अंग्रेजों ने पहली बार लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र कितनी तय की थी?
53. ब्रिटिश भारत में कानून संहिता बनाने की प्रक्रिया पहली बार कब पूरी हुई?
52. आज़ादी के बाद पाकिस्तान की पहली राजधानी कौन सी थी?
51. आजादी के आंदोलन में 1857 की क्रांति से ज्यादा निर्णायक घटना कौन सी थी?
50. चुनाव में मुस्लिमों को अलग प्रतिनिधित्व देने के पीछे अंग्रेजों का छिपा मक़सद क्या था?
49. भारत में सांकेतिक चुनाव प्रणाली की शुरुआत कब से हुई?
48. भारत ब्रिटिश हुक़ूमत की महराब में कीमती रत्न जैसा है, ये कौन मानता था?
47. ब्रिटेन के किस प्रधानमंत्री को ‘ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाने वाला’ माना गया?
46. भारत की केंद्रीय विधायी परिषद में सबसे पहले कौन से तीन भारतीय नियुक्त हुए?
45. कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल का डिज़ाइन किसने बनाया था?
44. भारतीय स्मारकों के संरक्षण को गति देने वाले वायसराय कौन थे?
43. क्या अंग्रेज भारत को तीन हिस्सों में बाँटना चाहते थे?
42. ब्रिटिश भारत में कांग्रेस की सरकारें पहली बार कितने प्रान्तों में बनीं?
41.भारत में धर्म आधारित प्रतिनिधित्व की शुरुआत कब से हुई?
40. भारत में 1857 की क्रान्ति सफल क्यों नहीं रही?
39. भारत का पहला राजनीतिक संगठन कब और किसने बनाया?
38. भारत में पहली बार प्रेस पर प्रतिबंध कब लगा?
37. अंग्रेजों की पसंद की चित्रकारी, कलाकारी का सिलसिला पहली बार कहाँ से शुरू हुआ?
36. राजा राममोहन रॉय के संगठन का शुरुआती नाम क्या था?
35. भारतीय शिक्षा पद्धति के बारे में मैकॉले क्या सोचते थे?
34. पटना में अंग्रेजों के किस दफ़्तर को ‘शैतानों का गिनती-घर’ कहा जाता था?
33. अंग्रेजों ने पहले धनी, कारोबारी वर्ग को अंग्रेजी शिक्षा देने का विकल्प क्यों चुना?
32. ब्रिटिश शासन के शुरुआती दौर में भारत में शिक्षा की स्थिति कैसी थी?
31. मानव अंग-विच्छेद की प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले पहले हिन्दु चिकित्सक कौन थे?
30. भारत के ठग अपने काम काे सही ठहराने के लिए कौन सा धार्मिक किस्सा सुनाते थे?
29. भारत से सती प्रथा ख़त्म करने के लिए अंग्रेजों ने क्या प्रक्रिया अपनाई?
28. भारत में बच्चियों को मारने या महिलाओं को सती बनाने के तरीके कैसे थे?
27. अंग्रेज भारत में दास प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाएँ रोक क्यों नहीं सके?
26. ब्रिटिश काल में भारतीय कारोबारियों का पहला संगठन कब बना?
25. अंग्रेजों की आर्थिक नीतियों ने भारतीय उद्योग धंधों को किस तरह प्रभावित किया?
24. अंग्रेजों ने ज़मीन और खेती से जुड़े जो नवाचार किए, उसके नुकसान क्या हुए?
23. ‘रैयतवाड़ी व्यवस्था’ किस तरह ‘स्थायी बन्दोबस्त’ से अलग थी?
22. स्थायी बंदोबस्त की व्यवस्था क्यों लागू की गई थी?
21: अंग्रेजों की विधि-संहिता में ‘फौज़दारी कानून’ किस धर्म से प्रेरित था?
20. अंग्रेज हिंदु धार्मिक कानून के बारे में क्या सोचते थे?
19. रेलवे, डाक, तार जैसी सेवाओं के लिए अखिल भारतीय विभाग किसने बनाए?
18. हिन्दुस्तान में ‘भारत सरकार’ ने काम करना कब से शुरू किया?
17. अंग्रेजों को ‘लगान का सिद्धान्त’ किसने दिया था?
16. भारतीयों को सिर्फ़ ‘सक्षम और सुलभ’ सरकार चाहिए, यह कौन मानता था?
15. सरकारी आलोचकों ने अंग्रेजी-सरकार को ‘भगवान विष्णु की आया’ क्यों कहा था?
14. भारत में कलेक्टर और डीएम बिठाने की शुरुआत किसने की थी?
13. ‘महलों का शहर’ किस महानगर को कहा जाता है?
12. भारत में रहे अंग्रेज साहित्यकारों की रचनाएँ शुरू में किस भावना से प्रेरित थीं?
11. भारतीय पुरातत्व का संस्थापक किस अंग्रेज अफ़सर को कहा जाता है?
10. हर हिन्दुस्तानी भ्रष्ट है, ये कौन मानता था?
9. किस डर ने अंग्रेजों को अफ़ग़ानिस्तान में आत्मघाती युद्ध के लिए मज़बूर किया?
8.अंग्रेजों ने टीपू सुल्तान को किसकी मदद से मारा?
7. सही मायने में हिन्दुस्तान में ब्रिटिश हुक़ूमत की नींव कब पड़ी?
6.जेलों में ख़ास यातना-गृहों को ‘काल-कोठरी’ नाम किसने दिया?
5. शिवाजी ने अंग्रेजों से समझौता क्यूँ किया था?
4. अवध का इलाका काफ़ी समय तक अंग्रेजों के कब्ज़े से बाहर क्यों रहा?
3. हिन्दुस्तान पर अंग्रेजों के आधिपत्य की शुरुआत किन हालात में हुई?
2. औरंगज़ेब को क्यों लगता था कि अकबर ने मुग़ल सल्तनत का नुकसान किया?
1. बड़े पैमाने पर धर्मांतरण के बावज़ूद हिन्दुस्तान में मुस्लिम अलग-थलग क्यों रहे?
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(लेखक विषय की गम्भीरता और अपने ज्ञानाभास की सीमा से अनभिज्ञ नहीं है। वह न… Read More
दुनिया में तो होंगे ही, अलबत्ता हिन्दुस्तान में ज़रूर से हैं...‘जानवरख़ोर’ बुलन्द हैं। ‘जानवरख़ोर’ यानि… Read More
हम अपने नित्य व्यवहार में बहुत व्यक्तियों से मिलते हैं। जिनके प्रति हमारे विचार प्राय:… Read More