मैं जब ‘याहू’ में काम करता था, तो दक्षिण कोरिया में चार सदस्यों की मेरी टीम थी। उन चार सदस्यों में से‘ सिर्फ एक को…
View More अंग्रेजी से हमारा मोह : हम अब भी ग़ुलाम मानसिकता से बाहर नहीं आए हैं!Author: From Visitor
आज तुमसे कहना चाहता हूँ…, ऐसा लिखने वाले को पढ़िए और कहने वाले को सुनिए!
आज तुमसे कहना चाहता हूँ… कभी तुम से कहा नहीं कि तुम खाना बहुत अच्छा बनती।तुम्हारे घरेलू कामों की कभी तारीफ नहीं की।तुमने कितनी सफाई…
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कुछ दिन पहले ही यूट्यूब चैनल पर किसी महाराज की शिष्या द्वारा समाधि लेने की ख़बर दिखी, जो नियत समय में समाधि से लौटी ही…
View More सोशल मीडिया कंटेंट : उठना है, जागना है, छुरे की धार पर आगे बढ़ना है!महिला दिवस जैसे मौकों पर होने वाले स्त्री-विमर्श में भाषा को नपुंसक क्यों करना?
आजकल भाषा में स्त्री- विमर्श जोर पकड़ रहा है। ऐसा नहीं कि यह कोई नया विषय है। भाषा में लैंगिक भेद सम्भवत: प्रायोजित नहीं अपितु…
View More महिला दिवस जैसे मौकों पर होने वाले स्त्री-विमर्श में भाषा को नपुंसक क्यों करना?भारत 2047 में अमेरिका से कहेगा- सुनो दोस्त, अब हम बराबर! पर कैसे? ज़वाब इधर…
भारत 2047 में अमेरिका से आँख में आँख मिलाकर कहेगा, “सुनो दोस्त, अब हम दोनों बराबर हैं।” मतलब भारत और अमेरिका दुनिया की दो सबसे…
View More भारत 2047 में अमेरिका से कहेगा- सुनो दोस्त, अब हम बराबर! पर कैसे? ज़वाब इधर…‘संस्कृत की संस्कृति’ : उदाहरण रूप वैदिक शब्दों की रूढ़ संज्ञा को क्या कहते हैं?
चारों वेदों के उपलब्ध सबसे प्राचीन भाष्यकार आचार्य सायण अपनी ऋग्वेद-भाष्य-भूमिका में निरूक्त का लक्षण देते हुए लिखते हैं, “अर्थ ज्ञान के लिए स्वतंत्र रूप…
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गर्मी की छुट्टियाँ थीं और मैं उस दिन आराम से घर के कामकाज में व्यस्त थी। तभी किसी अज्ञात नम्बर से फोन आया। उधर से…
View More जब भी कोई अच्छा कार्य करोगे, 90% लोग तुम्हारे खिलाफ़ होंगेअच्छी चीज़ों का प्रसार कीजिए, नहीं तो कोई ख़राब चीज़ें फैलाएगा
ज़िन्दगी में हम जिन चीज़ों को मूल्यवान समझते हैं, या जिनकी क़द्र करते हैं, उसे हम सबसे साझा भी करते हैं। अगर हम पान का…
View More अच्छी चीज़ों का प्रसार कीजिए, नहीं तो कोई ख़राब चीज़ें फैलाएगा‘संस्कृत की संस्कृति’ : सुनना बड़ा महत्त्वपूर्ण है, सुनेंगे नहीं तो बोलेंगे कैसे?
सुनना बड़ा महत्त्वपूर्ण कार्य है। सुनेंगे नहीं तो बोलेंगे कैसे? इस लिहाज से कभी सोचा है क्या कि ‘मूक-बधिर’ शब्द युग्म शब्द क्यों है? दरअस्ल,…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : सुनना बड़ा महत्त्वपूर्ण है, सुनेंगे नहीं तो बोलेंगे कैसे?सुनिएगा, एक अच्छी रचना…: कैसे करूँ शिक़वा या गुज़ारिश तुमसे
जब मैंने तुमसे सिर्फ तुम्हारा समर्पण माँगा,सच कहूं तो केवल अपना सुख ही चाहा था।जो मैं सच्चा रिझवार हो जाता प्रियवर,अगन में तुम्हारी जलकर फ़ना…
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