जब हमारा अस्तित्त्व नहीं था, संघर्ष तब भी था और जीत भी हमारी थी!

किसी ने वॉट्सएप पर एक सन्देश भेजा। पढ़ते ही इतना प्रासंगिक और सत्यपरक लगा कि मैंने इसे तुरन्त #अपनीडिजिटलडायरी के साथ साझा करने का निर्णय…

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ये क्या है, किसी विचार का समर्थन या उससे ग्रस्त-त्रस्त हो जाना?

मामला पूरी तरह निजी है। फिर भी विचार के लिए एक रोचक विषय है और सोचक यानि सोचनीय भी। क्योंकि इसी तरह के मामले अक्सर समाज…

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खुशी, कुछ सीखो अपनी बहन परेशानी से!

एक छोटी सी कविता। बड़ा सा विचार। ये बताता है कि ख़ुशी की तलाश में भटकते हम दरअसल उसे अपने नज़दीक देख नहीं पाते। महसूस…

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हिन्दी पत्रकारिता और पत्रकारों से जुड़े संयोग-दुर्योग की कहानी!

ये सिर्फ़ दो-तीन मिसालें ही हैं। लेकिन शुरुआत से अब तक हिन्दी पत्रकारिता और उसके पत्रकारों के साथ लगभग स्थायी भाव से जुड़े संयोग-दुर्याोगों की मुकम्मल कहानी कहती हैं।…

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सुकून वहाँ नहीं जहाँ हम ढूँढ़ते हैं

जीवन की आपाधापी। तरक्की के ऊँचे पायदान। खूब पैसा। तमाम सुविधाएँ। लेकिन क्या इन सब को पाकर हम खुश हैं? संतुष्ट हैं? हमारा मन शान्त…

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हमारी सोच और ईश्वर का न्याय

अक्सर हम ईश्वर के न्याय पर सवाल उठाते हैं। हमारी यह मनोदशा खास तौर पर उस समय होती है, जब हमें लगता है कि हमारे…

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क्या हम प्रतिभाओं को परखने में गलती करते हैं?

क्या हम प्रतिभाओं को परखने में, उनका आकलन करने में गलती करते हैं? मेरे दिमाग में यह सवाल अक्सर ही आता है। बीते दो-ढाई दशक…

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काश, ‘26 जनवरी वाले वे बड़े लोग’ इस बच्चे से रह जाते! 

वीडियो में दिख रहा ये छोटा सा बच्चा दिल्ली के मयूर विहार स्थित रयान इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ता है। धैर्य जोशी नाम है इसका। इसी…

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‘हाँ’ कहना, ‘न’ कहने से बड़ा और चमत्कारी फलसफ़ा क्यों है?

हम सबने ‘न’ कहने की ताकत (Power of saying No) के बारे में सुना है। एक बार नहीं, कई बार और निश्चित रूप से ‘न’…

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…पर उल्टा भी है- वृक्ष जब फलों से लद जाता है तो झुकता है!

#अपनीडिजिटलडायरी पर पढ़ा… “झुकन झुकन से जानिए, झुकन झुकन पहचान। तीन जनें जादा (ज़्यादा) झुकें, चीता चाेर कमान।” बढ़िया लिखा है… और जो लिखा गया है,…

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