शनिवार 10 फरवरी को दक्षिण कैरोलिना की एक चुनाव रैली में अमेरिका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने एक वक्तव्य दिया। लब्बो-लुआब यह था कि…
View More दड़बा-ए-नाटो में घुसने को तैयार ‘बागड़ बिल्ले’ के गले में घंटी कौन बाँधेगा?Author: From Visitor
‘संस्कृत की संस्कृति’ : मैं ऐसे व्यक्ति की पत्नी कैसे हो सकती हूँ?
वेद के छह अङ्गों में एक अङ्ग व्याकरण है, जिसके विषय में सामान्य तौर पर हमने पूर्व की कड़ियों (नीचे उनकी लिंक्स दी गई हैं,…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : मैं ऐसे व्यक्ति की पत्नी कैसे हो सकती हूँ?यांत्रिक हो रही ज़िन्दगी का मक़ाम क्या होगा?
जिस रफ़्तार से हम अपनी ज़िन्दगी में मशीन-रसायनों का समावेश कर रहे हैं, हमारे शहर उसी अनुपात में मानवीय चेतना और भावना विहीन होते जा…
View More यांत्रिक हो रही ज़िन्दगी का मक़ाम क्या होगा?हो सके तो इस साल सरकारी प्राथमिक स्कूल के बच्चों संग वेलेंटाइन-डे मना लें, अच्छा लगेगा
इतना आसान नहीं होता है सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में कोई समारोह करा पाना। चाहते तो हम भी हैं कि हमारे बच्चे अच्छे-अच्छे, सुन्दर और फैन्सी…
View More हो सके तो इस साल सरकारी प्राथमिक स्कूल के बच्चों संग वेलेंटाइन-डे मना लें, अच्छा लगेगा‘मायावी अम्बा और शैतान’ : वह वापस लौटेगी, डायनें बदला जरूर लेती हैं
जितना उसे याद था, रोजी मैडबुल किसी की हत्या की योजना बना रहा था। किसी को मारने में उसे बड़ा मजा आता था। हत्या के…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : वह वापस लौटेगी, डायनें बदला जरूर लेती हैंबच्चों से उम्मीदें लगाने में बुराई नहीं, मगर उन पर अपेक्षाएँ थोपना ग़लत है
हम उस भारत के नागरिक हैं, जहाँ की धरती को जन्मभूमि नहीं, बल्कि मातृभूमि समझा जाता है। हम अपने देश को ठीक उसी तरह इज्जत…
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कल मेरी एक सहेली या छोटी बहन भी कह सकते हैं, रात को फोन करके कहती है – “मैम, मैंने अपना Facebook account deactivate कर…
View More सबसे ज़्यादा परेशान भावनाएँ करतीं हैं, उनके साथ सहज रहो, खुश रहोबेटी के नाम छठवीं पाती : तुम्हारी मुस्कान हर दर्द भुला देती है
प्रिय मुनिया, मेरी गिलहरी, तुम आज पूरे दो साल की हो गई हो। तुम्हें पिछला पत्र तुम्हारे पहले जन्मदिन पर एक साल पहले 27 जनवरी…
View More बेटी के नाम छठवीं पाती : तुम्हारी मुस्कान हर दर्द भुला देती हैऐसे बहुत से बच्चों की टीचर उन्हें ढूँढ रहीं होगीं
कल माघ मेले में इनसे मिलना हुआ l मसाला चाय बेच रहे थे और हमारे पीछे हो लिए l हमारी दुनिया तो ऐसे ही बच्चों…
View More ऐसे बहुत से बच्चों की टीचर उन्हें ढूँढ रहीं होगीं…लगी निभाने की सौगंध नहीं क्या तुम्हारी है?
तेरी नज़र जब मुझे अपने से ज़ुदा करती है मेरी नज़र तुझे भूलने की ख़ता करती है न देखा, न समझा, न सुना ही है…
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