तनु बाकर के व्यवहार में उसकी जमीन के उजड़ने का दर्द झलकता था। वह तकलीफ झलकती थी, जो अनिवार्य रूप से ऐसे देश की थी,…
View More ‘मायावी अंबा और शैतान’ : सरकार ने उनकी प्राकृतिक संपदा पर दिन-दहाड़े डकैती डाली थीTag: सरोकार
‘मायावी अंबा और शैतान’ : अहंकार से ढँकी आँखों को अक्सर सच्चाई नहीं दिखती
“यह ठीक नहीं है, मास्टर!” सुशीतल की ऊँची होती आवाज में चिड़चिड़ापन था, “ये नहीं हो सकता।” “वे दोनों अलग-अलग चीजें हैं भाँजे।” “अंबा को…
View More ‘मायावी अंबा और शैतान’ : अहंकार से ढँकी आँखों को अक्सर सच्चाई नहीं दिखतीजो मीडिया आपके मुद्दे नहीं उठाता, वह सिर्फ़ आपकी ग़फ़लत को बेचकर खीसे भर रहा है!
यूँ तो मौत, मौत ही होती है, लेकिन परिवार, समाज और राष्ट्र पर उसका असर मुख़्तलिफ़ होता है। कभी कोई एक ही मौत पूरी क़ौम…
View More जो मीडिया आपके मुद्दे नहीं उठाता, वह सिर्फ़ आपकी ग़फ़लत को बेचकर खीसे भर रहा है!‘मायावी अंबा और शैतान’ : ये किसी औरत की चीखें थीं, जो लगातार तेज हो रही थीं
लेकिन रोजी मैडबुल की किस्मत भी जोरदार थी। दूर-दराज के होरी पर्वतीय इलाके में जहाँ उसे सजा के तौर पर तैनात किया गया, वहाँ जमीन…
View More ‘मायावी अंबा और शैतान’ : ये किसी औरत की चीखें थीं, जो लगातार तेज हो रही थीं‘मायावी अंबा और शैतान’ : मैडबुल को ‘सामाजिक कार्यकर्ताओं’ से सख्त नफरत थी!
वैसे, कुछ लोग कहा करते थे कि बैकाल जेल वास्तव में पूरी जेल-व्यवस्था का नियंत्रण तंत्र है। यहाँ दूसरी जगहों से भी तमाम खतरनाक कैदी…
View More ‘मायावी अंबा और शैतान’ : मैडबुल को ‘सामाजिक कार्यकर्ताओं’ से सख्त नफरत थी!‘मायावी अंबा और शैतान’ : देश को खतरा है तो हबीशियों से, ये कीड़े-मकोड़े महामारी के जैसे हैं
“उसने शिकायत की है कि तुम्हारे आदमियों ने उस पर बे-इंतिहा ज़ुल्म किए हैं और ये सब तुम्हारी जानकारी में है।” “सब मनगढंत बातें हैं।”…
View More ‘मायावी अंबा और शैतान’ : देश को खतरा है तो हबीशियों से, ये कीड़े-मकोड़े महामारी के जैसे हैं‘मायावी अंबा और शैतान’ : बेवकूफ इंसान ही दौलत देखकर अपने होश गँवा देते हैं
कुछ इंसान अंतरात्मा के बिना ही जन्म लेते हैं। ऐसे लोगों को बस खत्म कर देने की जरूरत होती है। नाथन रे को पूरा भरोसा…
View More ‘मायावी अंबा और शैतान’ : बेवकूफ इंसान ही दौलत देखकर अपने होश गँवा देते हैंकाए खाँ दोष लगा रए मो खाँ….किनकी बातन में अब आए, लाला हरदौल, भाभी के परम पयारे!
बुन्देलखंड का मशहूर पर्यटन स्थल खजुराहो। वहाँ की गलियों में रोज़ की तरह एक फ़क़ीर इकतारा लेकर गा रहा है, “भाभी के परम पयारे। लाला…
View More काए खाँ दोष लगा रए मो खाँ….किनकी बातन में अब आए, लाला हरदौल, भाभी के परम पयारे!‘मायावी अंबा और शैतान’ : तुझे पता है वे लोग पीठ पीछे मुझे क्या कहते हैं…..‘मौत’
भाड़े के अपने रंगरूटों के सामने उसने अपना भारी-भरकम हाथ बर्फ से भरी बाल्टी में डाल दिया। गले से लेकर पीठ तक उसकी खाल मानो…
View More ‘मायावी अंबा और शैतान’ : तुझे पता है वे लोग पीठ पीछे मुझे क्या कहते हैं…..‘मौत’‘मायावी अंबा और शैतान’ : पुजारी ने उस लड़के में ‘उसे’ सूँघ लिया था और हमें भी!
# 20 साल और एक दिन # हम कभी कमजोर पात्रों में नहीं रहते। कमजोर शरीरों को ठिकाना नहीं बनाते क्योंकि उनके मानस-पटल बहुत कोमल…
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