मुझे लगता है, हिन्दी में इसको उल्टा यानि कि नीचे अंग्रेजी के मूल लेख में दिए गए आख़िरी वाक्य से पढ़ना शुरू करना चाहिए। इस…
View More ड्रोन दीदी : भारत में ‘ड्रोन क्रान्ति’ की अगली असली वाहक!Author: From Visitor
मदद का हाथ बढ़ाना ही होगा, जीवन की गाड़ी ऐसे ही चलती रहनी चाहिए
मैं ट्रेनिंग में थी l मेरे आगे की पंक्ति में एक सीनियर मैडम बैठी थीं। चर्चा कर रहीं थीं अपने अगल-बगल बैठी महिला शिक्षिकाओं से।…
View More मदद का हाथ बढ़ाना ही होगा, जीवन की गाड़ी ऐसे ही चलती रहनी चाहिएबेंगलुरू में साल के छह महीने पानी बरसता है, फिर भी जल संकट क्यों?
मैं बेंगलुरू में रहता हूँ और मेरे स्नानघर में अब भी पर्याप्त पानी है। तो क्या बेंगलुरू में पानी के संकट से जुड़ी ख़बरें झूठी…
View More बेंगलुरू में साल के छह महीने पानी बरसता है, फिर भी जल संकट क्यों?‘एक्स-मुस्लिम्स’ : स्याह गुमनामी में क्या ये नई रोशनी है?
साइबर दुनिया ने गुमनाम और अज्ञात रह सकने की सहूलियत दी है। इस सहूलियत ने कुछ मजहबों में निजी स्वतंत्रता के नए आयाम खोल दिए…
View More ‘एक्स-मुस्लिम्स’ : स्याह गुमनामी में क्या ये नई रोशनी है?No Smoking Day : Replace your cigarette with a glass of juice daily
“Cancer is no joke, So put down that smoke.” My article starts with this slogan today, because second Wednesday of March is celebrated as #NoSmokingDay…
View More No Smoking Day : Replace your cigarette with a glass of juice dailyधूम्रपान निषेध दिवस : अपने लिए खुशी या अपनों के लिए आँसू, फ़ैसला हमारा!
‘धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है’, ये वाक्य हमें हर गली-चौराहे और नशीली चीज़ों पर अक्सर लिखा हुआ दिखता है। हम सब जानते हैं, मानते…
View More धूम्रपान निषेध दिवस : अपने लिए खुशी या अपनों के लिए आँसू, फ़ैसला हमारा!यात्रा, मित्रता और ज्ञानवर्धन : कुछ मामलों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाकई अच्छा है
सुबह विद्यालय के लिए निकलती हूँ और सड़क पार करते ही एक पेड़ दिखता है…फूलों से लदा हुआ l बस आती नहीं दिखी तो मैं…
View More यात्रा, मित्रता और ज्ञानवर्धन : कुछ मामलों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाकई अच्छा हैअंग्रेजी से हमारा मोह : हम अब भी ग़ुलाम मानसिकता से बाहर नहीं आए हैं!
मैं जब ‘याहू’ में काम करता था, तो दक्षिण कोरिया में चार सदस्यों की मेरी टीम थी। उन चार सदस्यों में से‘ सिर्फ एक को…
View More अंग्रेजी से हमारा मोह : हम अब भी ग़ुलाम मानसिकता से बाहर नहीं आए हैं!आज तुमसे कहना चाहता हूँ…, ऐसा लिखने वाले को पढ़िए और कहने वाले को सुनिए!
आज तुमसे कहना चाहता हूँ… कभी तुम से कहा नहीं कि तुम खाना बहुत अच्छा बनती।तुम्हारे घरेलू कामों की कभी तारीफ नहीं की।तुमने कितनी सफाई…
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कुछ दिन पहले ही यूट्यूब चैनल पर किसी महाराज की शिष्या द्वारा समाधि लेने की ख़बर दिखी, जो नियत समय में समाधि से लौटी ही…
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