हम अक्सर मूड को अपने ऊपर हावी पाते हैं। यानी जब मूड हुआ तो कोई काम करेंगे, और नहीं हुआ तो नहीं करेंगे। इससे हमेशा…
View More ज़िन्दगी में ‘मूड’ नहीं, बल्कि हमारा ‘मूव’ मायने रखता हैTag: डायरीवाणी (पॉडकास्ट)
अहम मौक़ों अपने ज़मीर की सुनिए, तारीख़ में नायक बनेंगे!
अहम मौक़ों पर अक़्सर हम ख़ुद को दोराहे पर खड़ा पाते हैं। क्या करें, क्या न करें? क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए? ऐसे…
View More अहम मौक़ों अपने ज़मीर की सुनिए, तारीख़ में नायक बनेंगे!,एक कविता….. ‘क़ातिल ऐशगाह!’
देर रात भूखे कुत्तों को पैकबंद फूड लिए घूमते हैं शफ़ीक़। वह बेक़सूर जानवरों के मुर्दा ज़िस्मों से बना होता है।।नेकी-पुण्य कमाने के लिए जो…
View More ,एक कविता….. ‘क़ातिल ऐशगाह!’यक़ीन दिलाता है तुम्हारा सजदा, कि…..!
यक़ीन दिलाता है तुम्हारा सजदा,कि जीत लिया तुमको मैंने, हरदम के लिए। अब नहीं रोक सकता मुझे कोई,मुक्ति की अपनी राह, ख़ुद चुनने के लिए।…
View More यक़ीन दिलाता है तुम्हारा सजदा, कि…..!अगर पेड़ भी चलते होते…. तो क्या होता? सुनिएगा!
अगर पेड़ भी चलते होतेअगर पेड़ भी चलते होतेकितने मज़े हमारे होतेबांध तने में उसके रस्सीचाहे जहाँ कहीं ले जाते जहाँ कहीं भी धूप सतातीउसके…
View More अगर पेड़ भी चलते होते…. तो क्या होता? सुनिएगा!चार लाइनों में सुनिएगा…. पुरुष और स्त्री मन के सोचने के भिन्न तरीकों के बीच बहता जीवन!
पुरुष और स्त्री के सोचने के तरीक़े में फ़र्क होता है। सभी जानते हैं। लेकिन इस अन्तर की गहराई की थाह कुछेक लोग ही ले…
View More चार लाइनों में सुनिएगा…. पुरुष और स्त्री मन के सोचने के भिन्न तरीकों के बीच बहता जीवन!हम अँधेरे में जीवन का अर्थ टटोल रहे हैं… रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की कविता
…. तुम तो नदी की धारा के साथ दौड़ रहे हो। उस सुख को कैसे समझोगे, जो हमें नदी को देखकर मिलता है।और वह फूल…
View More हम अँधेरे में जीवन का अर्थ टटोल रहे हैं… रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की कवितायुवा दिवस पर एक बच्ची के मन में पर्यावरण के लिए हिलोर मारती समानुभूति… सुनिएगा
आज युवा दिवस है। स्वामी विवेकानंद की जयन्ती। और इस मौके पर दिल्ली में पाँचवी कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची अपूर्वी ने पर्यावरण से जुड़े…
View More युवा दिवस पर एक बच्ची के मन में पर्यावरण के लिए हिलोर मारती समानुभूति… सुनिएगापरोपकार : फिर भी छपी नहीं किसी अख़बार में अब तक ये ख़बरें…!
एक ख़ूबसूरत कविता। एक उतनी ही सुकून भरी आवाज़। इन दो कलाकारों में लिखने वाले एक हैं, आशीष मोहन ठाकुर। ये मध्य प्रदेश पुलिस में…
View More परोपकार : फिर भी छपी नहीं किसी अख़बार में अब तक ये ख़बरें…!देश के कई इलाकों में अगले 5 दिन ‘हीट-वेव’!
नॉलेज-पिल्स’ यानी ‘ज्ञान-की-गोली’ में आज खास * अगले 5 दिन तक देश के किन-किन क्षेत्रों में रहेगी हीट-वेव? * भारत लगातार ‘अति’ वाले मौसम का…
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