कोरोना क्या था? कहाँ से आया था? कोई कहेगा, महामारी थी और चीन से आई थी। उत्तर सही भी है, लेकिन पूरी तरह नहीं। क्योंकि…
View More हमने जंगली जानवरों के घरों पर क़ब्ज़े कर लिए, इसीलिए वे भी हमारे भीतर घुसने लगे!Tag: सरोकार
सोशल मीडिया लत है, दिमाग़ी बीमारी…,और इसके दो कारण जानते हैं?
कोई अगर दिन का बड़ा वक़्त सोशल मीडिया पर बिता रहा है, तो समझिए उसे इसकी लत लग गई है। वैसे ही, जैसे नशीले पदार्थ…
View More सोशल मीडिया लत है, दिमाग़ी बीमारी…,और इसके दो कारण जानते हैं?…तब तक ओलिम्पिक में भारत को पदक न मिलें तो शिकायत मत कीजिए!
जब मैं 30 साल पहले इन्दौर में क्रिकेट खेलता था, तो अपने क्लब के एक खिलाड़ी को रोज ही देखा करता था। उन्होंने लगातार आठ…
View More …तब तक ओलिम्पिक में भारत को पदक न मिलें तो शिकायत मत कीजिए!‘मायावी अम्बा और शैतान’ : अब जो भी होगा, बहुत भयावना होगा
युद्ध या उससे भी कुछ बदतर – अब जो भी होगा, बहुत भयावना होगा। तनु बाकर को इस बात का पक्का भरोसा हो चुका था।…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : अब जो भी होगा, बहुत भयावना होगा‘मनी म्यूल’ यानि पैसे ढोने वाले गधे, देखिए कहीं कोई अपने आस-पास तो नहीं है!
इन दिनों भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) लगातार विभिन्न प्रचार माध्यमों से एक दिलचस्प विज्ञापन जारी कर रहा है। इसमें लिखा होता है- ‘मत बनिए ‘मनी…
View More ‘मनी म्यूल’ यानि पैसे ढोने वाले गधे, देखिए कहीं कोई अपने आस-पास तो नहीं है!बलात्कार होते क्यों हैं, कभी इस पर विचार किया है क्या हमने?
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ सामूहिक बलात्कार हो गया। फिर उसे दुर्दान्त तरीक़े से मार दिया गया। पूरे देश…
View More बलात्कार होते क्यों हैं, कभी इस पर विचार किया है क्या हमने?‘टूथपेस्ट में नमक’ हो, न हो पर नमक में प्लास्टिक ज़रूर है और चीनी में भी!
टेलीविज़न पर अक़्सर एक विज्ञापन आया करता है। उसमें एक युवती लोगों से पूछती फिरती है, “क्या आपके टूथपेस्ट में नमक है?” और फिर टूथपेस्ट…
View More ‘टूथपेस्ट में नमक’ हो, न हो पर नमक में प्लास्टिक ज़रूर है और चीनी में भी!देखिए, कैसे अंग्रेजी ने मेरी तरक़्क़ी की रफ्तार धीमी कर दी !
मैंने एक हिन्दी माध्यम के स्कूल में पढ़ाई की और इसका मुझे गर्व है। साल 1979 की बात है। तब मेरे माता-पिता के पास इतने…
View More देखिए, कैसे अंग्रेजी ने मेरी तरक़्क़ी की रफ्तार धीमी कर दी !भारत का 78वाँ स्वतंत्रता दिवस : क्या महिलाओं के लिए देश वाक़ई आज़ाद है?
हम जब भारत का 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहे है तो एक बात ज़ेहन में रखना ज़रूरी है। वह ये कि क्या हम सच में…
View More भारत का 78वाँ स्वतंत्रता दिवस : क्या महिलाओं के लिए देश वाक़ई आज़ाद है?‘मायावी अम्बा और शैतान’ : वह समझ गई थी कि हमें नकार देने की कोशिश बेकार है!
# बंधन # भविष्यवाणियाँ बाद में होंगी। बदलाव पहले होगा। पुराना चोला उतारने, नए कलेवर को अपनाने और नए आकार में ढलने की प्रक्रिया पहले…
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