तीन साल। तीन साल हो गए। हमें जुड़े हुए। जोड़े रखते हुए। आपकी #अपनीडिजिटलडायरी के तीन साल। एक फेसबुक पेज से हुई यह छोटी-सी शुरुआत…
View More #अपनीडिजिटलडायरी के तीन साल, तीन ताल जैसे… कभी भरे, कहीं खाली!Tag: अपना पन्ना
गणेशोत्सव का सन्देश : सर्जन, अर्जन और फिर विसर्जन… यही जीवन है!
इसी सोमवार, मंगलवार से देश भर में गणेशोत्सव की धूम शुरू हो गई। अब 10 दिन तक यूँ ही चलने वाली है। इस दौरान लगातार…
View More गणेशोत्सव का सन्देश : सर्जन, अर्जन और फिर विसर्जन… यही जीवन है!भारतीय परम्परागत अर्थशास्त्र और आधुनिक सोच वाले इकॉनमिक्स में क्या फ़र्क है?
उपनिवेशी भड़िहाई – 3 जिस तरह धर्म का शास्त्र, काम का शास्त्र और मोक्ष का शास्त्र होता है, वैसे ही हमारी भारतीय परम्परा में अर्थ…
View More भारतीय परम्परागत अर्थशास्त्र और आधुनिक सोच वाले इकॉनमिक्स में क्या फ़र्क है?‘शिक्षा’ वेदांग की नाक होती है, और नाक न हो तो?
भाषा के तौर पर संस्कृत की तकनीक और उसका सौन्दर्य अतुलनीय है। हम क्रमश: इसके तकनीक पक्ष पर दृष्टि डालेंगे। तो, सामान्य जन को भाषा…
View More ‘शिक्षा’ वेदांग की नाक होती है, और नाक न हो तो?जी-20 के लिए चमचमाती दिल्ली की पर्दों से ढँकी स्याह हक़ीक़त!
मानव मनोविज्ञान के अनुसार हर चमचमाती चीज हमें अपनी तरफ़ आकर्षित करने में कारग़र होती है। लेकिन क्या ये ज़रूरी है कि उसके पीछे का…
View More जी-20 के लिए चमचमाती दिल्ली की पर्दों से ढँकी स्याह हक़ीक़त!संस्कृत एक तकनीक है, एक पद्धति है, एक प्रक्रिया है…!
भाषा की दृष्टि से समझने पर संस्कृत मात्र विचारों के आदान प्रदान की माध्यम प्रतीत नहीं होती। वास्तव में संस्कृत एक तकनीक है, एक पद्धति…
View More संस्कृत एक तकनीक है, एक पद्धति है, एक प्रक्रिया है…!अपने शिक्षकों के लिए एक बच्ची की भावना : ज्ञान प्रकाशित कीजिए, आप समर्थ बलवान
गीली मिट्टी अनगढ़ी, गुरुवर हमको जान, ज्ञान प्रकाशित कीजिए, आप समर्थ बलवान। आप सभी को मेरा प्यार भरा सुप्रभात। मैं आज ‘शिक्षक दिवस’ के उपलक्ष्य…
View More अपने शिक्षकों के लिए एक बच्ची की भावना : ज्ञान प्रकाशित कीजिए, आप समर्थ बलवानआज की ‘अहिंसा’ क्या है? और ‘जीवो जीवस्य जीवनम्’ का क्या अर्थ है?
उपनिवेशी भड़िहाई – 2 पिछले लेख में हमने देखा उपनिवेशी भड़िहाई (चोरी) का प्रधान हथियार छद्म होता है। उपनिवेशी तानाशाही का लक्ष्य भारत में अपनी…
View More आज की ‘अहिंसा’ क्या है? और ‘जीवो जीवस्य जीवनम्’ का क्या अर्थ है?श्रावणी पूर्णिमा को ही ‘विश्व संस्कृत दिवस’ क्यों?
आज ‘विश्व संस्कृत दिवस’ है। हमारी प्राचीन परम्परा में उत्सव मनाए जाते थे। लेकिन आजकल हम ‘दिवस’ मनाते हैं। ऐसे ही दिवस मनाने की आधुनिक…
View More श्रावणी पूर्णिमा को ही ‘विश्व संस्कृत दिवस’ क्यों?जो मीडिया आपके मुद्दे नहीं उठाता, वह सिर्फ़ आपकी ग़फ़लत को बेचकर खीसे भर रहा है!
यूँ तो मौत, मौत ही होती है, लेकिन परिवार, समाज और राष्ट्र पर उसका असर मुख़्तलिफ़ होता है। कभी कोई एक ही मौत पूरी क़ौम…
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