Sonam Wangchuk

‘थ्री इडियट’ के फुंगशुक वाँगड़ू यानी सोनम वाँगचुक भूख-हड़ताल कर रहे हैं, ताकि ‘विकास-लीला’ से लद्दाख बच जाए

‘थ्री इडियट’ फिल्म के फुंगशुक वाँगड़ू तो सबको याद होंगे ही। अस्ल ज़िन्दगी में इस फिल्मी किरदार का नाम है, सोनम वाँगचुक। लद्दाख में रहते…

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जानकारों ने बताया- प्रबन्धन के क्षेत्र में योग कितना प्रासंगिक है

मानव जीवन की समस्त समस्याओं का समाधान योग से सम्भव है। आज के शोध कहते हैं कि योग हमें और हमारे जीवन को ही केवल…

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क्या भगवान राम के समकालीन थे महर्षि वाल्मीकि?

इस विषय की पिछली पोस्ट (भाग-चार) में वाल्मीकीय रामायण के युद्धकाण्ड के अन्तिम सर्ग (128) में फलश्रुति (ग्रन्थ के माहात्म्य) का ज़िक्र आया था। इस…

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क्या वाल्मीकीय रामायण में बालकाण्ड और उत्तरकाण्ड बाद में कभी जोड़े गए?

वाल्मीकीय रामायण के मूल स्वरूप के निर्धारण में प्रक्षिप्त की पहचान के लिए सामान्यत: संस्कृत के ऐसे प्रकाण्ड विद्वान की ज़रूरत होनी चाहिए जो भाषाविज्ञान…

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‘प्रबंधन के क्षेत्र में योग की प्रासंगिकता’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

भारत प्रज्ञाप्रतिष्ठान #अपनीडिजिटलडायरी के सहयोग से ‘प्रबंधन के क्षेत्र में योग की प्रासंगिकता’  विषय पर दिनांक 29/01/2023 , रविवार, सायं 6:00 से 7:45 के बीच…

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मृच्छकटिकम्-अंतिम भाग : दासता ऐसी बुरी होती है कि सत्य कहने पर भी कोई भरोसा नहीं करता

चारुदत्त चांडालों द्वारा वध हेतु ले जाया जाता है। वह अपनी मृत्यु की सम्भावना से दुखी नहीं है। अपितु कलंकित होकर मृत्यु का ग्रास बन…

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Agni Pariksha

अग्नि परीक्षा प्रसंग : किस तरह तुलसी ने सीता जी को ‘वाल्मीकीय सीता’ की त्रासदी मुक्त किया!

भिन्न-भिन्न काल में, भिन्न-भिन्न वैचारिक समूहों का प्रतिनिधित्त्व करनेवाली कई रामायणें लिखी गईं। किन्तु देश की मुख्य धारा में वाल्मीकीय रामायण को इतनी प्रतिष्ठा मिली…

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अपने खोल से बाहर निकलिए, पटियों पर पाँव धरिए, दोस्तों से गपियाइए, खुशी के कई पायदान ऊपर चढ़ जाएँगे

नए साल की शुरुआत से ही बीते साल (2022) की एक रिपोर्ट कई जगहों पर सुर्ख़ियों में है। रिपोर्ट में ख़ुशियों के पैमाने पर दुनिया…

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अधूरी सीख : सदियों में कभी पहाड़ सुबकते हैं, तो संभलते नहीं….

खुद हुए आबाद और शोहरत के लिए हमने पहाड़ बर्बाद कर दिए, बहुत रश्क और भरोसा था नोटों के चंद टुकडों पर, हमने कच्ची जमीं…

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मृच्छकटिकम्-19 : सुखी व्यक्ति के शत्रु भी मित्र हो जाते हैं, वहीं दु:ख में मित्र भी शत्रु

चांडालों के साथ चलते हुए सैनिक चारुदत्त को बाँधकर श्मशान की तरफ ले जाते हैं। मार्ग में चांडाल चारुदत्त से जानना चाहते हैं कि उसे…

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