आत्महत्या के कारणों पर जब भी चर्चा होती है, तब हम बाहरी कारण गिनने-गिनाने लग जाते हैं। करियर, वित्तीय परेशानी, सामाजिक हैसियत, आदि। इनके बाद…
View More मत लादिए अपनी इच्छाएँ, अपनी कुंठाएँ, अपनी आशाएँ, अपने सपने किसी पर!Tag: अपना पन्ना
उत्तराखंड में 10 दिन : एक सपने का सच होना और एक वास्तविकता का दर्शन!
एक सपना सच हो गया!! मेरी बीते सात साल से इच्छा थी कि मैं श्री केदारनाथजी के दर्शन करूँ। लेकिन काम की अधिकता, समय की…
View More उत्तराखंड में 10 दिन : एक सपने का सच होना और एक वास्तविकता का दर्शन!‘नेशनल डॉक्टर्स डे’ : दिल से निकली ये शुक्राने की आवाज़ बहुतों के दिल तक पहुँचेगी!
एक सच्चा वाक़िआ, और उतना ही सच्चे दिल से अदा किया गया शुक्रिया। यक़ीनी तौर पर शुक्राने की ये आवाज़ उन तमाम डॉक्टर्स और उनके…
View More ‘नेशनल डॉक्टर्स डे’ : दिल से निकली ये शुक्राने की आवाज़ बहुतों के दिल तक पहुँचेगी!क्या ये सही समय नहीं कि हम परम्परागत संधारणीय जीवनशैली की ओर लौटें?
भारत हमेशा से संधारणीय या टिकाऊ तरीक़ों से जीवनशैली संचालित करता रहा है। लेकिन दुर्भाग्य से पिछले कुछ सौ वर्षों में हमने अपनी अच्छी आदतों…
View More क्या ये सही समय नहीं कि हम परम्परागत संधारणीय जीवनशैली की ओर लौटें?कॉलेज की डिग्री नौकरी दिला पाए या नहीं, नज़रिया ज़रूर दिला सकता है
कॉलेज की डिग्री नौकरी दिला पाए या नहीं, नज़रिया ज़रूर दिला सकता है। हम ऐसा सिर्फ़ कह नहीं रहे हैं। हमने यह करके भी दिखाया…
View More कॉलेज की डिग्री नौकरी दिला पाए या नहीं, नज़रिया ज़रूर दिला सकता हैसुनिए और पढ़िए…, एक कविता प्रेम की : ग़र कहीं नहीं मिली मैं तो मिलूँगी वहीं
एक कविता अपनी छोड़ आई हूँ मैं उसके घर,चार नज़रों में जबदो नाकों जितनी दूरी थी, ग़र कहीं नहीं मिली मैं तो मिलूँगी वहींजहाँ पहुँचने…
View More सुनिए और पढ़िए…, एक कविता प्रेम की : ग़र कहीं नहीं मिली मैं तो मिलूँगी वहींफादर्स-डे पर एक कविता : हे कृषक पिता ! तुझे कोटिशः नमन
जेठ की दोपहरी में ईख खोदना।तवे सी तप्त जमीं पर हल जोतना। गोबर की गन्धज़मी की सुगन्धमहकते आम्रवृक्ष की छाया मेंक्षण भर विश्राम करना। पैरों…
View More फादर्स-डे पर एक कविता : हे कृषक पिता ! तुझे कोटिशः नमन‘पर्यावरण दिवस’ के नाम पर इतनी भीषण गर्मी में पेड़ लगाने का औचित्य क्या?
हाल में हुए ‘पर्यावरण दिवस’ पर जोर-शोर से ‘पेड़ लगाओ अभियान’ चला। सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर भी। लेकिन मुझे समझ नहीं आया कि इतनी…
View More ‘पर्यावरण दिवस’ के नाम पर इतनी भीषण गर्मी में पेड़ लगाने का औचित्य क्या?अपनी ‘आरामदायक स्थिति’ को न छोड़ पाना ही सबसे बड़ी बाधा है!
भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आईआईएम) इन्दौर के विद्यार्थियों के साथ बातचीत का अवसर बना। बातचीत का विषय था, ‘व्यवसाय को शुरू करने और उसे विस्तार देने…
View More अपनी ‘आरामदायक स्थिति’ को न छोड़ पाना ही सबसे बड़ी बाधा है!Talking-Tree : I am also a living witness of this earth
“I am tree and feeling bad, because people cut me regularly for the self fulfilment. But they forget my value towards the nature. When people…
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