वे 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आए। वहाँ घूमते-फिरते, हँसते-खेलते सैलानियों को घुटनों के बल बैठाया। उनसे उनका धर्म पूछा। क़लमा पढ़ने को कहा।…
View More माँ-बहनों का सिन्दूर उजाड़ने का ज़वाब है ‘ऑपरेशन सिन्दूर’, महँगा पड़ेगा पाकिस्तान को!Tag: सूचना
‘डिजिटल अपनाओ, औरों को सिखाओ’, क्या इसलिए एटीएम से पैसा निकालना महँगा हुआ?
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने एटीएम से नगद पैसा निकालने की सुविधा को महँगा कर दिया है। जानकारी के मुताबिक आरबीआई ने राष्ट्रीय भुगतान निगम…
View More ‘डिजिटल अपनाओ, औरों को सिखाओ’, क्या इसलिए एटीएम से पैसा निकालना महँगा हुआ?गाने वाली घड़ी कहानी ‘प्रहर’ का अगला पड़ाव अब रंग-ओ-अदब की महफ़िल पटना में
‘गाने वाली घड़ी की कहानी-प्रहर’ का सफ़र जारी है। ‘भोपाल साहित्य उत्सव’ के दौरान भारत भवन से हुई शुरुआत के बाद बेंगलुरू में 16 फरवरी…
View More गाने वाली घड़ी कहानी ‘प्रहर’ का अगला पड़ाव अब रंग-ओ-अदब की महफ़िल पटना मेंगाने वाली घड़ी की कहानी ‘प्रहर’ का सफ़र, भारत भवन से अब दक्षिण वृन्दावन!
बीते क़रीब 10 दिन पहले की बात है, फरवरी के पहले ही हफ़्ते की। महज एक सप्ताह से भी कम की अवधि के भीतर मेरे…
View More गाने वाली घड़ी की कहानी ‘प्रहर’ का सफ़र, भारत भवन से अब दक्षिण वृन्दावन!कहानियाँ सिर्फ़ क़िताबों में नहीं होतीं, क़िताबों की भी होती हैं…,पढ़िए एक क़िताब की कहानी!
क़िताब की यह कहानी शुरू होती है, दिसम्बर-2022 से। उस महीने में मैंने फेसबुक पर एक क़िताब से सम्बन्धित सूचना देखी। शीर्षक था, ‘प्रहर :…
View More कहानियाँ सिर्फ़ क़िताबों में नहीं होतीं, क़िताबों की भी होती हैं…,पढ़िए एक क़िताब की कहानी!आत्महत्या रोकथाम दिवस : ‘स्थिर’, ‘राही’, ‘पुष्पांजलि’…, अपनी डिजिटल डायरी!
दुनियाभर में हर साल 10 सितम्बर को ‘आत्महत्या रोकथाम दिवस’ मनाते हैं। इस बार भी मनाया जा रहा है। इस तरह के आयोजनों का मक़सद…
View More आत्महत्या रोकथाम दिवस : ‘स्थिर’, ‘राही’, ‘पुष्पांजलि’…, अपनी डिजिटल डायरी!#अपनीडिजिटलडायरी के 4 साल : प्रयास 3 लोगों से शुरू, पहुँच 24,000 लोगों तक!
हमारी, आपकी #अपनीडिजिटलडायरी को आज ऋषि पंचमी के दिन चार साल हो गए। #अपनीडिजिटलडायरी की सालगिरह इस तिथि को ही क्यों मनाई जाती है, इसका…
View More #अपनीडिजिटलडायरी के 4 साल : प्रयास 3 लोगों से शुरू, पहुँच 24,000 लोगों तक!#अपनीडिजिटलडायरी के तीन साल, तीन ताल जैसे… कभी भरे, कहीं खाली!
तीन साल। तीन साल हो गए। हमें जुड़े हुए। जोड़े रखते हुए। आपकी #अपनीडिजिटलडायरी के तीन साल। एक फेसबुक पेज से हुई यह छोटी-सी शुरुआत…
View More #अपनीडिजिटलडायरी के तीन साल, तीन ताल जैसे… कभी भरे, कहीं खाली!श्रावणी पूर्णिमा को ही ‘विश्व संस्कृत दिवस’ क्यों?
आज ‘विश्व संस्कृत दिवस’ है। हमारी प्राचीन परम्परा में उत्सव मनाए जाते थे। लेकिन आजकल हम ‘दिवस’ मनाते हैं। ऐसे ही दिवस मनाने की आधुनिक…
View More श्रावणी पूर्णिमा को ही ‘विश्व संस्कृत दिवस’ क्यों?अपने उपकरणों की ‘रिपेयरिंग का अधिकार’ भी है हमें, इस बारे में कितना जानते हैं हम?
अपने यंत्रों (मोबाइल फोन जैसी डिवाइस), उपकरणों (फ्रिज, कूलर, टीवी, आदि), या मशीनरी (मोटरबाइक, कार, ट्रैक्टर, पानी का पंप वग़ैरा) की ‘रिपेयरिंग के अधिकार’ के…
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