हालाँकि अंबा को वह कुछ विचित्र सी सुंदर लगी। उसकी आँखों में गहरी और उग्र नारंगी डोरियाँ तैरती थीं। मानो, आग की बारीक सी लपटें…
View More मायावी अम्बा और शैतान : केवल डायन नहीं, तुम तो लड़ाकू डायन होTag: सरोकार
विश्व पृथ्वी दिवस : प्लास्टिकयुक्त होकर प्लास्टिकमुक्त कैसे होगा हमारा प्लेनेट?
“सर प्लास्टिकमुक्त अभियान का क्या मतलब है? क्या कल से हम कोई प्लास्टिक की चीजें इस्तेमाल नहीं करेंगे?”, कक्षा में एक बच्चे ने अपने शिक्षक…
View More विश्व पृथ्वी दिवस : प्लास्टिकयुक्त होकर प्लास्टिकमुक्त कैसे होगा हमारा प्लेनेट?योग्यतम रही इस बच्ची की ज़रा सी असुन्दरता क्या इसका बड़ा दोष है, जो…?
यहाँ तस्वीर में दिखने वाली बच्ची का नाम प्राची निगम है। आज, शनिवार 20 अप्रैल को उत्तर प्रदेश बोर्ड की 10वीं की परीक्षा के घोषित…
View More योग्यतम रही इस बच्ची की ज़रा सी असुन्दरता क्या इसका बड़ा दोष है, जो…?कश्मीर की इस बच्ची में ‘ड्राइव’ है, ‘कवर’ चाहिए…, मिला तो क्रिकेट का सितारा बनेगी
इस छोटी बच्ची का नाम है हुरमत इरशाद भट्ट। कश्मीर के एक ग्रामीण इलाक़े से ताल्लुक़ रखती है। उम्र महज़ नौ साल है। अभी तीसरी…
View More कश्मीर की इस बच्ची में ‘ड्राइव’ है, ‘कवर’ चाहिए…, मिला तो क्रिकेट का सितारा बनेगी‘संस्कृत की संस्कृति’ : ऋषि कौन, वेद क्या और मंत्र क्या?
आचार्य कौत्स वेद मंत्रों को निरर्थक कहते हैं। लेकिन कौत्स के प्रश्नों का उत्तर देते हुए आचार्य यास्क कहते हैं- मंत्र कोई सामान्य कथन नहीं…
View More ‘संस्कृत की संस्कृति’ : ऋषि कौन, वेद क्या और मंत्र क्या?हम कैसे इतने अधर्मी और असंवेदनशील बना दिए गए?
घर के सामने रहने वाली पांडे ताईजी ने रोज की तरह सुबह उठकर घर के कोने पर आकर एक डलिया रख दी। कुछ देर बाद…
View More हम कैसे इतने अधर्मी और असंवेदनशील बना दिए गए?मायावी अम्बा और शैतान : भाई को वह मौत से बचा लाई, पर निराशावादी जीवन से….
अंबा के दु:स्वप्नों का सिलसिला तभी से शुरू हो गया था, जब वह पैदल चल रही थी। उस वक्त उसने खुद को न जाने कैसे-कैसे…
View More मायावी अम्बा और शैतान : भाई को वह मौत से बचा लाई, पर निराशावादी जीवन से….ऑनलाइन दुनिया में भिखमंगों-दानियों का खेल और ग़ैरहाज़िर सरगना
जीव में लोभ प्राकृत है। हम सब चाहते हैं कि हमें कोई कुछ दे दे। किसी से हमें कुछ मिल जाए। जीवों के आपसी सम्बन्ध…
View More ऑनलाइन दुनिया में भिखमंगों-दानियों का खेल और ग़ैरहाज़िर सरगनागुढी पाडवा : धर्ममय प्राणों के नवोन्मेष का काल
निसर्ग में अनुस्यूत परमतत्त्व जिस ऋतु-पर्यावरण, आचार-विचार, आहार-विहार चक्र से मानवता में प्रवाहित हाेता है उसके विज्ञान के ज्ञान को भी धर्म कहते हैं। हमारे…
View More गुढी पाडवा : धर्ममय प्राणों के नवोन्मेष का कालकवियों की चुटकुलेबाज़ी के बीच : यह अँधेरे की सड़क उस भोर (मनु वैशाली) तक जाती तो है…
ये दौर सोशल मीडिया का है। इसलिए हर कोई इन सोशल मीडिया के माध्यमों से मशहूर होना चाहता है। और अब तो मशहूरियत के स्तर…
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