कब अहिंसा भी परपीड़न का कारण बनती है?

प्राचीन काल की बात है। किसी गाँव में चन्द्रभूषण नामक एक विद्वान पंडित रहते थे। उनकी वाणी में गज़ब का आकर्षण था। भागवत् कथा सुनाने में निपुण थे।…

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ऊँचाईयाँ नीचे देखने से मना करती हैं

एक मीना बाज़ार लगता था, हर वर्ष नवरात्रि में। उसमें घूमने जाने का मज़ा ही कुछ और होता था। बड़े-बड़े झूले उसकी पहचान थी। कई…

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सोचिए कि जो हुआ, जो कहा, जो जाना, क्या वही अंतिम सत्य है

तैत्तिरीय उनिषद् में एक प्रसंग है। ऋषि भृगु और उनके पिता का। ऋषि भृगु अपने पिता वरुण के पास जाते हैं और पूछते हैं, परमात्मा…

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स्मृतियों के जंगल मे यादें कभी नहीं मरतीं

दो बार फोन लगाया पर नहीं उठाया, आख़िर रख दिया। सोचा कि अगला ड्यूटी पर होगा और जब समय मिलेगा तो ख़ुद कर लेगा। आख़िर…

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जो क्षमा करे वो महावीर, जो क्षमा सिखाए वो महावीर…

एक सेठ ने अपने छोटे भाई को व्यापार शुरू करने के लिए कुछ धन दिया। लेकिन छोटे भाई ने व्यापार जमने के बाद धन वापस…

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विचित्र हैं हम.. जाना भीतर है और चलते बाहर हैं, दबे पाँव

जिनसे उम्र भर लड़ते-भिड़ते रहते हैं, वे एक दिन हम सबसे दूर हो जाते हैं। सदा के लिए संसार त्याग देते हैं। हम दुख मनाते…

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राजनीति का पटाखा बाज़ार : मोदी बम, सिद्धू रॉकेट, केजरी तड़तड़ी.. और भी बहुत कुछ!

अब मार्केट में देवी-देवताओं के नाम वाले बम और पटाखे तो नहीं हैं, लेकिन नेताओं के नाम वाले पटाखों की भरमार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने दिशा-निर्देशों में कहा है कि पटाखे पॉल्यूशन-फ्री होने चाहिए। यानि उनसे किसी तरह का प्रदूषण न फैले। लेकिन इन नेता छाप पटाखों पर ये दिशा-निर्देश लागू नहीं होते। इसलिए आम आदमी…

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बेटा! नाहक गरमी मत दिखा, हमने इसे घर की लक्ष्मी को निकालते देखा है

घटना बहुत पुरानी नहीं है। लेकिन समय वह था, जब देश में धन-समृद्धि अधिक थी। मग़र फिर भी किसी ब्राह्मण का धनवान होना तो एक…

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वीर सावरकर की हिन्दु महासभा के उद्देश्य क्या बताए गए थे?

सुभाष चंद्र बोस के विचारों और कार्यों ने भारत में तमाम युवाओं को प्रेरित किया। इन्हीं में एक अग्रणी नाम था विनायक दामोदर सावरकर (1883-1965) का। वे…

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महात्मा गाँधी को संत और राजनेता का असहज मिश्रण क्यों कहा जाता था?

बंगाल के विभाजन के ख़िलाफ़ हुआ आंदोलन वैसे तो राष्ट्रीय स्वरूप का था, फिर भी कुछ मुसलमानों ने इसका विरोध किया। इसे हिंदुओं की प्रतिक्रिया माना। ख़ास तौर पर…

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