परलोक और पुनर्जन्म- दो ऐसी बातें हैं, जिनके बिना धर्म की गहनता को समझना सम्भव नहीं है। विज्ञान या तर्क से इसे न तो साबित कर…
View More परलोक और पुनर्जन्म को विज्ञान माने या न माने, ज्ञान साक्षात् दिखा देता हैAuthor: Apni Digital Diary
केल्हौरा की कहानी बताती है कि गाँव के भीतर से ही जल, जंगल, ज़मीन की सूरत बदल सकती है!
ये एक छोटे से गाँव की बड़ी कहानी है। देखी जा सकती है, सुनी जा सकती है और गुनी भी। यानि इस पर विचार किया…
View More केल्हौरा की कहानी बताती है कि गाँव के भीतर से ही जल, जंगल, ज़मीन की सूरत बदल सकती है!आरबीआई के 10 लाख फॉलोअर्स होना ख़बर तो है, पर सबको ये ख़बर क्यों नहीं है?
अभी तीन रोज पहले सवेरे से ही फेसबुक के ज़रिए मिली एक ख़बर ने बड़ा बेचैन कर रखा था। आजकल ख़बरें अख़बार से बाद में,…
View More आरबीआई के 10 लाख फॉलोअर्स होना ख़बर तो है, पर सबको ये ख़बर क्यों नहीं है?हम खुद मजबूत होंगे, तब ही किसी की मदद कर सकेंगे
अल-सुबह सबसे पहले उठना। देर रात सबसे बाद में सोना। परिवार के एक-एक सदस्य की छोटी से बड़ी, हर चीज का ख्याल रखना। घर के…
View More हम खुद मजबूत होंगे, तब ही किसी की मदद कर सकेंगेशरद शिव-स्तुति उत्सव
शरद पूर्णिमा पर भगवान कृष्ण को खीर का भोग लगाना। वृन्दावन की गोपियों के साथ उनके महारास को याद करना। उन्हें नौका विहार कराना। ये…
View More शरद शिव-स्तुति उत्सवक्या यह वाकई सरकार की ओर से कोरोना योद्धाओं का सम्मान है?
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अभी गुरुवार, 19 नवम्बर को एक अहम घोषणा की है। इसके मुताबिक देशभर के चिकित्सा महाविद्यालयों (Medical Colleges) में कोरोना योद्धाओं के…
View More क्या यह वाकई सरकार की ओर से कोरोना योद्धाओं का सम्मान है?‘ग्रामोदय से भारत उदय’ की अवधारणा नानाजी देशमुख की थी, हम उसी से फूटे अंकुर हैं!
मैं प्रमोद पांडे। वर्तमान में अमेरिका के कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में व्याख्याता (Professor) हूँ। हालाँकि मैं मूल रूप से मध्य प्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट से…
View More ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ की अवधारणा नानाजी देशमुख की थी, हम उसी से फूटे अंकुर हैं!इस वीडियो से वह वज़ह जानते हैं कि नानाजी देशमुख शरदोत्सव के लिए तैयार क्यों हुए?
नानाजी देशमुख ने अगर अपने सहयोगी डॉक्टर भरत पाठक जी को शरदोत्सव के तौर पर अपनी जयन्ती मनाने की सहमति दी तो वह यूँ ही…
View More इस वीडियो से वह वज़ह जानते हैं कि नानाजी देशमुख शरदोत्सव के लिए तैयार क्यों हुए?नानाजी देशमुख शरदोत्सव के रूप में अपना जन्मदिन मनाने को तैयार कैसे हुए?
महाराष्ट्र के कडोली गाँव (हिंगोली जिला) में 11 अक्टूबर 1916 को जब नानाजी देशमुख का जन्म हुआ, उस दिन शरद पूर्णिमा थी। कहा जाता है, शरद पूर्णिमा…
View More नानाजी देशमुख शरदोत्सव के रूप में अपना जन्मदिन मनाने को तैयार कैसे हुए?विजयादशमी पर ‘शक्ति का नाद, शक्ति द्वारा, शक्ति के लिए’!
विजयादशमी, यानि विजय के उद्घोष का दिन। ये उद्घोष अगर ‘शक्ति का, शक्ति द्वारा और शक्ति के लिए’ हो तो? प्रश्न जितना ‘रोचक’ (Interesting) है,…
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