वेद के छह अङ्गों में एक अङ्ग व्याकरण है, जिसके विषय में सामान्य तौर पर हमने पूर्व की कड़ियों (नीचे उनकी लिंक्स दी गई हैं,…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : मैं ऐसे व्यक्ति की पत्नी कैसे हो सकती हूँ?Tag: अपना पन्ना
यांत्रिक हो रही ज़िन्दगी का मक़ाम क्या होगा?
जिस रफ़्तार से हम अपनी ज़िन्दगी में मशीन-रसायनों का समावेश कर रहे हैं, हमारे शहर उसी अनुपात में मानवीय चेतना और भावना विहीन होते जा…
View More यांत्रिक हो रही ज़िन्दगी का मक़ाम क्या होगा?‘नट’ राग सीखिए राजनीति में सफल होना है तो, और ‘दरबार’ में सफलता के लिए ‘दरबारी’!
बीते कुछ समय से देश की सियासत में मची उछलकूद देखकर कुछेक सालों पहले का एक वाकिआ याद आ गया। तब किसी ने दफ़्तर में…
View More ‘नट’ राग सीखिए राजनीति में सफल होना है तो, और ‘दरबार’ में सफलता के लिए ‘दरबारी’!हो सके तो इस साल सरकारी प्राथमिक स्कूल के बच्चों संग वेलेंटाइन-डे मना लें, अच्छा लगेगा
इतना आसान नहीं होता है सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में कोई समारोह करा पाना। चाहते तो हम भी हैं कि हमारे बच्चे अच्छे-अच्छे, सुन्दर और फैन्सी…
View More हो सके तो इस साल सरकारी प्राथमिक स्कूल के बच्चों संग वेलेंटाइन-डे मना लें, अच्छा लगेगाक्या नरेन्द्र मोदी ‘भारत के पहले कार्यपालक राष्ट्रपति’ हो सकते हैं? नामुमकिन नहीं!
सवाल सीधा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘भारत के पहले कार्यपालक राष्ट्रपति’ हो सकते हैं? इसका ज़वाब अगर नरेन्द्र मोदी से ही जुड़े नारे…
View More क्या नरेन्द्र मोदी ‘भारत के पहले कार्यपालक राष्ट्रपति’ हो सकते हैं? नामुमकिन नहीं!बच्चों से उम्मीदें लगाने में बुराई नहीं, मगर उन पर अपेक्षाएँ थोपना ग़लत है
हम उस भारत के नागरिक हैं, जहाँ की धरती को जन्मभूमि नहीं, बल्कि मातृभूमि समझा जाता है। हम अपने देश को ठीक उसी तरह इज्जत…
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कल मेरी एक सहेली या छोटी बहन भी कह सकते हैं, रात को फोन करके कहती है – “मैम, मैंने अपना Facebook account deactivate कर…
View More सबसे ज़्यादा परेशान भावनाएँ करतीं हैं, उनके साथ सहज रहो, खुश रहोबेटी के नाम छठवीं पाती : तुम्हारी मुस्कान हर दर्द भुला देती है
प्रिय मुनिया, मेरी गिलहरी, तुम आज पूरे दो साल की हो गई हो। तुम्हें पिछला पत्र तुम्हारे पहले जन्मदिन पर एक साल पहले 27 जनवरी…
View More बेटी के नाम छठवीं पाती : तुम्हारी मुस्कान हर दर्द भुला देती हैऐसे बहुत से बच्चों की टीचर उन्हें ढूँढ रहीं होगीं
कल माघ मेले में इनसे मिलना हुआ l मसाला चाय बेच रहे थे और हमारे पीछे हो लिए l हमारी दुनिया तो ऐसे ही बच्चों…
View More ऐसे बहुत से बच्चों की टीचर उन्हें ढूँढ रहीं होगीं…लगी निभाने की सौगंध नहीं क्या तुम्हारी है?
तेरी नज़र जब मुझे अपने से ज़ुदा करती है मेरी नज़र तुझे भूलने की ख़ता करती है न देखा, न समझा, न सुना ही है…
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