“मैं बताता हूँ तुझे। तू अपनी बंदूक नीचे रख दे। मैं भी अपने आदमियों से कहता हूँ कि वे अपनी बंदूकों की मैगजीनें खाली कर…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : अपने भीतर की डायन को हाथ से फिसलने मत देना!Category: चुनिन्दा पन्ने
बांग्लादेश, श्रीलंका, लंदन, पेरिस, में जो हुआ, वह भारत के लिए ख़तरे की घंटी क्यों है?
बांग्लादेश से दहला देने वाली तस्वीरें और जानकारियाँ सामने आ रही हैं। ख़बरें हैं कि हिंसा पर उतारू प्रदर्शनकारी युवकों की भीड़ ने वहाँ की…
View More बांग्लादेश, श्रीलंका, लंदन, पेरिस, में जो हुआ, वह भारत के लिए ख़तरे की घंटी क्यों है?प्रेरक कहानी : रिश्तों में नफ़ा-नुक़सान नहीं देखा जाता
विनोद अपनी कार से कहीं जा रहा था। तभी सड़क किनारे उसे एक 12-13 साल की लड़की तरबूज बेचती दिखाई दी। विनोद ने गाड़ी रोक…
View More प्रेरक कहानी : रिश्तों में नफ़ा-नुक़सान नहीं देखा जाता‘मायावी अम्बा और शैतान’ : उसे अब जिंदा बच निकलने की संभावना दिखने लगी थी!
अंबा ने आड़ लेने के लिए छलाँग लगा दी। उसके पास अब 8-10 कारतूस ही बचे थे। तभी, बाईं ओर से एक गोली और आई।…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : उसे अब जिंदा बच निकलने की संभावना दिखने लगी थी!बजट आया, लेकिन बुजुर्गों के ‘आयुष्मान’ के लिए ‘मोदी की गारंटी’ नहीं लाया!
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट संसद में पेश हो चुका है। कुछ दिनों में पारित भी हो जाएगा। इस…
View More बजट आया, लेकिन बुजुर्गों के ‘आयुष्मान’ के लिए ‘मोदी की गारंटी’ नहीं लाया!‘मायावी अम्बा और शैतान’ : समय खुशी मनाने का नहीं, सच का सामना करने का था
खड़ाक——-क अचानक सनसनाती हुई उसके कान के पास से गुजरी गोली ने पास में एक पत्थर के टुकड़े कर दिए थे। हवा में छिटके पत्थर…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : समय खुशी मनाने का नहीं, सच का सामना करने का थाहमें समझना होगा कि मात्र विद्यालय में दी जाने वाली शिक्षा ही सबकुछ नहीं है!
“इतने गन्दे कपड़े पहनकर रोज आता है, क्या तुझे वर्दी के पैसे नहीं मिले? भाई नई खरीद ले।” अपनी कक्षा के बच्चे से ऐसा कह…
View More हमें समझना होगा कि मात्र विद्यालय में दी जाने वाली शिक्षा ही सबकुछ नहीं है!‘मायावी अम्बा और शैतान’ : पलक झपकते ही कई संगीनें पटाला की छाती के पार हो गईं
“तुम मेरे साथ यहाँ क्यों नहीं छिप सकती? यहाँ हम दोनों सुरक्षित रह सकते हैं।” पटाला उसे उस गोपनीय जगह पर छोड़कर जाने लगी तो…
View More ‘मायावी अम्बा और शैतान’ : पलक झपकते ही कई संगीनें पटाला की छाती के पार हो गईंमत लादिए अपनी इच्छाएँ, अपनी कुंठाएँ, अपनी आशाएँ, अपने सपने किसी पर!
आत्महत्या के कारणों पर जब भी चर्चा होती है, तब हम बाहरी कारण गिनने-गिनाने लग जाते हैं। करियर, वित्तीय परेशानी, सामाजिक हैसियत, आदि। इनके बाद…
View More मत लादिए अपनी इच्छाएँ, अपनी कुंठाएँ, अपनी आशाएँ, अपने सपने किसी पर!‘मायावी अम्बा और शैतान’ : जिनसे तू बचकर भागी है, वे यहाँ भी पहुँच गए है
वह घनी अँधेरी रात थी। इतनी अँधेरी कि साधारण आदमी तो एक-दूसरे को देख भी न सके। चलते वक्त एक-दूसरे से टकरा जाए। ऐसे माहौल…
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