कल मेरी एक सहेली या छोटी बहन भी कह सकते हैं, रात को फोन करके कहती है – “मैम, मैंने अपना Facebook account deactivate कर…
View More सबसे ज़्यादा परेशान भावनाएँ करतीं हैं, उनके साथ सहज रहो, खुश रहोTag: अपना पन्ना
बेटी के नाम छठवीं पाती : तुम्हारी मुस्कान हर दर्द भुला देती है
प्रिय मुनिया, मेरी गिलहरी, तुम आज पूरे दो साल की हो गई हो। तुम्हें पिछला पत्र तुम्हारे पहले जन्मदिन पर एक साल पहले 27 जनवरी…
View More बेटी के नाम छठवीं पाती : तुम्हारी मुस्कान हर दर्द भुला देती हैऐसे बहुत से बच्चों की टीचर उन्हें ढूँढ रहीं होगीं
कल माघ मेले में इनसे मिलना हुआ l मसाला चाय बेच रहे थे और हमारे पीछे हो लिए l हमारी दुनिया तो ऐसे ही बच्चों…
View More ऐसे बहुत से बच्चों की टीचर उन्हें ढूँढ रहीं होगीं…लगी निभाने की सौगंध नहीं क्या तुम्हारी है?
तेरी नज़र जब मुझे अपने से ज़ुदा करती है मेरी नज़र तुझे भूलने की ख़ता करती है न देखा, न समझा, न सुना ही है…
View More …लगी निभाने की सौगंध नहीं क्या तुम्हारी है?राम तुम्हारे आ जाने से जाने क्यों ऐसा लगता है….
अयोध्या में 500 वर्षों की प्रतीक्षा पूरी हो गई है। जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य राममंदिर के निर्माण का पहला चरण पूरा हो गया है।…
View More राम तुम्हारे आ जाने से जाने क्यों ऐसा लगता है….तेज विकास के दौर में कृषि की अनदेखी हमें कहाँ ले जा रही है?
देश की अर्थव्यवस्था विकास की एक अभूतपूर्व स्थिति से गुजर रही है। कमजोरी से जूझती बीमार विश्व अर्थव्यवस्था के लिए भारत और चीन की विकास…
View More तेज विकास के दौर में कृषि की अनदेखी हमें कहाँ ले जा रही है?‘संस्कृत की संस्कृति’ : संस्कृत व्याकरण में ‘गणपाठ’ क्या है?
सार्थक नाम रखने हेतु संस्कृत भाषा का ज्ञान हमारे लिए सहयोगी होता है। इसी तरह, संस्कृत जानने हेतु, शब्दों के सार्थक प्रयोग हेतु संस्कृत व्याकरण…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : संस्कृत व्याकरण में ‘गणपाठ’ क्या है?‘संस्कृत की संस्कृति’ : बच्चे का नाम कैसा हो- सुन्दर और सार्थक या नया और निरर्थक?
हमने पिछली बार यादृच्छिक शब्दों के प्रयोग पर और धातु से उत्पन्न शब्दों के बारे में चर्चा की थी। यादृच्छिक शब्दों के प्रयोग से एक…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : बच्चे का नाम कैसा हो- सुन्दर और सार्थक या नया और निरर्थक?बकासुर से जीते पांडव, एकचक्रा के ‘लोकतंत्र’ से हारे
आज बरसों बाद एकचक्रा नगरी के रहवासियों ने राहत की साँस ली थी। अज्ञातवास के दौरान पांडवों को शरण देने वाले ब्राह्मण परिवार की सुरक्षा…
View More बकासुर से जीते पांडव, एकचक्रा के ‘लोकतंत्र’ से हारेजानवरों के भी हुक़ूक हैं, उनका ख़्याल रखिए
आज ज़्यादातर लोग नौकरी या किसी और सिलसिले में अपने घर और अपनों से दूर दूसरे शहरों में रहते हैं। इसी कारण अकेलेपन से पीछा…
View More जानवरों के भी हुक़ूक हैं, उनका ख़्याल रखिए