कभी सड़क के किनारे खड़े होकर दो मिनट के लिए अपने फोन की ऑडियो रिकार्डिंग ऑन कर दीजिए। फिर घर पहुँचकर, हाथ-मुँह धोकर, कुछ खा-पीकर…
View More सड़कों पर इतना शोर, इतनी बदहवासी? आखिर क्यों?Tag: अपना पन्ना
होरी खेलै नन्द को लाल, मैं वारी-वारी…
आज रंग-पंचमी है। होली के उत्सव का चरम। इस मौके पर एक खूबसूरत कवित्त की कुछ लाइनें देखिए… होरी खेलै नन्द को लाल, मैं वारी-वारी। …
View More होरी खेलै नन्द को लाल, मैं वारी-वारी…देखो न, कैसे मैंने होली मनाई….
सुबह उठा तो सबसे पहले जिस चीज में दिमाग भिड़ाना पड़ा ,वह था आँखों में चुपरा गया काजल। रात में होली जलाकर आने के बाद…
View More देखो न, कैसे मैंने होली मनाई….अनाज की बरबादी : मैं अपने सवाल का जवाब तलाशते-तलाशते रुआसी हो उठती हूँ
जब मैं देखती हूँ लोगों को कचरे में रोज़ खाना फेंकते हुए, तो सोच में पड़ जाती हूँ। क्या भोजन की कीमत सिर्फ कुछ रुपए…
View More अनाज की बरबादी : मैं अपने सवाल का जवाब तलाशते-तलाशते रुआसी हो उठती हूँधन्य है यह त्योहार, जिसमें सब रंग बदलते हैं… जय होली, जियो होली
लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन। रोज से लगभग दोगुनी भीड़। हर एक पैर जल्दी-जल्दी अपने गन्तव्य की ओर बढ़ रहा था। टिकट के लिए लगी…
View More धन्य है यह त्योहार, जिसमें सब रंग बदलते हैं… जय होली, जियो होली“फूलै फूलै चुन लिए, काल्ह हमारी बार…” सतीश कौशिक जी… सादर नमन्
‘वो सात दिन’ में अपना काम करके अनन्त यात्रा पर निकल ही गया बन्दा आख़िर। एक दिन हमें भी यह सब छोड़कर जाना ही है।…
View More “फूलै फूलै चुन लिए, काल्ह हमारी बार…” सतीश कौशिक जी… सादर नमन्निर्गुण की होरी : गगन मंडल अरूझाई, नित फाग मची है…
होली मतलब रंग। रंग है तो रंगने वाला होगा ही। फिर अगर कोई आए और सीधे रंगकर चला जाए तो भला होली कैसी? बिना चुहल…
View More निर्गुण की होरी : गगन मंडल अरूझाई, नित फाग मची है…अवध में होरी : माता सीता के लिए मना करना सम्भव न था, वे तथास्तु बोलीं और मूर्छित हो गईं
अवध में उत्सव की तैयारी हो रही थी। होली को अब बस केवल तीन दिन ही शेष बचे थे। राजा दशरथ जी के महल में…
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पूरे बरसाने गाँव में रंग बरस रहा था। लेकिन गोपियों की दृष्टि नन्दगाँव वाली पगडंडी की ओर लगी थी। कृष्ण की प्रतीक्षा में गोपियों की…
View More जो रस बरस रहा बरसाने, सो रस तीन लोक में नदुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे….
सोशल मीडिया और फोन पर सम्पर्क ठीक है, लेकिन सीखने-समझने के लिए आमने-सामने की मुलाकात और बातचीत करना बहुत जरूरी है। कल शाम को ऐसी…
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