water bell

कई राज्यों के स्कूलों में पानी पीने के लिए घंटियाँ क्यों बज रही हैं?

अभी तीन-चार दिन पहले की ही

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Stress

‘दिल माँगे मोर’…. इसीलिए ‘भेजा करे शोर’!

साल 1978 में फारुख़ शेख और स्मिता पाटिल की एक शानदार पिक्चर आई थी, ‘गमन’। उसकी एक ग़ज़ल आज तक लोग गुनगुनाया करते हैं। फिल्म…

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Yagya

अतिरात्र : जेष्ठ प्रतिपदा से दशमी तक विजयवाड़ा, आन्ध्र प्रदेश में होगा यह महायाग

शुभकृत संवत्सर जेष्ठ प्रतिपदा से दशमी (20 से 30 मई 2023) तक आन्ध्रप्रदेश में विजयवाड़ा के पास स्थित चिन्नाकाशी श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती देवस्थानम् में द्विसहस्र…

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Sambhaji-Shivaji

शिवाजी ‘महाराज’ : शिवाजी ने हुक्म भेजा- सम्भाजी हमला करें, तो बेझिझक बम गिराओ

“रायगढ़ पर किसी को मेरी कोई कीमत ही नहीं है। एक बार महाराज को, रायगढ़ को और दुनिया को दिखा दूँ कि सम्भाजी राजे किस…

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Shivaji and Ekoji Raje

शिवाजी ‘महाराज’ : क्या युवराज सम्भाजी राजे सचमुच ही ‘स्वराज्यद्रोही गद्दार’ थे?

श्री शैवशैल मल्लिकार्जुन के मन्दिर में महाराज तल्लीन हो गए। उनको भावसमाधि लग गई। श्रीशैल में महाराज 10 दिन रहे। हमेशा राजनीति और रणभूमि की…

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Shivaji-Kutub Shah

शिवाजी ‘महाराज’ : शिवाजी ने जब गोलकोंडा के बादशाह से हाथ मिलाया, गले मिले

तमिल प्रान्त के तंजावर में शिवाजी महाराज के छोटे सौतेले भाई, एकोजी राजे अपनी जागीर का कारोबार देखते थे। वह खुद बहादुर थे। कर्तृत्त्ववान थे।…

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Netaji Palkar

शिवाजी ‘महाराज’ : परधर्मो भयावहः, स्वधर्मे निधनं श्रेयः…अपने धर्म में मृत्यु श्रेष्ठ है

बहादुरगढ़ में घुसकर मराठों ने औरंगजेब के दूधभाई, बहादुर खान के दाँत खट्टे किए। इस अचानक हमले में मराठों ने एक करोड़ रुपए जुटाए (सन्…

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Teacher

शिक्षक वो अज़ीम शख़्सियत है, जो हमेशा हमें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है

ज़िन्दगी में दो ही लोग चाहते हैं कि हम उनसे ज्यादा कामयाब हों। पहले- हमारे माता-पिता और दूसरे हमारे शिक्षक। हम कितने भी अमीर या…

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Shivaji-Procession

शिवाजी ‘महाराज’ : अग्नि को मुट्ठी में भींचा जा सकता है, तो ही शिवाजी को जीता जा सकता है

राजसभा में सिहासनारोहण आदि विधि और बाकी समारोह लगभग चार घंटे चला। इसके बाद महाराज शोभायात्रा के लिए तैयार हो गए। राजसभा के बाहर हाथी…

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Shivaji and British

शिवाजी ‘महाराज’ : राजा भए शिव छत्रपति, झुक गई गर्वीली गर्दन

चारों तरफ से खुशियाँ उमड़ रही थीं। आनन्द के मीठे बोल फूट रहे थे। महाराज प्रसन्न मुद्रा से सिंहासन पर बैठे थे। तभी सोलह सुहागनें…

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