हमने पिछली कड़ी में देखा था कि कैसे एक वस्तु को अलग-अलग दृष्टि से देखने वाला व्यक्ति अलग व्याख्या करता है। प्रत्येक समग्रता से वस्तु…
View More जो दिख रहा हो वास्तव में उतना ही सच नहीं होताCategory: चुनिन्दा पन्ने
आओ, कोई इस तन के तम्बूरे में तार जोड़ दो!
आज फिर अमावस है और मैं गर्म ऊँची चट्टानों पर खड़ा तेज सूरज की रोशनी में जीवन का वृन्दगान सुन रहा हूँ। एक छोर पर…
View More आओ, कोई इस तन के तम्बूरे में तार जोड़ दो!क्या भारत का खगोल शास्त्र सिर्फ कुंडली बनाने का तरीका भर है?
हमारा कोई दिन बिना नाम का नहीं होता। वैसे ही महीनों के नाम हैं। और तो और साल का भी नाम निर्धारित किया हुआ है।…
View More क्या भारत का खगोल शास्त्र सिर्फ कुंडली बनाने का तरीका भर है?कचरे का क्या….. अब तक पड़ा हुआ है
गैस त्रासदी की 25वीं बरसी पर सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट (सीएसई) ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि यूका कारखाने के जहरीले रसायन…
View More कचरे का क्या….. अब तक पड़ा हुआ हैआज अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा दिवस है… जानें इस बारे में ‘नॉलेज-पिल्स’ के जरिए
‘नॉलेज-पिल्स’ यानी ‘ज्ञान-की-गोली’ में आज खास * अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा दिवस के बारे में, जो हर साल 26 अप्रैल को मनाया जाता है। * बौद्धिक…
View More आज अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा दिवस है… जानें इस बारे में ‘नॉलेज-पिल्स’ के जरिएसब भूलकर अपनी गठरी खोलो और जी लो, बस
जीवन के उत्तरार्ध में हम सब का मूल्याँकन रुपए-पैसे से होता है। कितनी पेंशन बनी, कितनी बचत थी, फंड कितना मिला, बच्चों को सैटल कर…
View More सब भूलकर अपनी गठरी खोलो और जी लो, बसजल्दी करो भई, मंत्रियों को वर्ल्ड कप फुटबॉल देखने जाना है!
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंत्री समूह को गैस त्रासदी मामले पर हर हाल में 21 जून तक रिपोर्ट देने को कहा था। इसकी सबसे बड़ी…
View More जल्दी करो भई, मंत्रियों को वर्ल्ड कप फुटबॉल देखने जाना है!बाँसुरी से मिली एक शिक्षा- ज़ुबान कम चलाएँ, नतीजे बेहतर होंगे
श्रीकृष्ण ने बाँसुरी को यूँ ही अपने होंठो पर नहीं लगाया होगा। बहुत सोच-विचार कर इसे अपनी जीवन-संगिनी बनाया होगा। क्योंकि यह सीधा-सादा सा बाँस…
View More बाँसुरी से मिली एक शिक्षा- ज़ुबान कम चलाएँ, नतीजे बेहतर होंगेहम सब कुछ पाने के लिए ही करते हैं पर सुख क्यों नहीं मिलता?
एक सेठ जी को एक बार यह जानने की चिन्ता हुई कि मेरी सम्पत्ति कितनी है? इसका उपभोग और कितने दिन किया जा सकता है? सो, तत्काल उन्होंने अपने अकाउंटेंट को बुलवा भेजा और उससे जानना चाहा। बदले में लेखाधिकारी ने कुछ समय माँगा। कुछ दिनों बाद लेखाधिकारी सेठ जी को बताता है कि यह सम्पत्ति आपकी अगली आठ पीढ़ियों तक के लिए पर्याप्त है। फिर क्या था सेठ जी चिन्ता में डूब गए….
View More हम सब कुछ पाने के लिए ही करते हैं पर सुख क्यों नहीं मिलता?समाज को सशक्त बनाते स्टैंड-अप इंडिया के 6 साल पूरे
आज ख़ासः भारत सरकार की पहल स्टैंड-अप इंडिया के 6 साल पूरे पिछले छह साल में 30,160 करोड़ रुपये के कर्ज दिए गए अनुसूचित जाति,…
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