“भारत को बुद्धिमत्ता (कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि एआई) के आयात के लिए अपनी जानकारियों (डेटा) का निर्यात नहीं करना चाहिए। बल्कि भारत को अपना स्वयं का…
View More भारत को एआई के मामले में पिछलग्गू नहीं रहना है, दुनिया की अगुवाई करनी हैTag: अपना पन्ना
सम्पदायों के भीड़तंत्र में आख़िर सनातन कहाँ है?
‘सनातन’ शब्द आजकल के बोलचाल में काफी ज्यादा प्रचलित हो गया है। यह इतना व्यापक हो गया है कि जो व्यक्ति अब्राहिमी यानी इस्लामिक, यहूदी,…
View More सम्पदायों के भीड़तंत्र में आख़िर सनातन कहाँ है?दीवाली की छुट्टी में नया काम नहीं क्योंकि हमने ‘अपने त्योहार’ की भावना का आदर किया
अभी कल ही हमने दीवाली की छुटि्टयों से पहले का अपना आखिरी उत्पाद (सॉफ्टवेयर, आदि) बनाया। इसके बाद दीवाली छुटि्टयाँ बीतने तक हम अब कोई…
View More दीवाली की छुट्टी में नया काम नहीं क्योंकि हमने ‘अपने त्योहार’ की भावना का आदर कियाक्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, सबसे अहम ‘टीम वर्क’
एक समय क्रिकेट ही मेरा जीवन था। हम लोग अपने दौर में शहर की सबसे अच्छी टीम के सदस्य हुआ करते थे। हमने उस दौरान…
View More क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, सबसे अहम ‘टीम वर्क’मीडिया बताए, इस देश में सम्प्रदाय क्या एक ही ‘विशेष’ है और बाकी सब भीड़ हैं?
मेरी पुरानी आदत में थोड़ा परिवर्तन आ गया है। अब सुबह-सुबह अखबार से खबर नहीं पढ़ता। ख़बरिया वेबसाइटों पर ख़बरें देखने लगता हूँ। इससे पूरे…
View More मीडिया बताए, इस देश में सम्प्रदाय क्या एक ही ‘विशेष’ है और बाकी सब भीड़ हैं?‘फोर्टिफाइड राइस’ नहीं है ‘नाइस’, तो हम इसे मंज़ूरी दे ही क्यों रहे हैं?
न्यूनतम उद्यम और बड़े जुमले और क्रियान्वयन के लिए बड़ा अमला बनाना किसी भी सरकारी योजना की खास शर्त है। इसमें कई रोजगार और अवसर…
View More ‘फोर्टिफाइड राइस’ नहीं है ‘नाइस’, तो हम इसे मंज़ूरी दे ही क्यों रहे हैं?किसी की क्षमताओं को कम आँकना हमेशा ग़लत ही होता है!
दो भारतीय कम्पनियों की छोटी-छोटी कहानियाँ हैं। लेकिन दोनों कहानियों का निष्कर्ष एक, ‘किसी की क्षमताओं को कम आँकना हमेशा ग़लत ही होता है।” पहली…
View More किसी की क्षमताओं को कम आँकना हमेशा ग़लत ही होता है!इकोसिस्टम तब बनता है, जब एक सफल इकाई दूसरी को सफल बनाने में लग जाए!
एक इकोसिस्टम यानि पारिस्थितिकी तब बनती है, जब एक सफल इकाई अपने जैसी ही दूसरी इकाई को सफल बनाने में लग जाए। उसकी सफलता में…
View More इकोसिस्टम तब बनता है, जब एक सफल इकाई दूसरी को सफल बनाने में लग जाए!इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यूँ है? क्याेंकि उसका काम उसके दिल पर बोझ है!
साल 1978 में फिल्म आई थी ‘गमन’। उसमें मशहूर गायक सुरेश वाडकर की आवाज़ में ‘शहरयार’ साहब की लिखी हुई ग़ज़ल थी। बोल थे, “सीने…
View More इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यूँ है? क्याेंकि उसका काम उसके दिल पर बोझ है!‘सनातन धर्म रक्षा मंडल’ अगर बना तो वह करेगा क्या, और कैसे?
आंध्रप्रदेश के युवा नेता और वहाँ के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने ‘सनातन धर्म रक्षण मंडल’ की स्थापना का प्रस्ताव सामने रखा है। इस तरह उन्होंने…
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