Shiv-Rajyabhishek

शिवाजी ‘महाराज’ : सिंहासनाधीश्वर, क्षत्रियकुलावतंस महाराज शिवछत्रपति

महाराज के माथे पर से अभिषेक-जल की अमृतमय धाराएँ बह निकलीं। जिजाऊ साहब का बरसों से सजाया हुआ सपना उनके जीते-जी पूरा हुआ। उनके बेटे,…

View More शिवाजी ‘महाराज’ : सिंहासनाधीश्वर, क्षत्रियकुलावतंस महाराज शिवछत्रपति
Raigarh

शिवाजी ‘महाराज’ : रायगढ़ सज-धज कर शिवराज्याभिषेक की प्रतीक्षा कर रहा था

राजसभा के चबूतरे पर महाराज का सिंहासन था। नक्कारखाने से राजसभा में प्रवेश करते ही सामने शानदार ऊँचे चबूतरे पर यह चौकी दिखाई देती है।…

View More शिवाजी ‘महाराज’ : रायगढ़ सज-धज कर शिवराज्याभिषेक की प्रतीक्षा कर रहा था
Shivaji Raigarh

शिवाजी ‘महाराज’ : महाराष्ट्र का इन्द्रप्रस्थ साकार हो रहा था, महाराज स्वराज्य में मगन थे

रायगढ़ पर वेदमूर्ति गागाभट्ट तथा राजोपाध्याय अर्वीकर के मार्गदर्शन में राज्याभिषेक की पूर्व तैयारी शुरू हुई। गागाभट्ट तो बहुत ही कर्मठ थे। राज्याभिषेक के लिए…

View More शिवाजी ‘महाराज’ : महाराष्ट्र का इन्द्रप्रस्थ साकार हो रहा था, महाराज स्वराज्य में मगन थे
Gagabhatt-Shivaji

शिवाजी ‘महाराज’ : राज्याभिषिक्त हों, सिंहानस्थ हों शिवबा

महाराज का सबसे चहेता और महत्त्वपूर्ण किला पन्हालगढ़ अभी स्वराज में वापिस नहीं आया था। महाराज को पन्हाला वापस लेने की तीव्र इच्छा थी। एक…

View More शिवाजी ‘महाराज’ : राज्याभिषिक्त हों, सिंहानस्थ हों शिवबा
Chandravathi

‘मैंनूँ की’ सिद्धान्त पर चलने वालों को कर्नाटक की इन बुजुर्ग माँ से प्रेरणा लेनी चाहिए

कर्नाटक में मेंगलुरू के पास एक जगह है मंडारा। वहाँ रहती हैं 70 साल की बुजुर्ग चन्द्रावती जी। इन्हें इस बुधवार, पाँच अप्रैल को भारतीय…

View More ‘मैंनूँ की’ सिद्धान्त पर चलने वालों को कर्नाटक की इन बुजुर्ग माँ से प्रेरणा लेनी चाहिए
Samarth Ramdas-Shivaji

शिवाजी ‘महाराज’ : शिव-समर्थ भेंट हो गई, दो शिव-सागर एकरूप हुए

दिंडोरी की जीत के आठ ही दिन बाद मोरोपन्त पिंगले ने त्र्यम्बकगढ़ जीत लिया (दिनांक 25 अक्टूबर 1670)। अगले ही महीने (नवम्बर) में महाराज विदर्भ…

View More शिवाजी ‘महाराज’ : शिव-समर्थ भेंट हो गई, दो शिव-सागर एकरूप हुए
Tanaji Malusare

शिवाजी ‘महाराज’ : राजगढ़ में बैठे महाराज उछल पड़े, “मेरे सिंहों ने कोंढाणा जीत लिया”

माघ कृष्ण पक्ष नवमी। काली डरावनी आधी रात (दिनांक 4 फरवरी 1670)। आकाश में तारे टिमटिमा रहे थे। झुरमुटों में झींगुर बोल रहे थे। सिंहगढ़…

View More शिवाजी ‘महाराज’ : राजगढ़ में बैठे महाराज उछल पड़े, “मेरे सिंहों ने कोंढाणा जीत लिया”
Kondhana Fort

शिवाजी ‘महाराज’ : तान्हाजीराव मालुसरे बोल उठे, “महाराज, कोंढाणा किले को में जीत लूँगा”

महाराज ने औरंगजेब के खिलाफ युद्ध छेड़ने का फैसला किया। राजधानी के सामने सिर्फ छह कोस की दूरी पर था कोंढाणा उर्फ सिंहगढ़। सबसे पहले…

View More शिवाजी ‘महाराज’ : तान्हाजीराव मालुसरे बोल उठे, “महाराज, कोंढाणा किले को में जीत लूँगा”
Mughals-Atrocities

शिवाजी ‘महाराज’ : औरंगजेब की जुल्म-जबर्दस्ती खबरें आ रही थीं, महाराज बैचैन थे

समूचे मुगल राजवंश में औरंगजेब-सा गुणी आदमी दूसरा कोई नहीं था। बाबर, अकबर, शाहजहान और दाराशिकोह वगैरा से उसका व्यक्तित्त्व कई मायनों में अधिक समृद्ध…

View More शिवाजी ‘महाराज’ : औरंगजेब की जुल्म-जबर्दस्ती खबरें आ रही थीं, महाराज बैचैन थे
janjira-fort

शिवाजी ‘महाराज’ : जंजीरा का ‘अजेय’ किला मुस्लिम शासकों के कब्जे में कैसे आया?

महाराज आगरा से छूटकर आए और उन्होंने स्वराज्य की शासन-प्रणाली अधिक बलशाली, शास्त्रशुद्ध बनाई। जमीन के लगान की पद्धति, पैदल फौज तथा घुड़दल की संरचना…

View More शिवाजी ‘महाराज’ : जंजीरा का ‘अजेय’ किला मुस्लिम शासकों के कब्जे में कैसे आया?