यह 1970 के दशक की बात है। इंग्लैण्ड और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई समझी जाने वाली ‘एशेज़ क्रिकेट’ श्रृंखला चल रही थी। पाँच…
View More ‘एशेज़ क्रिकेट श्रृंखला’ और ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की कहानियाँ बड़े दिलचस्प तौर से जुड़ी हैं!Author: Neelesh Dwivedi
ऑपरेशन सिन्दूर : भारत ‘इतिहास’ बदलने पर आमादा है और पाकिस्तान ख़ुद ‘अपना भूगोल’!
भारत का इतिहास रहा है, सौम्यता का प्रदर्शन। उनके साथ भी बड़ा दिल दिखाना, जो उसके साथ बुरा करते हैं। इस चक्कर में तमाम विदेशी…
View More ऑपरेशन सिन्दूर : भारत ‘इतिहास’ बदलने पर आमादा है और पाकिस्तान ख़ुद ‘अपना भूगोल’!माँ-बहनों का सिन्दूर उजाड़ने का ज़वाब है ‘ऑपरेशन सिन्दूर’, महँगा पड़ेगा पाकिस्तान को!
वे 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आए। वहाँ घूमते-फिरते, हँसते-खेलते सैलानियों को घुटनों के बल बैठाया। उनसे उनका धर्म पूछा। क़लमा पढ़ने को कहा।…
View More माँ-बहनों का सिन्दूर उजाड़ने का ज़वाब है ‘ऑपरेशन सिन्दूर’, महँगा पड़ेगा पाकिस्तान को!तैयार रहिए, जंग के मैदान में पाकिस्तान को ‘पानी-पानी करने’ का वक़्त आने ही वाला है!
‘पानी-पानी करना’ एक कहावत है। इसका मतलब है, किसी को उसकी ग़लती के लिए इतना शर्मिन्दा कर देना कि वह सिर उठाने के क़ाबिल न…
View More तैयार रहिए, जंग के मैदान में पाकिस्तान को ‘पानी-पानी करने’ का वक़्त आने ही वाला है!इन बातों में रत्तीभर भी सच है, तो पाकिस्तान मुस्लिमों का हितैषी मुल्क कैसे हुआ?
सबसे पहले तो यह वीडियो देखिए ध्यान से। इसमें जो महिला दिख रही हैं, उनका नाम नायला क़ादरी बलूच है। वह बलूचिस्तान की आज़ादी के…
View More इन बातों में रत्तीभर भी सच है, तो पाकिस्तान मुस्लिमों का हितैषी मुल्क कैसे हुआ?‘आपकी टीम में कौन’ क्रिकेटर का ‘वैभव’, या जुए से पैसा बनाने का सपना बेच रहे ‘आमिर’?
तय कर लीजिए कि ‘आपकी टीम में कौन है’? क्योंकि इस सवाल के ज़वाब के तौर पर जो भी विकल्प हम-आप चुनेंगे, उसके परिणाम दूरगामी…
View More ‘आपकी टीम में कौन’ क्रिकेटर का ‘वैभव’, या जुए से पैसा बनाने का सपना बेच रहे ‘आमिर’?भारत ने फेंका पासा और पाकिस्तान का पैर कुल्हाड़ी पर, गर्दन फन्दे में! जानिए कैसे?
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला तो करा दिया, लेकिन उसे शायद ऐसी उम्मीद नहीं रही होगी, जैसी प्रतिक्रिया उसे भारत से मिल…
View More भारत ने फेंका पासा और पाकिस्तान का पैर कुल्हाड़ी पर, गर्दन फन्दे में! जानिए कैसे?चिट्ठी-पत्री आज भी पढ़ी जाती हैं, बशर्ते दिल से लिखी जाएँ…ये प्रतिक्रियाएँ पढ़िए!
महात्मा गाँधी कहा करते थे, “पत्र लिखना भी एक कला है। मुझे पत्र लिखना है, और उसमें सत्य ही लिखना है तथा प्रेम उड़ेल देना…
View More चिट्ठी-पत्री आज भी पढ़ी जाती हैं, बशर्ते दिल से लिखी जाएँ…ये प्रतिक्रियाएँ पढ़िए!बच्चों को ‘नम्बर-दौड़’ में न धकेलें, क्योंकि सिर्फ़ अंकसूची से कोई ‘कलेक्टर’ नहीं बनता!
एक ज़माने में बोलचाल के दौरान कुछ जुमले चलते थे- ‘तुम कोई कलेक्टर हो क्या कहीं के’ या ‘ज़्यादा कलेक्टरी झाड़ने की कोशिश न करो’।…
View More बच्चों को ‘नम्बर-दौड़’ में न धकेलें, क्योंकि सिर्फ़ अंकसूची से कोई ‘कलेक्टर’ नहीं बनता!‘चिन्ताएँ और जूते दरवाज़े पर छोड़ दीजिए’, ऐसा लिखने का क्या मतलब है?
रास्ता चलते हुए भी अक्सर बड़े काम की बातें सीखने को मिल जाया करती हैं। बशर्ते, कोई अपनी आँख, नाक, कान खुले रखे और दिमाग़…
View More ‘चिन्ताएँ और जूते दरवाज़े पर छोड़ दीजिए’, ऐसा लिखने का क्या मतलब है?