कोरोना काल में न जाने कितने लोगों को अपनी आजीविका से विरत होना पड़ा। बहुतों ने इसे नई आजीविका के अवसर के रूप में देखा और नए…
View More सम्यक आजीविका : ऐसा कार्य, आय का ऐसा स्रोत जो ‘सद्’ हो, अच्छा होTag: अपना पन्ना
लम्बी दूरी तय करनी हो तो सिर पर कम वज़न रखकर चलो
आज शाम मौसम अचानक बदल गया। दूध ख़त्म हो गया था फ्रिज में। बहुत हिम्मत करके बाहर निकला और गुमटी से दूध लिया। उसे जब रुपए…
View More लम्बी दूरी तय करनी हो तो सिर पर कम वज़न रखकर चलोसम्यक कर्म : सही क्या, गलत क्या, इसका निर्णय कैसे हो?
मेरे मित्र के बॉस नेत्रहीन हैं। उनका मानना है कि उनके द्वारा किए गए सभी कार्य सही ही हैं। चाहे वे कार्य दूसरों की नज़र में ग़लत या…
View More सम्यक कर्म : सही क्या, गलत क्या, इसका निर्णय कैसे हो?हम सब कहीं न कही ग़लत हैं
पैदा होने के बाद ग़लत स्कूल में चला गया। वहाँ तीन ग़लत प्राचार्यों और 50-60 ग़लत शिक्षकों ने ग़लत पढ़ा दिया। गणित के बदले जीव विज्ञान…
View More हम सब कहीं न कही ग़लत हैंसम्यक वचन : वाणी के व्यवहार से हर व्यक्ति के स्तर का पता चलता है
“ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए, औरन को शीतल करे आपहुँ शीतल होए।” यह दोहा हम बचपन से सुनते-पढ़ते आ रहे हैं। लेकिन इसे अपनाते-अपनाते…
View More सम्यक वचन : वाणी के व्यवहार से हर व्यक्ति के स्तर का पता चलता हैदो शहर, दो बरस, दो पुस्तक पंक्तियाँ, एक कवि और एक ही तारीख
आज फेसबुक की याद गली से गुज़रा तो यादें मिलीं। उसने कमाल की चीज़ याद दिलाई। दो साल के अंतराल की। एक 2018 और दूसरी 2020 की।…
View More दो शहर, दो बरस, दो पुस्तक पंक्तियाँ, एक कवि और एक ही तारीखप्रकृति अपनी लय में जो चाहती है, हमें बनाकर ही छोड़ती है, हम चाहे जो कर लें!
अभी किसी से फोन पर बहुत लम्बी बात हुई। आवाज़ों के शोर के पीछे जो आँसुओं का दर्द था, वो मैं महसूस कर पा रहा था। हम…
View More प्रकृति अपनी लय में जो चाहती है, हमें बनाकर ही छोड़ती है, हम चाहे जो कर लें!सम्यक ज्ञान, हम जब समाज का हित सोचते हैं, स्वयं का हित स्वत: होने लगता है
हम अपने जीवन में लोगों के बारे में धारणाएँ अक्सर बाहरी आवरण देखकर बना लेते हैं। रूप, रंग, वस्त्र के आधार पर व्यक्ति की छवि बना…
View More सम्यक ज्ञान, हम जब समाज का हित सोचते हैं, स्वयं का हित स्वत: होने लगता हैजो सहज और सरल है वही यह जंग भी जीत पाएगा
जब 1982 में तिरुपति बालाजी चढ़े थे, तो पैदल ही चढ़ना होता था। वहाँ बहुत लोगों को कबीट ( कैथा ) के माफिक सर मुँडवाते देखा।…
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एक दिन बुद्ध प्रवचन देने के लिए अपने शिष्यों की सभा में पहुँचे। सभी शिष्य यह देख आश्चर्यचकित रह गए कि बुद्ध अपने साथ एक…
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